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डेली डेली यूज़ यूज़ (15 Sep, 2020) drishtiias.com /hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/15-09-2020/print भारत भारत-चीन चीन सीमा सीमा िववाद िववाद केके समाधान समाधान SCO भूिमका भूिमका िलस िलस केके लये लये शंघाई सहयोग संगठन’, वा#तिवक िनयं$ण रेखा, 'ाड मेस मेस केके लये लये : भारत-चीन सीमा िववाद चचा( चचा( )य* )य* ? हाल ही भारत और चीन के िवदे श मंिय के बीच वातिवक ि नयंण रे खा (Line of Actual Control- LAC) पर तनाव को कम करने हे तु एक पाँच सूीय योजना पर सहमित $य%त की गई, इस बै ठक के िलये के साथ ही शंघाई सहयोग संगठन की भूिमका को भी मह--वपूण. माना जा रहा है मुख मुख ,बदु ,बदु : /यात$य है ि 9-10 ि सतंबर, 2020 को मॅाको () शंघाई सहयोग संगठन’ (Shanghai Cooperation Organisation- SCO) िवदेश मंिय की पिरषद (Council of Foreign Ministers- CFM) की बै ठक का आयोजन ि कया गया थाइस दौरान भारत और चीन के िवदे श मंिय की एक बै ठक के दौरान वातिवक ि नयंण रे खा पर तनाव को कम करने के िलये एक पाँच सूीय योजना को लागू करने पर सहमित $य%त की गई थीपृ0भूिम पृ0भूिम: शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation- SCO) जून 2001 शंघाई फाइव’ (Shanghai Five) के िवतार के बाद अित--व आया थागौरतलब है ि शंघाई फाइवका गठन , चीन, कजािकतान, ि किग.तान और तािजिकतान ने साथ ि मलकर वष. 1996 ि कया था1/16

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  • डेलीडेली यूज़यूज़ (15 Sep, 2020)drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/15-09-2020/print

    भारतभारत-चीनचीन सीमासीमा िववादिववाद केके समाधानसमाधान मम SCO कक भूिमकाभूिमका

    ि ल सि ल स केके लयेलये ‘शघंाई सहयोग संगठन’, वा तिवक िनयं ण रखेा,

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    मे समे स केके लयेलये:भारत-चीन सीमा िववाद

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म स म भारत और चीन के िवदेश मंि य के बीच वा तिवक िनयं ण रेखा (Line of ActualControl- LAC) पर तनाव को कम करने हेतु एक पाँच सू ीय योजना पर सहमित य त की गई, इस बैठक केिलये स के साथ ही शंघाई सहयोग संगठन की भिूमका को भी मह वपणू माना जा रहा है।

    मुखमुख बदुबद:ुयात य है िक 9-10 िसतंबर, 2020 को मॅा को ( स) म ‘शंघाई सहयोग संगठन’ (Shanghai

    Cooperation Organisation- SCO) िवदेश मंि य की पिरषद (Council of Foreign Ministers-CFM) की बैठक का आयोजन िकया गया था।इस दौरान भारत और चीन के िवदेश मंि य की एक बैठक के दौरान वा तिवक िनयं ण रेखा पर तनावको कम करने के िलये एक पाँच सू ीय योजना को लाग ूकरने पर सहमित य त की गई थी।

    पृ भूिमपृ भूिम: शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation- SCO) जनू 2001 म ‘शंघाईफाइव’ (Shanghai Five) के िव तार के बाद अि त व म आया था।

    गौरतलब है िक ‘शंघाई फाइव’ का गठन स, चीन, कजािक तान, िकिग तान और तािजिक तान नेसाथ िमलकर वष 1996 म िकया था।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/15-09-2020/printhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/who-does-galwan-valley-belong-tohttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/5-point-plan-to-de-escalate-lac-stand-off

  • वतमान म िव व के 8 देश (कज़ािक तान, चीन, िकिग तान, स, तािजिक तान, उ बेिक तान, भारत औरपािक तान) SCO के सद य ह।अफगािन तान, ईरान, बेला स और मंगोिलया SCO म पयवे क (Observer) के प म शािमल ह।इस संगठन के उ े य म े ीय सुर ा, सीमावती े म तैनात सैिनक की सं या म कमी करना, औरआतंकवाद की चुनौती पर काम करना आिद शािमल था।

    मह वपूणमह वपूण िनकायिनकाय: SCO के दो थायी िनकाय ह-

    1. SCO मु यालय, यह चीन की राजधानी बीिजंग म ि थत है।2. े ीय आतंकवाद रोधी संरचना (Regional Anti-Terrorist Structure- RATS), इसकी

    कायकारी सिमित का कायालय उ बेिक तान की राजधानी ताशकंद म ि थत है।SCO के महासिचव और RATS की कायकारी सिमित के िनदेशक को रा य के मुख की पिरषद ारािनयु त िकया जाता है।

    इनकी िनयुि त तीन वषो ंके िलये की जाती है।

    संघषसंघष समाधानसमाधान मम शघंाईशघंाई फाइवफाइव कक भूिमकाभूिमका: ‘शंघाई फाइव’ की थापना का एक और अ यंत मह वपणू ल य ‘संघष समाधान’ (ConflictResolution) भी था।यह समहू मह वपणू इसिलये भी है य िक इस समहू की थापना के बाद यह चीन और स के बीचसंघष के समाधान के साथ आगे चलकर समहू म शािमल अ य म य एिशयाई गणरा य के बीच संघष कोदरू करने म सफल रहा।

    उदाहरण के िलये वष 1996 की ‘शंघाई फाइव’ देश की बैठक म चीन, स, कज़ािक तान,िकिग तान और तािजिक तान के बीच ‘सीमा के िनकट सै य े म िव वास-िनमाण पर समझौता’नामक एक समझौते पर ह ता र िकये गए।इस समझौते के कारण ही वष 1997 म इन देश के बीच अपनी साझा सीमाओं पर सैिनक कीसं या को कम करने का समझौता संभव हुआ।इसके बाद, इसने म य एिशयाई देश को अपने कुछ अ य सीमा िववाद को हल करने म सहायताकी है।

