Mantra Siddha Kavach - Yolagk.yolasite.com/resources/GURUTVA KARYALAY Mantra Siddha...Mantra Siddha...

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Mantra Siddha Kavach Our Mantra Siddha Kawach prepared in Auspicious Muhurat (Shubh Mahurat) and Special Day for make it very powerful and Early effectiveness in Particular purpose or Your Wish Fulfillment. Different-Different Fiery Mantra Are Used to prepare Different Kawach Our All Kavach Are Prepare by Fully classical method-Legislative with Proved by specific with fiery chants prestigious full consciousness (Puarn Praan Pratisthit) Give Good effect All types of Kavach And Our Other Product Yantra, Rudraksh, precious and semi-precious Gems stone. Our All Kawach Are Complate Pran Pratisthit (Puarn Praan Pratisthit) You Do not Need to Chant Any Mantra or perform Special Rituals For Any Kavach Because If you wish to perform Other Special Rituals for your Wish Fulfilment, You May Also done it without any Obstruction. Why Choose Mantra Siddha Kavach Easy to use No Special Restrictions No specific Rules-Regulation No Bad Effect Click Here to Order, Inquiry, Query Related Our Product >> Order Form Kawach Name Kawach Benifits Price अमोघ महाम तय जय कवच Amogh Mahamrutyunjay Kawach मदद जभ क डरी भ भ का मोग फन यहा हो, भायक ह की दशा के दौयान ाणबम, आदद के कायण ाणबम, आकमभक क डरी भ द घटनाओॊ के मोग फन यहे हो, फाय-फाय मवामम सॊफॊधधत सभममाएॊ कट दे यदह हो, औषधधम का बाव रेशभा हो यहा हो आदद सबी कायण जससे ाण सॊकट भ हो तफ शामोत भतान शाय अभो भहाभ जम कवच सवघेठ उऩाम भाना जाता ह। शाम भ वणघत ह की एक फाय देवी बगवती ने बगवान शशव से ऩ छा कक ब अकार भ से या कयने औय सबी काय के अश ब से या का कोई सयर उऩाम फताइए। तफ बगवान शशव ने भहाभ जम कवच के फाये भ फतामा। भहाभ जम कवच को धायण कयके भन म का सबी काय के अननट से फच होता ह औय 10900

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Mantra Siddha Kavach

Our Mantra Siddha Kawach prepared in Auspicious Muhurat (Shubh Mahurat) and Special Day for make it very powerful and Early effectiveness in Particular purpose or Your Wish Fulfillment

Different-Different Fiery Mantra Are Used to prepare Different Kawach Our All Kavach Are Prepare by Fully classical method-Legislative with Proved by specific with fiery chants

prestigious full consciousness (Puarn Praan Pratisthit) Give Good effect All types of Kavach And Our Other Product Yantra Rudraksh precious and semi-precious Gems stone

Our All Kawach Are Complate Pran Pratisthit (Puarn Praan Pratisthit) You Do not Need to Chant Any Mantra or perform Special Rituals For Any Kavach Because

If you wish to perform Other Special Rituals for your Wish Fulfilment You May Also done it without any Obstruction

Why Choose Mantra Siddha Kavach Easy to use No Special Restrictions No specific Rules-Regulation No Bad Effect

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Kawach Name Kawach Benifits Price

अमोघ महामतययजय कवच

Amogh Mahamrutyunjay Kawach

मदद जनभ कॊ डरी भ भतम का मोग फन यहा हो भायक गरहो की दशा क दौयान पराणबम शतरआदद क कायण पराणबम आकसमभक कणडरी भ दरघटनाओॊ क मोग फन यह हो फाय-फाय मवामम सॊफॊधधत सभममाएॊ कषट द यदह हो औषधधमो का परबाव रशभातर हो यहा हो आदद सबी कायण सजसस पराण सॊकट भ हो तफ शामतरोकत भतानशाय अभोर भहाभतमॊजम कवच सवघशरषठ उऩाम भाना जाता ह

शामतरो भ वरणघत ह की एक फाय दवी बगवती न बगवान शशव स ऩछा कक परब अकार भतम स या कयन औय सबी परकाय क अशबो स या का कोई सयर उऩाम फताइए तफ बगवान शशव न भहाभतमॊजम कवच क फाय भ फतामा भहाभॊतमजम कवच को धायण कयक भनषम का सबी परकाय क अननषट स फच होता ह औय

10900

अकार भतम को बी टार सकता ह अभोदम भहाभतमॊजम कवच व उलररित अनम साभगरीमो को शामतरोकत ववधध-ववधान स ववदवान बराहभणो दवाया सवा राि भहाभतमॊजम भॊतर जऩ एवॊ दशाॊश हवन दवाया ननशभघत ककमा जाता ह इस शरए कवच अतमॊत परबावशारी होता ह

राज राजशवरी कवच Raj Rajeshwari Kawach

शरी याज याजशवयी कवच को धायण कयन स वमसकत को सि सभवि धन ऐशवमघ भान-समभान सौबागम आदद की काभनाएॊ ऩणघ होती ह मह कवच ववशष रऩ स याजकामघ अथाघत सयकाय स जड़ कामो भ ववशष सपरता परदान कयन वार ह कवच क परबाव स सकर परकाय क याज कामघ सयरता स ऩणघ होत ह सयकायी ववबाग एवॊ साभासजक कामघ कयन वारो को कवच क परबाव स ववशष राब की परासतत होती ह

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सवव कायव ससदधि कवच

Sarv Karya Siddha Kawach

सजस वमसकत को राि परमतन औय ऩरयशरभ कयन क फादबी उस भनोवाॊनछत सपरताम एवॊ ककम गम कामघ भ शसवि (राब) परातत नहीॊ होती उस वमसकत को सवघ कामघ शसवि कवच अवशम धायण कयना चादहम कवच क परभि राब सवघ कामघ शसवि कवच क दवाया सि सभवि औय नव गरहो क नकायातभक परबाव को शाॊत कय धायण कयता वमसकत क जीवन स सवघ परकाय क दि-दारयदर का नाश हो कय सि-सौबागम एवॊ उनननत परासतत होकय जीवन भ सशब परकाय क शब कामघ शसि होत ह सजस धायण कयन स वमसकत मदद वमवसाम कयता होतो कायोफाय भ ववि होनत ह औय मदद नौकयी कयता होतो उसभ उनननत होती ह

bull सवघ कामघ शसवि कवच क साथ भ सवघजन वशीकयण कवच क शभर होन की वजह स धायण कताघ की फात का दसय वमसकतओ ऩय परबाव फना यहता ह

bull सवघ कामघ शसवि कवच क साथ भ अषट रकषभी कवच क शभर होन की वजह स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)- धमघ रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी

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इन सबी रऩो का अशीवाघद परातत होता ह

bull सवघ कामघ शसवि कवच क साथ भ तॊतर या कवच क शभर होन की वजह स ताॊतरतरक फाधाए दय होती ह साथ ही नकायातभक शसकतमो का कोइ कपरबाव धायण कताघ वमसकत ऩय नहीॊ होता इस कवच क परबाव स इषाघ-दवष यिन वार वमसकतओ दवाया होन वार दषट परबावो स या होती ह

bull सवघ कामघ शसवि कवच क साथ भ शतर ववजम कवच क शभर होन की वजह स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

अनम कवच क फाय भ अधधक जानकायी क शरम कामाघरम भ सॊऩकघ कय ककसी वमसकत ववशष को सवघ कामघ शसवि कवच दन नही दना का अॊनतभ ननणघम हभाय ऩास सयकषत ह

शरी घटाकरव महावीर सवव ससदधि परद कवच Shri Ghantakarn Mahavir

Sarv Siddhi Prad Kawach

कवच को धायण कयन स धायण कताघ की सकर भनोकाभनाएॊ ऩणघ होती ह उसका सबी परकाय क बत-परत आदद उऩदरव स यण होता ह दषट व असयी शसकतमो स उतऩनन होन वार सबी परकाय क बम कवच क परबाव स दय हो जात ह कवच को धायण कयन स साधक को धन सि सभवि ऎशवमघ सॊतसतत-सॊऩसतत आदद की परासतत होती ह साधक की सबी परकाय की सासतवक इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह मदद ककसी वमसकत ऩय वशीकयण भायण उचचाटन इतमादद जाद-टोन वार परमोग ककम गम होतो इस कवच क परबाव स मवत नषट हो जात ह औय बववषम भ मदद कोई परमोग कयता ह तो यण होता ह कवच धायण कताघ को मदद कोई इषाघ रोब भोह मा शतरतावश मदद अनधचत कभघ कयक ककसी बी उददशम स साधक को ऩयशान कयन का परमास कयता ह तो कवच क परबाव स साधक का यण तो होता ही ह कबी-कबी शतर क दवाया ककमा गमा

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अनधचत कभघ शतर ऩय ही उऩय उरट वाय हो जात ह

सकऱ ससदधि परद गायतरी कवच

Sakal Siddhi Prad Gayatri Kawach

वदो भ उलरि ह की दवी गामतरी सबी परकाय क ऻान औय ववऻान की जननी ह दवी गामतरी की उऩासना कयन स साधक ८४ कराओॊ का ऻाता हो जाता ह भाना जाता ह की शसि की हई गामतरी काभधन क सभान ह गॊगा शयीय क ऩाऩो को ननभघर कयती ह गामतरी रऩी बरहभ

गॊगा स आतभा ऩववतर होती ह सजस परकाय दवी गामतरी ऩाऩो का नाश कयन वारी ह सभमत

साॊसारयक औय ऩायरौककक सिो को परदान कयन वारी ह उसी परकाय सकर शसवि परद गामतरी कवच को धायण कयन स साधक क सभमत योग-शोक-

बम बत-परत तॊतर फाधा चोट भायण भोहन उचचाटन वशीकयण मतॊबन काभण-टभण

इतमादद उऩदरवो इतमादद उऩदरवो का नाश होता ह साधक को धभघ अथघ काभ औय भो की परासतत बी सॊबॊव ह सकर शसवि परद गामतरी कवच को धायण कयन स भिघ स भिघ औय जड़ स जड़ वमसकत बी ववदवान होन भ सभथघ हो सकता ह साधन को असाधम योग एवॊ ऩयशानीमो स भसकत शभर सकती ह ददन-परनतददन साधन की धन-सॊऩसतत की ववि एवॊ या होती ह गरह जननत ऩीड़ाओॊ स या होती साधन को अऩन कामो भ अदभत सपरताम शभर जाती ह कवच धायण कयन स धचतत शि