    अ यअ य समझौतेसमझौते औरऔर मह वपूणमह वपूण बठैकबठैक: वष 1997 की बैठक म चीन और कज़ािक तान के बीच सीमा पर दोनो ंप ो ं ारा सैिनको ंकी सं या कमकरने का आपसी समझौता हुआ। इसके साथ ही इस बैठक म िकिग तान, तािजिक तान और उ बेिक तान के बीच सीमा िववाद पर समझौतेहुए। मंुबई आतंकवादी हमल के प चात वष 2009 म अ ताना (वतमान म नरू-सु तान) म आयोिजत SCOिशखर स मेलन के दौरान भारतीय धानमं ी मनमोहन िसंह और पिक तान के धानमं ी आिसफ अलीजरदारी के बीच बैठक हुई थी। वष 2015 उफा ( स) म आयोिजत SCO िशखर स मेलन के दौरान भारतीय धानमं ी नरद मोदी औरपािक तानी धानमं ी नवाज शरीफ की बैठक के बाद एक संयु त बयान भी जारी िकया गया। हालाँिकइसके बाद से दोन देश के बीच कोई बैठक नही ंहुई है।

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  • प मप म केके देशदेश कक ति याति या: SCO ारा सै य सहयोग को बढ़ावा देने की मांग के कारण इस ‘नाटो िवरोधी’ (Anti NATO) समहू केप म भी देखा गया।

    गौरतलब है िक वष 2005 की ‘अ ताना घोषणा’ (Astana declaration) म SCO देश को ‘ ेम शांित, सुर ा और ि थरता को खतरा पैदा करने वाली ि थितय के िव साझा िति या परकाय करने का आ ान िकया गया था।

    SCO के संदभ म पि चमी और NATO देश की िचंताएँ लगभग एक दशक बाद पुनः बढ़ ग य िकीिमया िववाद को लेकर स पर पि चमी और NATO देश ारा ितबंध की घोषणा के बाद चीन स

    के समथन म आया और दोन देश के बीच तीस वषो ंके िलये लगभग 400 िबिलयन अमेिरकी डॉलर केगैस पाइपलाइन समझौते पर ह ता र िकये गए थे। चीन ारा शु की गई बे ट एंड रोड इिनिशएिटव पिरयोजना (Belt and Road' initiative- BRI) भीSCO घोषणाओं का िह सा बन गई है, स इस योजना का िह सा नही ंहै परंतु वह इसका समथन करताहै।

    चुनौतयाँचुनौतयाँ: भारत वष 2005 म SCO समहू म एक पयवे क के प म शािमल हुआ था और वष 2015 म इस समहूका सद य बना।SCO म शािमल होने के िनणय को मह वपणू होते हुए भी भारत सरकार की सबसे अिधक उलझी हुईिवदेशी नीितय म से एक माना जाता है।य िक इसी समय भारत का झुकाव पि चमी देश और िवशेषकर वाड (QUAD) को मज़बतू करने परथा। वष 2014 म भारत और पािक तान के बीच सभी संबंध (वाता, यापार आिद) समा त कर िदये गए तथाभारत ने पािक तान के साथ तनाव के कारण साक (SAARC) िशखर स मेलन म िह सा लेने से इनकारकर िदया।हालाँिक दोन देश के ितिनिध SCO की सभी बैठक म शािमल हुए ह।भारत ारा सभी वैि वक मंच पर पािक तान को सीमा-पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के िलये िज़ मेदारबताया जाता है, परंतु SCO के तहत RATS के सद य के प म भारत और पािक तान के सश बलसै य अ यास और आतंकवाद-िवरोधी अ यास म िह सा लेते ह।

    आगेआगे कक राहराह: SCO हमेशा से ही सद य देश के बीच िववाद के समाधान म मह वपणू भिूमका िनभाता रहा है, ऐसे मभारत और चीन के बीच LAC पर हािलया तनाव को कम करने म SCO एक मह वपणू मंच दान करसकता है।हालाँिक इस बैठक का पिरणाम सीमा पर दोन देश की गितिविधय पर भी िनभर करेगा।LAC पर चीन की आ ामकता को िनयंि त करने के साथ ही िहंद-महासागर े म चीन के ह त ेप कोकम करने के िलये भारत ारा े के अ य देश के साथ िमलकर साझा यास को बढ़ावा िदया जानाचािहये।हाल के वषो ंम भारतीय िवदेश नीित म पि चमी देश (िवशेषकर अमेिरका) की तरफ झुकाव अिधक देखनेको िमला है अतः वतमान म SCO भारत के िलये अमेिरका और स के साथ संबंध के संतुलन को बनाएरखने म सहायक हो सकता है।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/important-institution/international-organization/north-atlantic-treaty-organization-natohttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/third-meeting-of-the-quad-countrieshttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/modi-calls-for-saarc-emergency-fund

  • ोतोत: दद हदूहदू

    वा यवा य मं ालयमं ालय ाराारा COVID-19 केके प ात्प ात् वा यवा य ोटोकॉलोटोकॉल जारीजारी

    ि ल सि ल स केके लयेलये COVID-19

    मे समे स केके लयेलये COVID-19 के प ात् वा य ोटोकॉल

    चचाचचा मम यय ?COVID-19 तथा अ य रोग से अिधक गंभीर प से पीिड़त यि तय के ठीक होने की अविध अिधक लंबी होसकती है। COVID-19 के प चात ्भी ठीक होने वाले सभी मरीज़ की आगे की जाँच (Follow-up) और उनकीसेहत की देखभाल के िलये एक समग दृि टकोण की आव यकता को देखते हुए कदीय वा य एवं पिरवारक याण मं ालय ने ‘COVID-19 के प चात ्अपनाए जाने वाले उपचार बंधन ोटोकॉल’ को जारी िकया है।

    मुखमुख बदुबद:ुगंभीर COVID-19 से ठीक हो चुके मरीज़ो ंम थकान, शरीर म दद, खासँी, गले म खराश, सासँ लेने मकिठनाई सिहत िविभ न कार के ल ण देखने को िमल सकते ह। यह COVID-19 से ठीक हो चुके मरीज़ के उपचार बंधन के िलये एक एकीकृत समग दृि टकोण दानकरता है।इस ोटोकॉल का उपयोग िनवारक/उपचारा मक िचिक सा के प म करने के िलये नही ंहै।

    यि गतयि गत तरतर परपर COVID-19 से बचने के िलये िनिद ट उपयु त यवहार, जैसे-चेहरे पर मा क लगाना, हाथ और वसनव छता, सामािजक दरूी बनाए रखना, आिद जारी रखे जाने चािहये।पया त मा ा म गम पानी पीना।आयुष िचिक सक ारा बताई गई रोग ितरोधक मता म वृि करने वाली आयुष दवाइयाँ लेना।वा य ठीक होने पर िनयिमत प से घरेल ूकाम करना। पेशेवर काम को ेणीब तरीके से िफर से शुिकया जाना चािहये।ह का/म यम यायाम, योगासन, ाणायाम और यान का दैिनक अ यास तथा िचिक सक ारा बताए गएवसन संबंधी यायाम करना।सुबह/शाम को आरामदायक गित से चलते हुए टहलना और आसानी से पचने वाले संतुिलत पौि टक,ताज़े पके हुए नरम आहार का सेवन करना।पया त नीदं लेना और आराम करना। धमूपान और शराब के सेवन से बचना।COVID-19 और सह- णता के िलये डॉ टर की सलाह के अनुसार िनयिमत दवाइयाँ लेना तथा ली जारही सभी दवाइय (एलोपैिथक/आयुष) के बारे म िचिक सक को सिूचत करना।

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  • तापमान, र तचाप, र त शकरा और ऑ सीमेटी आिद पर व- वा य िनगरानी रखना।सखूी खाँसी/गले म खराश होने पर नमक िमले हुए गम पानी से गरारे करना और भाप से साँस लेना। तीव बुखार, साँस की सम या, SPO2

  • चचाचचा मम यय ? हाल ही म कद सरकार ारा िव ीय वष 2020-21 के िलये 2.35 लाख करोड़ पए के सकल अितिर त यय हेतुसंसद की मंज़रूी मांगी गई है।

    मुखमुख बदुबद:ु कदीय िव मं ी ने 14 िसतंबर, 2020 को लोकसभा म चाल ूिव ीय वष के िलये अनुपरूक मांग कािववरण तुत िकया है।2.35 लाख करोड़ पए के सकल अितिर त यय म िनवल नकद यय लगभग 1.67 लाख करोड़ पएहै।इसम बाकी के धन का ावधान अ य मं ालय या िवभाग की बचत या वसिूलय से िकया जाएगा।COVID-19 महामारी के कारण उ प न हुई आपातकाल जैसी ि थित के कारण सरकार के यय म वृि हुईहैकद सरकार ारा 15व िव आयोग की िसफािरश के अनु प राज व घाटा अनुदान के तहत अितिर तआवंटन दान करने के िलये 44,340 करोड़ पए के खच की वीकृित की मांग की गई है।

    मनरगेामनरगेा केके लयेलये: कद सरकार ारा तुत मांग म से 40,000 करोड़ पए ‘महा मा गांधी रा टीय गामीण रोज़गार गारंटीअिधिनयम’ (MANREG A) या मनरेगा योजना के िलये िनधािरत िकया है।

    गौरतलब है िक कद सरकार ारा आ मिनभर भारत पैकेज के तहत मनरेगा के िलये अितिर त ययकी घोषणा की गई थी।इस अितिर त फंड के साथ वतमान िव ीय वष के मनरेगा का बजट 1 लाख करोड़ पए तक पहँुचजाएगा।

    इसके अितिर त धानमं ी जन धन योजना (Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana- PMJDY) औररा टीय सामािजक सहायता काय म (National Social Assistance Scheme- NSAP) के तहतय लाभ ह तांतरण के िलये 33,771.48 करोड़ पए के यय की मंज़रूी की मांग की गई है।

    सावजिनकसावजिनक ेे केके बकबक केके पुनपूजीकरणपुनपूजीकरण हेतुहेतु: कद सरकार ारा तुत अनुपरूक मांग के तहत सरकारी ितभिूतय के मा यम से सावजिनक े केबक के पुनपूंजीकरण हेतु 20,000 करोड़ पए की मांग की गई है।गौरतलब है िक िव ीय वष 2020-21 के बजट म कद सरकार ारा बक पुनपूंजीकरण के िलये कोई धनआवंिटत नही ंिकया गया था, परंतु COVID-19 महामारी के िनयं ण हेतु लाग ूलॉकडाउन के कारण उ प नहुई आिथक चुनौितय को देखते हुए जुलाई 2020 म भारतीय िरज़व बक (Reserve Bank of India-RBI) ने बक के पुनपूंजीकरण की आव यकता को रेखांिकत िकया था।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/mgnrega-increase-in-working-days-requiredhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/self-reliant-india-mission-and-economic-stimulushttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/jan-dhan-yojana-made-an-open-ended-schemehttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/national-social-assistance-program-performancehttps://www.drishtiias.com/estore/study-material/state-pcs-study-materials-hindi/cgpsc-gs-pre-mains-hindihttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/nris-can-now-invest-in-specified-govt-bondshttps://www.drishtiias.com/hindi/important-institution/national-organization/reserve-bank-of-india-rbi

  • इसम कदीय वा य और पिरवार क याण मं ालय ारा COVID-19 महामारी के िनयं ण के िलये6,852 करोड़ पए की मांग के साथ सरकारी अ पताल के िलये आव यक सामगी और मशीनरी खरीदनेके िलये अितिर त मांग भी शािमल है।

    अनुपूरकअनुपूरक अनुदानअनुदान: िकसी वष के िलये सरकार ारा िनधािरत यय को परूा करने के िलये आव यक अितिर त अनुदान कोअनुपरूक अनुदान कहा जाता है।जब संसद ारा अिधकृत अनुदान आव यक यय से कम हो जाता है तो उस ि थित म संसद के समअितिर त अनुदान के िलये एक अनुमान तुत िकया जाता है।अनुपरूक अनुदान को िव ीय वष की समाि त के पहले संसद म तुत और पािरत (संसद ारा) िकयाजाता है।भारतीय संिवधान के अनु छेद-115 के तहत अितिर त या अिधक अनुदान (Additional or ExcessGrants) के साथ अनुपरूक अनुदान का ावधान िकया गया है।