होता ह औय रदम भ ननभघरता आती ह शयीय नीयोग यहता ह मवबाव भ नमरता आती ह

फवि सकषभ होन स साधक की दयदशशघता फढती ह औय मभयण शसकत का ववकास होता ह अनधचत काभ कयन वारो क दघगण गामतरी क कायण छट सकत ह

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दस महा दधवदया कवच Dus Mahavidya Kawach

मह कवच दस भहा ववदमा क शसकतमो स सॊऩनन अतमॊत परबावशारी औय दरघब कवच ह इस कवच क भाधमभ स साधक को दसो भहाववदमाओॊ आशशवाघद परातत होता ह दस भहा ववदमा कवच को धायण कयन स साधक की सबी भनोकाभनाओॊ की ऩनत घ होती ह दस भहा ववदमा कवच साधक की सभमत इचछाओॊ की ऩनत घ कयन भ सभथघ एवॊ उस

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शसकतसॊऩनन एवॊ बशभवान फनान भ सभथघ ह साधक को दस भहा ववदमा दवीमो की कऩा स सॊसाय की सभमत शसविमो की परासतत सॊबव ह दस भहा ववदमा की कऩा स साधक को धभघ अथघ कार व भो चतववघध ऩरषाथो की परासतत होती ह दस भहा ववदमा कवच भ दगाघ क दस अवतायो का आशीवाघद सभादहत होता ह सजसस जीवन को ननयॊतय अधधक स अधधक

साथघक एवॊ सपर फनामा जा सकता ह दश भहाववदमा को शामतरो भ आदमा बगवती क दस बद कह ह जो करभश (१) कारी (२) ताया (३) षोडशी (४) बवनशवयी (५) बयवी (६) नछननभमता (७) धभावयी (८) फगरा (९) भातॊगी एवॊ (१०) कभासतभका इस सबी दवी मवरऩो को ससमभशरत रऩ भ दशभहाववदमा क नाभ स जाना जाता ह

नवदयगाव शकति कवच Navdurga Shakiti Kawach

भाॊ दगाघ क नवरऩ करभश 1 शरऩतरी 2 बरहभचारयणी 3 चनदररणटा 4 कषभाणडा 5 मकनदभाता 6 कातमामनी 7 कारयातरतर 8 भहागौयी 9 शसविदातरी ह नवदवीमो क कवचो को एक साथ भ शभराकय फनाकय नवदगाघ कवच का ननभाघण ककमा जाता ह सजसस धायण कताघ को नवदवीमो का आशशवाघद एकसाथ परातत हो जाता ह नव दवीमो क कवच का भहतव करभश आऩक भागघदशघन हत परमतत ह दवी शरऩतरी का कवच धायण कयन वारा वमसकत सदा धन-धानम स सॊऩनन यहता ह अथाघत उस सजवन भ धन एवॊ अनम सि साधनो को कभी भहसस नहीॊ होतीॊ वमसकत को अनक परकाय कक शसविमाॊ एवॊ उऩरसधधमाॊ परातत होती ह दवी बरहभचारयणी कवच धायण कयन वार वमसकत को अनॊत पर कक परासतत होती ह कवच क परबाव स वमसकत भ तऩ तमाग सदाचाय सॊमभ जस सद गणो कक ववि होती ह दवी चनदररणटा का कवच धायण कयन स वमसकत को सबी ऩाऩो स भसकत शभरती ह उस सभमत साॊसारयक आधध-वमाधध स भसकत शभरती ह इसक उऩयाॊत

6400

वमसकत को धचयाम आयोगम सिी औय सॊऩनन होनता परातत होती ह कवच क परबाव स वमसकत क साहस एव ववयता भ ववि होती ह वमसकत मवय भ शभठास आती ह उसक आकषघण भ बी ववि होती ह कमोकक चनदररणटा को ऻान की दवी बी भाना गमा ह दवी कषभाणडा क कवच को धायण कयन वार वमसकत को सबी परकाय क योग शोक औय करश स भसकत शभरती ह उस आमषम मश फर औय फवि परातत होती ह दवी मकॊ दभाता क कवच को धायण कयन स वमसकत की सभमत इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह एवॊ जीवन भ ऩयभ सि एवॊ शाॊनत परातत होती ह दवी कातमामनी का कवच धायण कयन स वमसकत को सबी परकाय क योग शोक बम स भसकत शभरती ह कातमामनी दवी को वददक मग भ म ऋवष-भननमो को कषट दन वार य-दानव ऩाऩी जीव को अऩन तज स ही नषट कय दन वारी भाना गमा ह दवी कारयातरतर का कवच धायण कयन स असगन बम आकाश बम बत वऩशाच इतमादी शसकतमाॊ कारयातरतर दवी क मभयण भातर स ही बाग जात ह कारयातरतर शतर एवॊ दषटो का सॊहाय कयन वारी दवी ह दवी भहागौयी का कवच को धायण कयन स वमसकत क सभमत ऩाऩो स छटकाया शभरता ह मह भाॊ अननऩणाघ क सभान धन वबव औय सि-शाॊनत परदान कयन वारी एवॊ सॊकट स भसकत ददरान वारी दवी भहागौयी का कवच ह दवी शसविदातरी क कवच को धायण कयन स वमसकत कक सभमत काभनाओॊ कक ऩनत घ होती ह उस ऋवि शसवि कक परासतत होती ह कवच क परबाफ स वमसकत क मश फर औय धन कक परासतत आदद कामो भ चरी आ यह फाधा-ववधन सभातत हो जात ह वमसकत को मश फर औय धन कक परासतत होकय उस भाॊ कक कऩा स धभघ

अथघ काभ औय भो कक बी परासतत मवत हो जाती ह

रसायन ससदधि कवच Rasayan Siddhi Kawach

यसामन शसवि कवच ववशष रऩ स उन रोगो क शरए उऩमोगी ह जो धचककतसा तर स जड़ ह जस धचककतसक वदम डॉकटय औषधध यसामनशामतर दवाई आदद उनक शरए यसामन शसवि कवच अतमॊत राबपरद शसि भाना गमा ह कछ जानकायो का कथन ह की धचककतसा क कामघ कयन वार वमसकत मदद अऩन अभमास व अधममन क दौयान इस कवच का परमोग कयत ह तो इस कवच क परबाव स धचककतसा स जड सबी कामो भ शीघर सपरता परातत हो जाती ह वमसकत कवच क परबाव स वमसकत को औषध धचककतसा स सॊफॊधधत सकर ववदमाओॊ की परासतत हो जाती ह वह इन ववदमाओॊ को परातत कय उस ववदमा भ ववशषऻ फन सकत ह यसामन शसवि कवच क पराबाव स धचककतसक मा डॉकटय दवाया धचककतसा परातत योगी बी शीघर मवमम राब परातत कयन भ सभ होत ह

6400

ऩचदव शकति कवच Pancha Dev Shakti Kawach

ऩॊचदव दहनद धभघ क ऩाॉच परधान दवताओॊ को कहाॉ जाता ह सजनकी ऩजा-उऩासना आदद दहनद धभघ भ ववशष रऩ स परचशरत ह दहनद धभघ भ ककसी बी शब औय भाॊगशरक कामघ भ ऩॊचदवताओॊ की ऩजा को अननवामघ भाना गमा ह इन ऩाॉच दवताओॊ क रऩ भ बगवान शरीगणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की आयाधना कक जाती ह ववदवानो न अऩन अनबवो क आधाय स मह ऩामा ह की इन ऩॊचदव अथाघत शरी गणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की सॊमकत कऩा स जीवन भ बौनतक सि-साधनो की परासतत व आशशवाघद परातत कयन का उततभ भाधमभ ऩॊचदव शसकत कवच ह ऩॊचदव शसकत कवच को धायण कयन स वमसकत को सि-सौबागम एवॊ ऐशवमघ की परासतत होती ह औय उसक सकर भनोयथ शसि होन रगत ह औय उसक जीवन स सबी परकाय क द ि योग शोक एवॊ ववघन-फाधाओॊ का मवत नाश होता ह

6400

सयवरव ऱकषमी कवच सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स धन-सॊऩसतत यतन-आबषण आदद की ववि 4600

Suvarn Lakshmi Kawach होती ह सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स सवणघ स सॊफॊधधत कामो भ ववशष राब की परासतत होती ह ववशबनन मतरोत स आधथघक राब शभरन क मोग फनत ह सवणघ स सॊफॊधधत सबी अशबराषाएॊ शीघर ही ऩणघ होन की परफर सॊबावनाएॊ फनती ह

सवरावकषवर भरव कवच Swarnakarshan Bhairav Kawach

बयव जी को बगवान शशव क दवादश मवरऩ क रऩ भ ऩजा जाता ह बयवजी को तीन मवरऩ फटक बयव भहाकार बयव औय मवणाघकषघण बयव क रऩ भ जाना जाता ह ववदवानो न मवणाघकषघण-बयव को धन-धानम औय समऩसतत क दवता भाना ह धभघगरॊथो भ उलरि शभरता ह की आधथघक समथती ददन-परनतददन ियाफ होती जायही हो कजघ का फोझ फढता जा यहा हो सभममा क सभाधान हत कोई यामता न ददिाई द यहा हो सबी परकाय क ऩजा ऩाठ भॊतर मॊतर तॊतर मऻ हवन साधना आदद स कोई ववशष राब की परासतत न हो यही हो तफ मवणाघकषघण बयव जी का भॊतर मॊतर साधना इतमादद का आशरम रना चादहए जो वमसकत मवणाघकषघण बयव की साधना भॊतर जऩ आदद को कयन भ असभथघ हो वह रोग मवणाघकषघण बयव कवच को धायण कय ववशषा राब परातत कय सकत ह मवणाघकषघण बयव कवच को धन परासतत क शरए अचक औय अतमॊत परबावशारी भाना जाता ह मवणाघकषघण बयव कवच धायण कताघ की सबी परकाय की आधथघक सभममाओॊ को सभातत कयन भ सभथघ ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ ह इस करमग भ सजस परकाय भतम बम क ननवायण हत भहाभतमॊजम कवच अभोर ह उसी परकाय आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत मवणाघकषघण बयव कवच अभोर भाना गमा ह धाशभघक भानमताओॊ क अनशाय ऐसा भाना जाता ह की बयवजी की ऩजा-उऩासना शरीगणश ववषण चॊदरभा कफय आदद दवताओॊ न बी कक थी बयव उऩासना क परबाव स बगवान ववषण रकषभीऩनत फन थ ववशबनन अतसयाओॊ को सौबागम शभरन का उलरि धभघगरॊथो भ शभरता ह मदह कायण ह की मवणाघकषघण बयव कवच आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत अतमॊत राबपरद ह इस कवच को धायण कयन स सबी परकाय स आधथघक राब की परासतत