    अ यअ य अनुदानअनुदान: अितिर त अनुदान: अितिर त अनुदान उस समय दान िकया जाता है जब सरकार को उस वष के िव ीयिववरण म पिरकि पत/अनु यात की गई सेवाओं के अितिर त िकसी नई सेवा के िलये धन की आव यकताहोती है। अिधक अनुदान (Excess Grant): यह उस समय दान िकया जाता है जब िकसी सेवा पर उस िव ीयवष म िनधािरत (उस वष म संबंिधत सेवा के िलये) या अनुदान िकये गए धन से अिधक यय हो जाता है। लेखानुदान (Votes on Account): यिद कद सरकार परेू वष के थान पर कुछ ही महीन के िलये संसदसे ज री खच हेतु अनुमित ा त करनी होती है तो उस ि थित म सरकार लेखानुदान या वोट ऑनअकाउंट पेश कर सकती है। अंतिरम बजट म कद सरकार खच के अलावा राज व का भी यौरा पेश करतीहै जबिक लेखानुदान म िसफ खच के िलये संसद से मंज़रूी ली जाती है।

    यानुदान (Vote of Credit): यिद िकसी सेवा की मह ा या उसके अिनि चत व प के कारण मांगको बजट म इस कार नही ंरखा जा सकता िजस कार सामा यतया बजट म अ य मांग को रखा जाता है,तो ऐसी मांगो की पिूत के िलये यानुदान िदया जाता है। अपवादानुदान (Exceptional Grant): यह िकसी िवशेष उ े य के िलये दान िकया जाता है।

    भारतीय संिवधान के अनु छेद-116 के तहत लेखानुदान, यानुदान और अपवादानुदान का िनधारणिकया गया है।

    ोतोत: दद हदूहद ू

    भारतीयभारतीय इ पातइ पात उ ोगउ ोग: िदशािदशा औरऔर दशादशा

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  • ि ल सि ल स केके लयेलयेभारतीय इ पात से संबंधत मु य त य, रा ीय इ पात नीत2017

    मे समे स केके लयेलयेइ पात उ ोग का मह व और चुनौतयाँ

    चचाचचा मम यय ?लोकसभा म तुत िकये गए िलिखत जवाब म कदीय इ पात मं ी धमद धान ने कहा िक बीते कुछ वषो ंमभारतीय इ पात उ ोग ने अपनी मता, उ पादन, िनयात और िब ी म लगातार वृि की है।

    मुखमुख बदुबदुयात य है िक बीते कुछ वषो ंम भारत के इ पात उ ोग के उ पादन म आ चयजनक वृि देखने कोिमली है, और अ ैल-अग त, 2020 की अविध के दौरान, िव ीय वष 2019-20 की इसी अविध कीतुलना म भारत से इ पात के िनयात म 153 ितशत से अिधक की वृि हुई है।

    समसम िवकासिवकास मम इ पातइ पात उ ोगउ ोग काका मह वमह वइ पात को आधुिनक िव व के सबसे मह वपणू उ पाद म से एक माना जाता है और यह िकसी भीऔ ोिगक रा ट के िलये रणनीितक दृि ट से काफी अिनवाय भिूमका अदा करता है।िनमाण और औ ोिगक मशीनरी से लेकर उपभो ता उ पाद तक इ पात का उपयोग िविभ न थान परदेखा जा सकता है।िकसी िवकासशील अथ यव था के िलये एक जीवंत घरेल ूइ पात उ ोग का होना काफी आव यक है,य िक यह िनणय, बुिनयादी ढाँचे, मोटर वाहन, पूंजीगत व तुओं, र ा, रेल आिद जैसे मुख े केिलये मह वपणू इनपुट होता है।वतमान समय म इ पात संभवतः सबसे अिधक पुननवीनीकृत (Recycled) होने वाली सामगी है, औरइसकी इस पुनच ण कृित के कारण इसे पयावरणीय प से थायी आिथक िवकास के दृि टकोण सेकाफी मह वपणू माना जाता है।भारत का इ पात उ ोग काफी िवशाल है, िजसके कारण यह काफी बड़ी मा ा म रोज़गार सृजन भी करताहै।

    भारतीयभारतीय इ पातइ पात उ ोगउ ोग

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    https://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1600168654_Steel-Industries.jpg

  • भारतीय इ पात उ ोग को देश के औ ोिगक िवकास का एक मह वपणू तंभ माना जाता है, और इसीमह ा के कारण आज़ादी के बाद से भारतीय इ पात उ ोग ने काफी िवकास िकया है।अनुमान के मुतािबक, आज़ादी के समय भारतीय इ पात उ ोग का उ पादन तकरीबन 1 मीिटक टन ितवष (MTPA) था, जो िक वतमान म 142 मीिटक टन ित वष पर पहँुच गया है।भारत का इ पात उ ोग एक पणूतः थािपत उ ोग है और बीते कुछ वषो ंम इसम िनरंतर वृि देखी गईहै। बीते छह वषो ंम भारत म तैयार इ पात की मांग म 6.4 ितशत की दर से वृि हुई है, और वष2018-19 म यह 99 मीिटक टन ित वष (MTPA) पर पहँुच गई है।भारत म वष 2018-19 म क चे इ पात की उ पादन मता तकरीबन 142.236 िमिलयन टन थी जबिकक चे इ पात का उ पादन लगभग 110.921 िमिलयन टन हुआ था।इस कार उ पादन म हो रही िनरंतर वृि ने भारत को वैि वक इ पात उ ोग म एक मुख शि त के पम थािपत िकया है। आँकड़ के अनुसार, वष 2019 म भारत िव व भर म क चे इ पात का दसूरा सबसेबड़ा उ पादक है और दुिनया के कुल इ पात उ पादन म इसकी िह सेदारी तकरीबन 6.1 ितशत है। वही ंतैयार इ पात के उपभोग के मामले म भी भारत ने काफी अ छा दशन िकया है और वष 2018 केदौरान भारत तैयार इ पात का परूी दुिनया म तीसरा सबसे बड़ा उपभो ता था। भारत म तैयार इ पात की ित यि त खपत वष 2014-15 के दौरान 60.8 िकलोगाम थी, जो िक वष2018-19 म बढ़कर 74.1 िकलोगाम हो गई। यात य है िक इ पात की ित यि त खपत िकसी भी देश मसामािजक-आिथक िवकास और आम लोग के जीवन तर का सचूक होती है।