4600

होती ह

दधवऱर सकऱ राज वशीकरर कवच Vilakshan Sakal Raj Vasikaran Kawach

ववरण सकर याज वशीकयण कवच को धायण कयन स याज अधधकायी अथाघत सयकायी ववबाग भ कामघ कयन वार अधधकारयमो को अऩन अनकर ककमा जाता सकता ह मदद कोई अधधकायी मा अफसय आऩको अनावशमक ऩयशान कय यहा हो आऩक कामघ को तरफना ककसी वजह स योक यह हो कामघ स सॊफॊधधत कोई ना कोई गरती ननकार यह हो कामघ क शरए फाय-फाय दौड़ा यह हो ऐसी सबी समथतीमो भ ववरण सकर याज वशीकयण कवच अधधकायीमो को अऩन अनकर फनान क शरए सवोततभ भाधम ह सयकायी ववबाग एवॊ साभासजक कामघ कयन वार रोगो क शरए बी ववरण सकर याज वशीकयण कवच धायण कयना ववशष राब की परासतत होती ह

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इषट ससदधि कवच Isht Siddhi Kawach

बकत औय बगवान क फीच का रयशता परभ ववशवास औय सभऩघण ऩय दटका ह मह तीन फातो स बकत को अधमासतभक औय आसतभक फर की परासतत होती ह धभघगरॊथो भ इषट शसवि क शरए ववशबनन परकाय की धाशभघक ववधध-ववधान साधना औय कभघकाणड का वणघन शभरता ह रककन आज क आधननक दौय भ अऩनी आवशमकताओॊ को ऩया कयन शरए ददन-यात ऩरयशरभ कयन वार वमसकत को सभम क इषट आयाधना क शरए ऩमाघतत सभम नहीॊ शभरता मदद शभर बी जाम तो आयाधना भ भन नहीॊ रग ऩाता भन बटकता यहता ह एसी समथती भ इषट शसवि कवच राबपरद भाना गमा ह इस कवच क परबाव स धायण कताघ की एकागरता भ ववि होती ह ऩजा-उऩासना क दौयान भानशसक शाॊनत का अनबव होता ह सजसस इषट शसवि शीघर परातत होन भ राब शभर सकता ह इषट शसवि कवच का ननभाघण इमस उददशम स ककमा जाता ह की धायण कताघ को शीघर अऩन कामघ उददशम भ इसचछत सपरता परातत हो

2800

ऩरदश गमन और ऱाभ पराकति कछ रोग की ववदश भ वमवसाम मा नौकयी कयन की इचछा होती ह तो कछ रोग 2350

कवच Pardesh Gaman Aur Labh Prapti Kawach

ववदश भ वमाऩाय कयन की चाहत यित ह तो कछ रोगो की इचछा ववदश मातरा कयन की होती ह वमसकत की इचछा होन ऩय बी उनक ववदश स सॊफॊधधत कामघ उधचत परमतन कयन क उऩयाॊत बी फनत-फनत यह जात ह मा कामघ भ रकावटो क कायण ववरॊफ होता यहता ह एसी समथती भ ऩयदश गभन औय राब परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ की भनोकाभनाएॊ शीघर ऩणघ होन क मोग फनन रगत ह

शरीदयगाव बीसा कवच Durga Visha Kawach

शरीदगाघ फीसा कवच साधक को बसकत क साथ सभमत साॊसारयक सिो को परदान कयन वारा सवघशसविपरद कवच ह शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स साधक को धभघ अथघ काभ

औय भो इन चाय की परासतत भ बी सहामता परातत होती ह शामतरोकत वणघन ह की दवी दगाघ क शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स दवी परसनन

होकय साधक की अशबषट इचछाएॊ ऩणघ कयती ह भाॉ दगाघ अऩन बकत की मवमॊ या कय उन

ऩय कऩा दषटी कयती ह शरीदगाघ फीसा कवच धायण कयन स भाॉ दगाघ की कऩा स नौकयी वमवसाम भ साधक को उनननत क शशिय ऩय जान का भागघ परसमत होता ह शरीदगाघ फीसा कवच स साधक को धन-धानम सि-सॊऩसतत सॊतान का सि परातत होता ह औय शतर ववजम ऋण-योग आदद ऩीडा ा स भसकत परातत होती ह औय साधक को जीवन भ सॊऩणघ सिो की परासतत होती ह जीवन भ ककसी बी परकाय क सॊकट मा फाधा की आशॊका होन

ऩय शरीदगाघ फीसा कवच को शरिाऩवघक धायण कयन स साधक को सबी परकाय की फाधा स

भसकत शभरती ह औय धन-धानम की परासतत होती ह

1900

अषट दधवनायक कवच Asht Vinayak Kawach

अषट ववनामक कवच को शरीगणश क आठ परभि रऩो की कऩा परासतत हत धायण ककमा जाता ह बगवान शरी गणश क इन आठ अवतायो भ ससषट क सि की कलऩना का आधाय भाना जाता ह अषट ववनामक कवच कवच सकर ववघन-फाधाओॊ का नाश कयन औय कामो भ सपरता की परासतत हत उततभ ह