    भारतीयभारतीय इ पातइ पात उ ोगउ ोग- चुनौतयाँचुनौतयाँिव : इ पात उ ोग एक पूंजी धान उ ोग है। अनुमानतः 1 टन टील बनाने की मता थािपत करनेके िलये तकरीबन 7,000 करोड़ पए की आव यकता होती है। आमतौर पर इस कार का िव पोषणउधार ली गई रािश के मा यम से िकया जाता है। िकंतु भारत म चीन, जापान और कोिरया जैसे देशो ंकीअपे ा िव की लागत काफी अिधक है जो िक इस उ ोग के िवकास म एक बड़ी बाधा के प म सामनेआई है। इसके कारण इ पात के कुल उ पादन की अंितम लागत म लगभग तकरीबन 30-35 अमेिरकीडॉलर की वृि होती है।लॉिजि ट स: अिधकांश भारतीय इ पात िनमाताओं के िलये लॉिजि ट स आव यकताओं का बंधनकरना काफी किठन, चुनौतीपणू और महँगा होता है। इ पात के िनणय के िलये मु यतः लौह अय क औरकोयले की आव यकता होती है, और ये दोन ही थोक व तुएँ ह और इनको एक थान से दसूरे थान पर लेजाना काफी चुनौतीपणू होता है, इसके अलावा तैयार इ पात को उपभो ताओं तक पहँुचाना भी काफी किठनकाय होता है।उ पादन मता का अ प-उपयोग: भारत म इ पात की उ पादन मता का कम उपयोग भी एकमह वपणू सम या है, उदाहरण के िलये िव वष 2018-19 म भारत म इ पात उ पादन की मतातकरीबन 142.236 मीिटक टन ितवष थी, िकंतु इस दौरान 110.921 मीिटक टन उ पादन ही हो सका, इसकार इस अविध के दौरान आव यक मता का केवल 78 ितशत उपयोग ही हो सका।

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    https://www.drishtiias.com/estore/study-material/state-pcs-study-materials-hindi/uk-gs-pre-main

  • पयावरण संबंधी िचंताएँ: पयावरण संबंधी िचंताएँ लगातार कदीय तर पर अपनी पहचान थािपत करतीजा रही ह, हालाँिक भारत के भिव य के िलये यह एक अ छी खबर है, िकंतु ये िचंताएँ कई उ ोग केिवकास म बाधा उ प न कर रही ह, िजनम इ पात उ ोग भी शािमल है।

    रा ीयरा ीय इ पातइ पात नीतनीत 2017इ पात मं ालय से मंज़रूी ा त करने के प चात ्रा टीय इ पात नीित को 8 मई, 2017 को यहसुिनि चत करने के िलये अिधसिूचत िकया गया था िक भारतीय इ पात उ ोग आधुिनक भारत की बढ़तीआव यकताओं को परूा करने और भारत के थायी िवकास को बढ़ावा देने म अपनी भिूमका अदा करसके। इस नीित के तहत भारत म वष 2030-31 तक 300 मीिटक टन क चे इ पात का उ पादन कर िव व तरपर ित प ी इ पात उ ोग का िनमाण करना है। यह नीित उ पादक को नीित समथन और मागदशन दान करके इ पात उ पादन म आ मिनभर बनानेका ल य िनधािरत करती है। नीित म उ च ेणी के ऑटोमोिटव इ पात, िव ुत-इ पात और िवशेष इ पात की कुल मांग को 100ितशत वदेश म ही परूा करने का ल य िनधािरत िकया गया है। नई इ पात नीित म घरेल ूइ पात उ पादक के िलये गुणव ा मानक का िवकास भी शािमल िकया गया हैिजससे उ च ेणी के इ पात का उ पादन हो सके।

    आगेआगे कक राहराहभारत को 2024 तक 5 िटिलयन की अथ यव था बनाने के ल य को हािसल करने के िलये इ पात किदते जैसे सभी के िलये आवास, शत- ितशत िव ुतीकरण, पाइप ारा पेयजल आपिूत आिद म भारी

    िनवेश िकया जाएगा। इ पात े म वृि की अपार संभावनाएँ ह और आने वाले समय इसकी घरेल ूमांग म भी वृि होगी।इसिलये यह सुिनि चत करना मह वपणू है िक घरेल ूइ पात उ ोग इस मांग को परूा करने म स महो। भारत के उ ोग के िवकास म अभी भी कई बाधाएँ मौजदू ह, िज ह ज द-से-ज द संबोिधत कर उ ोगका िवकास सुिनि चत िकया जाना अित आव यक है।

    ोतोत: पी.आई.बी.पी.आई.बी.

    भिव यभिव य िनधिनध कक याजयाज दरदर मम कमीकमी

    ि ल सि ल स केके लयेलयेकमचारी भिव य िनध संगठन

    मे समे स केके लयेलयेयाज दर म कटौती का िनणय और उसके भाव, कमचारी भिव य िनध संगठन क

    काय णाली

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  • चचाचचा मम यय ?कमचारी भिव य िनिध संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation-EPFO) के कदीय यासीबोड (Central Board of Trustees) ने वष 2019-20 के िलये 8.5 ितशत की याज दर को दो िह स मिवभािजत करने की िसफािरश की है।