1900

दधवषरय बीसा कवच ववषण फीसा कवच को धन मश सपरता औय उनननत की परासतत हत उततभ भाना 1900

Vishnu Visha Kawach जाता ह ववषण फीसा कवच को बगवान शरी ववषण को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह दहनद धभघगरॊथो भ वरणघत ह की जहाॉ बगवान ववषण ननवास कयत ह उस मथान ऩय भाॉ भहारकषभी का बी ननवास होता ह सजस बकत ऩय ववषण परसनन होत कऩा कयत ह उस बकत ऩय दवी भहारकषभी बी मवत परसनन होती ह औय अऩनी कऩा आशीवाघद परदान दती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को कामो भ शसवि व सपरता की परासतत मवामम औय साॊसारयक सिो की ववि होती ह ववदवानो का अनबव यहा ह की शरी ववषण फीसा कवच को धायण कयन स शीघर ही धायणकताघ क रय-ऩरयवाय भ सि-सभवि-ऐशवमघ भ ववि होन रगती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत भ सकायातभक ऊजाघ का सॊचाय होता ह उसक रक हव कामघ सॊऩनन होन रगत ह कामघ तर भ सधाय होन रगता ह शतर योग आदद नाना परकाय क बमो का ननवायण हो जाता ह औय जीवन ऩयभ सिी हो जाता ह

रामभदर बीसा कवच Ramabhadra Visha Kawach

याभबदर फीसा कवच को बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह कवच को धायण कयन स भनषम क सफ कामघ शसि होत ह कवच को धायण कयन स वमसकत की सबी परकाय क सॊशम बम फॊधनो का नाश होता ह सजसस वमसकत ननबघम होकय अऩन कामघ तर भ सपर होता ह सनातन धभघ भ याभ शधद को धभो का भर भाना गमा ह इस कशरमग भ सभम क अबाव भ सजस वमसकत क ऩाय जऩ तऩ मऻ आदद धाशभघक कामघ कयन का सभम नहीॊ होता ऐस भ याभ का नाभ ही एक भातर सहाया ह कमोकी जो रोग कशरकार भ शरीयाभ की शयण रत ह उनह कशरमग भ कोई फाधा नहीॊ ऩहॊचाता याभबदर फीसा कवच शरी याभजी की कऩा परानत का सयर भाधमभ ह

1900

कय बर बीसा कवच आज हय वमसकत चाहता की उसक ऩास अऩाय धन-सॊऩसतत हो उसक ऩाय दननमा का 1900

Kuber Visha Kawach हय ऐशो-आयाभ भौजद हो उस कबी ककसी चीज की कभी न हो एस रोगो की इचछाओॊ को ऩणघ कयन भ सभथघ ह कफय फीसा कवच जो दवताओॊ क कोषाधम कफय जी का कवच ह कफय फीसा कवच क परबाव स धायण कताघ ऩय मयाज कफय परसनन होकय अतर समऩसतत का वयदान दत ह उस अम धन कोष की परासतत एवॊ आम ववि क नम-नम मतरोत फनन रगत ह मवणघ राब यतन राब ऩतक समऩतती एवॊ गड़ हए धन स राब परासतत कक काभना कयन वार वमसकत क शरम कफय फीसा कवच धायण कयना अतमनत राब दामक हो मकता ह एसा शामतरोकत वचन ह कफय फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को एकाधधक मतरोतर स धन का परातत होकय धन सॊचम होता ह धन-सॊऩसतत एवॊ ऐशवमघ की परासतत हत कफय फीसा कवच सवघशरषठ भाधमभ ह

गरड बीसा कवच Garud Visha Kawach

गरड बगवान ववषण का वाहन ह जानकायो क भतानशाय गरड फीसा कवच को धायण कयन स सयरता स बगवान ववषण की बी कऩा परातत होती ह शतर स सॊफॊधधत बमो का नाश होता ह सऩघबम आदद अनक परकायकी वमाधधमाॊ दय हो जाती ह गरड फीसा कवच को रय दकान ऑकपस आदद क परवश दवाय ऩय रगान स रय भ ननवास कयन वार सबी परकाय क सऩघ रय छोड़कय बाग जात ह एवॊ कपय रय भ परवश नहीॊ कयत गरड फीसा कवच को धायण कयन मा बवन भ रगान स सवघ परकाय क सि-आनॊद भ ववि होन रगती ह ववदवानो न इस कवच को अतमॊत परदामक भाना ह

1900

ससह बीसा कवच Sinha Visha Kawach

शस ॊह फीसा कवच दवी बगवती का धायण कयन स दवी की कऩा परातत होती ह शस ॊह फीसा कवच भाॉ बगवती को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए ववशष रऩ स धायण ककमा जाता ह शस ॊह फीसा कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम दय हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क परबाव स सबी परकाय क शतर एवॊ ववयोधी

1900

धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

1900

सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

1900

अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

1900

हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

1900

दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

1900

सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

1450

जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

1450

आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

1450

रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

1450

फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

1450

अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

1250

सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

1050

एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

1050

सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

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हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

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भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

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ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

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ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

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सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

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महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

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वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