    मुखमुख बदुबदुकदीय यासी बोड का हािलया िनणय

    कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण उ प न हुई असाधारण पिरि थितय का हवालादेते हुए कमचारी भिव य िनिध संगठन (EPFO) के कदीय यासी बोड ने इसी वष माच माह मEPFO के सद य को िमलने वाले याज को 8.65 ितशत से घटाकर 8.50 ितशत करने औरइसे दो िह स म िवभािजत करने की िसफािरश की थी।िसफािरश के अनुसार, कमचारी भिव य िनिध संगठन (EPFO) अपने छह करोड़ से अिधक गाहकके खाते म त काल 8.15 ितशत याज का भुगतान करेगा, जबिक शेष 0.35 ितशत याज काभुगतान ए सचज टेडेड फंड (ETF) म िनवेश के एक िह से की िब ी से जमा िकया जाएगा, िजसे31 िदसंबर, 2020 तक उनके खाते म जमा िकया जाएगा।इसका अथ है िक वतमान म कमचारी भिव य िनिध संगठन (EPFO) अपने छह करोड़ से अिधकसद य को याज का केवल आंिशक यानी तकरीबन 58,000 करोड़ पए का ही भुगतान करसकता है, जबिक शेष रािश यानी तकरीबन 2,700 करोड़ पए का भुगतान तरलता की कमी केकारण िदसंबर माह तक िकया जाएगा।उ लेखनीय है िक कमचारी भिव य िनिध संगठन (EPFO) ारा िसफािरश की गई 8.5 ितशत कीयाज दर िवगत सात वष के सबसे िनचले तर पर है।वही ंयिद ए सचज टेडेड फंड (ETF) इकाइय म िनवेश को बेचने से अपेि त लाभ ा त नहींहोता है, तो 8.15 ितशत की याज दर िव ीय वष 1977-78 की 8 ितशत की याज दर के बादसे सबसे कम होगी।

    कमचारीकमचारी भिव यभिव य िनधिनध संगठनसंगठन (EPFO) कक िनवेशिनवेश णालीणालीकमचारी भिव य िनिध संगठन (EPFO) अपने संपणू कोष का उपयोग ऋण िवलेख (DebtInstruments) और इि वटी म िनवेश करके आय अिजत करने के िलये करता है। अनुमान के मुतािबकबीते िव ीय वष कमचारी भिव य िनिध संगठन का कुल कोष तकरीबन 13-14 लाख करोड़ पए था।कमचारी भिव य िनिध संगठन (EPFO) अपने 15 ितशत कोष को इि वटी म िनवेश करता है, जबिकयह शेष कोष को ऋण िवलेख म िनवेश करता है।ऋण िवलेख म इतने अिधक िनवेश का कारण है िक यह संगठन को काफी अिधक आय अिजत करने ममदद करता है, जबिक इि वटी के साथ शेयर बाज़ार म उतार-चढ़ाव से जुड़े जोिखम होते ह।

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  • भावभावकई जानकार का मानना है िक यिद कमचारी भिव य िनिध संगठन (EPFO) ारा याज दर म कमी कीजाती है, तो कई सद य अपना पैसा वापस िनकालने पर िवचार कर सकते ह और यिद ऐसा होता है तोसंगठन को अिधक िव ीय चुनौितय का सामना करना पड़ सकता है।हालाँिक िव िवशेष का मानना है िक हमे EPFO से केवल तभी पैसे िनकालने चािहये, जब हम उनकीआव यकता हो। यात य है िक भारत म EPFO म िकये जाने वाले िनवेश को सेवािनवृि के बाद उपल धएक िवक प के प म देखा जाता है।

    EPFO सेसे पसेैपसेै िनकालनेिनकालने संबधंीसंबधंी िनयमिनयमिनयम के अनुसार, एक यि त यिद दो माह से अिधक समय तक बेरोज़गार रहता है तो वह कमचारीभिव य िनिध संगठन (EPFO) से अपनी परूी रािश ा त कर सकता है। इसके अलावा एक यि त होम लोन के मलू धन को चुकाने, िचिक सा संबंधी आपात ि थित, घर कानवीनीकरण, घर के नवीनीकरण, शादी और ब च की उ च िश ा के िलये अपनी िनवेश की गई रािशवापस ले सकता है।

    िविदत हो िक होम लोन के मलू धन के भुगतान के िलये रािश िनकलने हेतु आव यक है िक उसयि त ने अपनी पाँच वष की सेवाएँ परूी की ह ।

    िनयम के मुतािबक यिद िकसी के पास दो माह से रोज़गार नही ंहै और वह भिव य िनिध (PF) से अपनाधन वापस िनकलता है तो उसे िकसी भी कार का कर भुगतान नही ंकरना पड़ेगा वही ंयिद कोई यि तिनरंतर पाँच वष तक कायाविध परूी करने के प चात ्भिव य िनिध (PF) से पैसे िनकालता है तो भी उसेिकसी कार का कर भुगतान नही ंकरना पड़ेगा।हालाँिक, यिद कोई पाँच वष की सेवा परूी करने से पहले अपना धन वापस लेता है, तो उसे 10 ितशत कीदर से TDS का भुगतान करना पड़ेगा।

    कमचारीकमचारी भिव यभिव य िनधिनध संगठनसंगठन (EPFO)कमचारी भिव य िनिध संगठन (EPFO) िव व के सबसे बड़े सामािजक सुर ा संगठन म से एकसेवािनवृि िनिध िनकाय है जो भारत म सभी वेतनभोगी कमचािरय को सावभौिमक सामािजक सुर ाकवरेज दान करता है।यह संगठन सद य कमचािरय की भिव य िनिध और पशन खात का बंधन करता है तथा कमचारीभिव य िनिध एवं िविवध ावधान अिधिनयम, 1952 को लाग ूकरता है।यह संगठन म और रोज़गार मं ालय, भारत सरकार ारा शािसत है। सद य और िव ीय लेन-देनके मामले म यह िव व का सबसे बड़ा संगठन है।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    अग तअग त माहमाह केके लयेलये थोकथोक मू यमू य एवंएवं उपभो ाउपभो ा मू यमू य सूचकांकसूचकांक

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  • ि ल सि ल स केके लयेलये थोक मू य सूचकांक, उपभो ा मू य सूचकांक

    मे समे स केके लयेलये थोक मू य सूचकांक के िवभ समूह, उपभो ा मू य सूचकांक मप रवतन

    चचाचचा मम योयो?सांि यकी एवं काय म काया वयन मं ालय के अंतगत रा टीय सांि यकी कायालय (National StatisticalOffice-NSO) ने अग त 2020 (अनंितम) माह के िलये गामीण, शहरी और संयुक्त प से उपभो ता मू यसचूकांक (Consumer Price Index-CPI) और उपभो ता खा मू य सचूकांक (Consumer Food PriceIndex-CFPI) जारी िकये ह। इसके अितिर त उ ोग एवं आंतिरक यापार संव न िवभाग के आिथकसलाहकार कायालय ारा अग त, 2020 (अनंितम) और जनू 2020 (अंितम) के िलये थोक मू य सचूकांक(Wholesale Price Index-WPI) जारी िकये गए ह।