1250

परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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अकार भतम को बी टार सकता ह अभोदम भहाभतमॊजम कवच व उलररित अनम साभगरीमो को शामतरोकत ववधध-ववधान स ववदवान बराहभणो दवाया सवा राि भहाभतमॊजम भॊतर जऩ एवॊ दशाॊश हवन दवाया ननशभघत ककमा जाता ह इस शरए कवच अतमॊत परबावशारी होता ह

राज राजशवरी कवच Raj Rajeshwari Kawach

शरी याज याजशवयी कवच को धायण कयन स वमसकत को सि सभवि धन ऐशवमघ भान-समभान सौबागम आदद की काभनाएॊ ऩणघ होती ह मह कवच ववशष रऩ स याजकामघ अथाघत सयकाय स जड़ कामो भ ववशष सपरता परदान कयन वार ह कवच क परबाव स सकर परकाय क याज कामघ सयरता स ऩणघ होत ह सयकायी ववबाग एवॊ साभासजक कामघ कयन वारो को कवच क परबाव स ववशष राब की परासतत होती ह

11000

सवव कायव ससदधि कवच

Sarv Karya Siddha Kawach

सजस वमसकत को राि परमतन औय ऩरयशरभ कयन क फादबी उस भनोवाॊनछत सपरताम एवॊ ककम गम कामघ भ शसवि (राब) परातत नहीॊ होती उस वमसकत को सवघ कामघ शसवि कवच अवशम धायण कयना चादहम कवच क परभि राब सवघ कामघ शसवि कवच क दवाया सि सभवि औय नव गरहो क नकायातभक परबाव को शाॊत कय धायण कयता वमसकत क जीवन स सवघ परकाय क दि-दारयदर का नाश हो कय सि-सौबागम एवॊ उनननत परासतत होकय जीवन भ सशब परकाय क शब कामघ शसि होत ह सजस धायण कयन स वमसकत मदद वमवसाम कयता होतो कायोफाय भ ववि होनत ह औय मदद नौकयी कयता होतो उसभ उनननत होती ह

bull सवघ कामघ शसवि कवच क साथ भ सवघजन वशीकयण कवच क शभर होन की वजह स धायण कताघ की फात का दसय वमसकतओ ऩय परबाव फना यहता ह

bull सवघ कामघ शसवि कवच क साथ भ अषट रकषभी कवच क शभर होन की वजह स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)- धमघ रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी

4600

इन सबी रऩो का अशीवाघद परातत होता ह

bull सवघ कामघ शसवि कवच क साथ भ तॊतर या कवच क शभर होन की वजह स ताॊतरतरक फाधाए दय होती ह साथ ही नकायातभक शसकतमो का कोइ कपरबाव धायण कताघ वमसकत ऩय नहीॊ होता इस कवच क परबाव स इषाघ-दवष यिन वार वमसकतओ दवाया होन वार दषट परबावो स या होती ह

bull सवघ कामघ शसवि कवच क साथ भ शतर ववजम कवच क शभर होन की वजह स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

अनम कवच क फाय भ अधधक जानकायी क शरम कामाघरम भ सॊऩकघ कय ककसी वमसकत ववशष को सवघ कामघ शसवि कवच दन नही दना का अॊनतभ ननणघम हभाय ऩास सयकषत ह

शरी घटाकरव महावीर सवव ससदधि परद कवच Shri Ghantakarn Mahavir

Sarv Siddhi Prad Kawach

कवच को धायण कयन स धायण कताघ की सकर भनोकाभनाएॊ ऩणघ होती ह उसका सबी परकाय क बत-परत आदद उऩदरव स यण होता ह दषट व असयी शसकतमो स उतऩनन होन वार सबी परकाय क बम कवच क परबाव स दय हो जात ह कवच को धायण कयन स साधक को धन सि सभवि ऎशवमघ सॊतसतत-सॊऩसतत आदद की परासतत होती ह साधक की सबी परकाय की सासतवक इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह मदद ककसी वमसकत ऩय वशीकयण भायण उचचाटन इतमादद जाद-टोन वार परमोग ककम गम होतो इस कवच क परबाव स मवत नषट हो जात ह औय बववषम भ मदद कोई परमोग कयता ह तो यण होता ह कवच धायण कताघ को मदद कोई इषाघ रोब भोह मा शतरतावश मदद अनधचत कभघ कयक ककसी बी उददशम स साधक को ऩयशान कयन का परमास कयता ह तो कवच क परबाव स साधक का यण तो होता ही ह कबी-कबी शतर क दवाया ककमा गमा

6400

अनधचत कभघ शतर ऩय ही उऩय उरट वाय हो जात ह

सकऱ ससदधि परद गायतरी कवच

Sakal Siddhi Prad Gayatri Kawach

वदो भ उलरि ह की दवी गामतरी सबी परकाय क ऻान औय ववऻान की जननी ह दवी गामतरी की उऩासना कयन स साधक ८४ कराओॊ का ऻाता हो जाता ह भाना जाता ह की शसि की हई गामतरी काभधन क सभान ह गॊगा शयीय क ऩाऩो को ननभघर कयती ह गामतरी रऩी बरहभ

गॊगा स आतभा ऩववतर होती ह सजस परकाय दवी गामतरी ऩाऩो का नाश कयन वारी ह सभमत

साॊसारयक औय ऩायरौककक सिो को परदान कयन वारी ह उसी परकाय सकर शसवि परद गामतरी कवच को धायण कयन स साधक क सभमत योग-शोक-