    थोकथोक मू यमू य सूचकांकसूचकांक (WPI)WPI के अनंितम आँकड़ देश भर म चयिनत िविनमाण इकाइय से ा त आँकड़ के आधार पर संकिलतकर येक माह की 14 तारीख (या अगले काय िदवस) को जारी िकये जाते ह। 10 स ताह के प चात ्सचूकांक को अंितम प देकर अंितम आँकड़े जारी िकये जाते ह।वािषक WPI पर आधािरत मुदासफ्ीित की वािषक दर अग त, 2020 के दौरान जुलाई, 2019 कीतुलना म 0.16% (अनंितम) रही, जबिक इससे िपछले वष इसी माह यह 11.17% थी।िविभनन् िजंस समहू के सचूकांक म उतार-चढ़ाव:

    1. ाथिमक व तुएँ (भारांक=22.6%): इस मुख समहू का सचूकांक जुलाई माह के 143.7 अंक(अंितम) से 1.81% की वृि के साथ अग त माह म 146.3 अंक (अनंितम) हो गया। जुलाई माहकी तुलना म अग त माह के दौरान खिनज (10.21 %), क चे पेटोिलयम और ाकृितक गैस(4.72%), गैर खा उ पाद (3.06 %) और खा उ पाद (0.93%) की कीमत म वृि दज कीगई।

    2. धन और िबजली (भारांक=13.15%): इस समहू का सचूकांक जुलाई माह के 90.7 अंक(अंनितम) से 0.77% की वृि के साथ अग त माह म 91.4 अंक (अनंितम) हो गया। अग त माह म खिनज तेल की कीमत म जुलाई माह की तुलना म 1.30% की वृि दज की गई। वहींकोयला और िबजली के मू य म कोई पिरवतन नही ंहुआ।

    3. िविनिमत उ पाद (भारांक=64.23%): इस सचूकांक म अग त माह के दौरान 0.59% की वृि हुईऔर यह बढ़कर 119.3 अंक हो गया। 11 समहू की कीमत म अग त माह के दौरान वृि देखीगई, वही ंइस अविध के दौरान 10 समहू म िगरावट दज की गई ।

    4. WPI खा सचूकांक (भारांक 24.38%): इस खा सचूकांक म ाथिमक वसतु् समहू की 'खावसतु्एँ' और िनिमत उ पाद समहू के 'खा उ पाद' शािमल ह। WPI खा सचूकांक पर आधािरतमुदा फीित की दर जुलाई के 4.32% से घटकर अग त माह म 4.07% हो गई।

    उपभो ाउपभो ा मू यमू य सूचकांकसूचकांक 13/16

    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-editorials/12-06-2020

  • मू य डेटा आमतौर पर चयिनत 1,114 शहरी बाज़ारो ंऔर 1,181 गावँो ंसे सांि यकी एवं काय मकाया वयन मं ालय के एक सा तािहक रो टर पर NSO के फी ड ऑपरेशन िडिवज़न के फी डकमचािरयो ं ारा यि तगत दौरे के मा यम से एकि त िकया जाता है।अग त माह के दौरान NSO ारा 96.1% गाँव और 96.4% शहर से वसतु्ओं के मलूय् एकि त िकयेगए। समय के साथ धीरे-धीरे महामारी संबंधी िविभ न ितबंध हटने और गितिवधय की पुनः शु आत होने से मू य डेटा की उपल धता म भी सुधार हुआ है। देश म उपभो ताओं म य सामािजक-आिथक िवषमता को देखते हुए पहले चार उपभो ता मू यसचूकांक का योग िकया जाता था-

    औ ोिगक मज़दरू के िलये उपभो ता मू य सचूकांक (CPI-IW)नॉन-मैनुअल इ लॉयी के िलये उपभो ता मू य सचूकांक (CPI-UNME)खेितहर मज़दरू के िलये उपभो ता मू य सचूकांक (CPI-AL)गामीण े के मज़दरू के िलये उपभो ता मू य सचूकांक (CPI-RL)

    वष 2011-12 म सरकार ारा नवीन उपभो ता मू य सचूकांक की घोषणा की गई-गामीण बाज़ार के िलये CPI-गामीण (CPI-R)शहरी बाज़ार के िलये CPI-शहरी (CPI-U)उपयु त दोन के संयु त आँकड़ के आधार पर रा टीय बाजार के िलये CPI-संयु त (CPI-C)

    नवीन सचूकांक को और बेहतर बनाने के िलये इनम वष 2015 म पुनः संशोधन िकये गए और आधार वष2010=100 से पिरवितत कर 2012=100 कर िदया गया।

    CPI (सामा य) और CFPI पर आधािरत मुदा फीित दर (% म)

    सूचकांक अग त. 2020 (अनंतम) जुलाई 2020(अंतम)

    ामीण शहरी संयु ामीण शहरी संयु

    CPI (सामान्य) 6.66 6.80 6.69 6.76 6.70 6.73

    CFPI 9.11 8.82 9.05 9.47 8.99 9.27

    CPI (सामा य) और CPFI म मािसक पिरवतन

    सूचकांक ामीण शहरी संयु

    सूचकांकमू य

    % प रवतन सूचकांकमू य

    %प रवतन

    सूचकांकमू य

    %प रवतन

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  • अग त,2020

    जुलाई,2020 अग त,2020

    जुलाई,2020

    अग त,2020

    जुलाई,2020

    CPI(सामा य)

    155.4 154.7 0.45 154.0 152.9 0.72 154.7 153.9 0.52

    CFPI 155.7 154.9 0.52 161.6 160.1 0.94 157.8 156.7 0.0

    ोतोत: पीआईबीपीआईबी

    संयुसंयु रा यरा य अमे रकाअमे रका मम पो टलपो टल वो टगवो टग

    ि ल सि ल स केके लयेलये:जन तिनध व अधिनयम,1951

    मे समे स केके लयेलये:COVID-19 और पो टल वो टग

    चचाचचा मम यय ?COVID-19 महामारी के बीच नवंबर, 2020 म यएूसए रा टपित चुनाव के म ेनज़र संयु त रा य अमेिरका मकई रा य पो टल वोिटंग िवक प को अिधक आसानी से सुलभ बनाने का यास कर रहे ह।

    मुखमुख बदुबद:ुसंयु त रा य अमेिरका म चुनाव:

    संयु त रा य अमेिरका म सभी चुनाव (संघीय, रा य एवं थानीय) सीधे यि तगत रा य कीसरकार ारा आयोिजत कराए जाते ह। भारत के िवपरीत संयु त रा य अमेिरका म रा टीय (संघीय) तर पर चुनाव कराने के िलये सरकारसे वतं कोई चुनाव आयोग नही ंहै।संयु त रा य अमेिरका के संिवधान एवं काननू रा य को इस बात का यापक अनुदान देते ह िक वेचुनाव कैसे कराते ह, इसके पिरणाम व प देशभर म अलग-अलग िनयम ह।

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  • संयु त रा य अमेिरका म पो टल वोिटंग:संयु त रा य अमेिरका का येक रा य पो टल वोिटंग की अनुमित देता है िकंतु उनके पास इसकेिलये अलग-अलग िनयम ह।कुछ रा य म मतदाताओं को अनुपि थित मतप (Absentee Ballots) दान िकये जाते ह यिदवे इस बात का कारण बताते ह िक वे चुनाव के िदन यि तगत प से उपि थत य नही ंहो सकते।

    अनुपि थत मतदान (Absentee Voting) यि त को ई-मेल ारा मतदान करने कीअनुमित देता है।

    हालाँिक कुछ रा य म ‘नो-ए स यज़ू ए सटी वोिटंग’ (No-excuse Absentee Voting) है जहाँमतदाताओं को कारण बताए िबना ही अनुपि थित मतप िमल सकता है।कुछ रा य म ‘वोट-बाई-मेल’ (Vote-by-Mail) सुिवधाएँ भी ह जहाँ हर पंजीकृत मतदाता कोिबना अनुरोध के मतप भेजा जाता है।वष 2016 म संयु त रा य अमेिरका म डाक मतप के मा यम से लगभग 24% मतदान हुआथा। वष 2020 म इस अनुपात म काफी वृि होने की संभावना जताई जा रही है।

    मु ा:डोना ड टंप एवं उनके समथक का आरोप है िक नवंबर, 2020 के संयु त रा य अमेिरका केचुनाव म पो टल वोिटंग के िव तार से अनाचार बढ़ेगा।हालाँिक डेमो े ट एवं िरपि लकन पाटी का एक वग टंप के आरोप से असहमत है, उ ह ने कहा िकवह जानबझूकर डाक मतदान को बािधत कर रहे ह।

    भारतभारत मम पो टलपो टल वो टगवो टग:भारत म पो टल बैलट की शु आत भारत सरकार ारा 21 अ तबूर, 2016 को िनवाचन का संचालनिनयम, 1961 के िनयम 23 म संशोधन करके की गई थी।भारत म मतप को इले टॉिनक प से मतदाताओं को िवतिरत िकया जाता है, िज ह चुनाव अिधकािरयको डाक के मा यम से लौटा िदया जाता है।वतमान म िन निलिखत मतदाताओं को डाक मतप के मा यम से वोट डालने की अनुमित है:

    सश बल के कमचारीदेश के बाहर कायरत अिधकारीचुनावी कायो ंम कायरत अिधकारीसेना अिधिनयम, 1950 के तहत आने वाले सभी बल

    भारत म चुनाव का आयोजन कराने संबंधी सभी मामले जन ितिनिध व काननू, 1951 के ावधान केतहत आते ह।

    आगेआगे कक राहराह:संयु त रा य अमेिरका म मतदान के िलये गहन िनगरानी के तहत डाक मतदान का आयोजन िकया जासकता है तािक मतदान म िकसी भी कार की गड़बड़ी न हो। हालाँिक गहन िनगरानी िनयम को इस त यपर िवचार करते हुए पेश िकया जाना चािहये िक यह अ पसं यक एवं कम िशि त आबादी के िलये भीिहतकर हो।

    ोतोत: दद हदूहदू

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/postal-ballot-limit-expansionhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/postal-ballot-limit-expansion

    डेली न्यूज़ (15 Sep, 2020)भारत-चीन सीमा विवाद के समाधान में SCO की भूमिकाप्रिलिम्स के लियेमेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:पृष्ठभूमि:महत्त्वपूर्ण निकाय:संघर्ष समाधान में शंघाई फाइव की भूमिका:अन्य समझौते और महत्त्वपूर्ण बैठक:पश्चिम के देशों की प्रतिक्रिया:चुनौतियाँ:आगे की राह:स्रोत: द हिंदू

    स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा COVID-19 के पश्चात् स्वास्थ्य प्रोटोकॉल जारीप्रिलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:व्यक्तिगत स्तर परसामुदायिक स्तर परस्वास्थ्य सुविधा केंद्रों मेंस्रोत: पीआईबी

    अनुदान की अनुपूरक मांगप्रिलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:मनरेगा के लिये:सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण हेतु:अनुपूरक अनुदान:अन्य अनुदान:स्रोत: द हिंदू

    भारतीय इस्पात उद्योग: दिशा और दशाप्रिलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुसमग्र विकास में इस्पात उद्योग का महत्त्वभारतीय इस्पात उद्योगभारतीय इस्पात उद्योग- चुनौतियाँराष्ट्रीय इस्पात नीति 2017आगे की राहस्रोत: पी.आई.बी.

    भविष्य निधि की ब्याज दर में कमीप्रिलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुकर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की निवेश प्रणालीप्रभावEPFO से पैसे निकालने संबंधी नियमकर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    अगस्त माह के लिये थोक मूल्य एवं उपभोक्ता मूल्य सूचकांकप्रिलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यो?थोक मूल्य सूचकांक (WPI)उपभोक्ता मूल्य सूचकांकस्रोत: पीआईबी

    संयुक्त राज्य अमेरिका में पोस्टल वोटिंगप्रिलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:भारत में पोस्टल वोटिंग:आगे की राह:स्रोत: द हिंदू