बम बत-परत तॊतर फाधा चोट भायण भोहन उचचाटन वशीकयण मतॊबन काभण-टभण

इतमादद उऩदरवो इतमादद उऩदरवो का नाश होता ह साधक को धभघ अथघ काभ औय भो की परासतत बी सॊबॊव ह सकर शसवि परद गामतरी कवच को धायण कयन स भिघ स भिघ औय जड़ स जड़ वमसकत बी ववदवान होन भ सभथघ हो सकता ह साधन को असाधम योग एवॊ ऩयशानीमो स भसकत शभर सकती ह ददन-परनतददन साधन की धन-सॊऩसतत की ववि एवॊ या होती ह गरह जननत ऩीड़ाओॊ स या होती साधन को अऩन कामो भ अदभत सपरताम शभर जाती ह कवच धायण कयन स धचतत शि

होता ह औय रदम भ ननभघरता आती ह शयीय नीयोग यहता ह मवबाव भ नमरता आती ह

फवि सकषभ होन स साधक की दयदशशघता फढती ह औय मभयण शसकत का ववकास होता ह अनधचत काभ कयन वारो क दघगण गामतरी क कायण छट सकत ह

6400

दस महा दधवदया कवच Dus Mahavidya Kawach

मह कवच दस भहा ववदमा क शसकतमो स सॊऩनन अतमॊत परबावशारी औय दरघब कवच ह इस कवच क भाधमभ स साधक को दसो भहाववदमाओॊ आशशवाघद परातत होता ह दस भहा ववदमा कवच को धायण कयन स साधक की सबी भनोकाभनाओॊ की ऩनत घ होती ह दस भहा ववदमा कवच साधक की सभमत इचछाओॊ की ऩनत घ कयन भ सभथघ एवॊ उस

6400

शसकतसॊऩनन एवॊ बशभवान फनान भ सभथघ ह साधक को दस भहा ववदमा दवीमो की कऩा स सॊसाय की सभमत शसविमो की परासतत सॊबव ह दस भहा ववदमा की कऩा स साधक को धभघ अथघ कार व भो चतववघध ऩरषाथो की परासतत होती ह दस भहा ववदमा कवच भ दगाघ क दस अवतायो का आशीवाघद सभादहत होता ह सजसस जीवन को ननयॊतय अधधक स अधधक

साथघक एवॊ सपर फनामा जा सकता ह दश भहाववदमा को शामतरो भ आदमा बगवती क दस बद कह ह जो करभश (१) कारी (२) ताया (३) षोडशी (४) बवनशवयी (५) बयवी (६) नछननभमता (७) धभावयी (८) फगरा (९) भातॊगी एवॊ (१०) कभासतभका इस सबी दवी मवरऩो को ससमभशरत रऩ भ दशभहाववदमा क नाभ स जाना जाता ह

नवदयगाव शकति कवच Navdurga Shakiti Kawach

भाॊ दगाघ क नवरऩ करभश 1 शरऩतरी 2 बरहभचारयणी 3 चनदररणटा 4 कषभाणडा 5 मकनदभाता 6 कातमामनी 7 कारयातरतर 8 भहागौयी 9 शसविदातरी ह नवदवीमो क कवचो को एक साथ भ शभराकय फनाकय नवदगाघ कवच का ननभाघण ककमा जाता ह सजसस धायण कताघ को नवदवीमो का आशशवाघद एकसाथ परातत हो जाता ह नव दवीमो क कवच का भहतव करभश आऩक भागघदशघन हत परमतत ह दवी शरऩतरी का कवच धायण कयन वारा वमसकत सदा धन-धानम स सॊऩनन यहता ह अथाघत उस सजवन भ धन एवॊ अनम सि साधनो को कभी भहसस नहीॊ होतीॊ वमसकत को अनक परकाय कक शसविमाॊ एवॊ उऩरसधधमाॊ परातत होती ह दवी बरहभचारयणी कवच धायण कयन वार वमसकत को अनॊत पर कक परासतत होती ह कवच क परबाव स वमसकत भ तऩ तमाग सदाचाय सॊमभ जस सद गणो कक ववि होती ह दवी चनदररणटा का कवच धायण कयन स वमसकत को सबी ऩाऩो स भसकत शभरती ह उस सभमत साॊसारयक आधध-वमाधध स भसकत शभरती ह इसक उऩयाॊत

6400

वमसकत को धचयाम आयोगम सिी औय सॊऩनन होनता परातत होती ह कवच क परबाव स वमसकत क साहस एव ववयता भ ववि होती ह वमसकत मवय भ शभठास आती ह उसक आकषघण भ बी ववि होती ह कमोकक चनदररणटा को ऻान की दवी बी भाना गमा ह दवी कषभाणडा क कवच को धायण कयन वार वमसकत को सबी परकाय क योग शोक औय करश स भसकत शभरती ह उस आमषम मश फर औय फवि परातत होती ह दवी मकॊ दभाता क कवच को धायण कयन स वमसकत की सभमत इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह एवॊ जीवन भ ऩयभ सि एवॊ शाॊनत परातत होती ह दवी कातमामनी का कवच धायण कयन स वमसकत को सबी परकाय क योग शोक बम स भसकत शभरती ह कातमामनी दवी को वददक मग भ म ऋवष-भननमो को कषट दन वार य-दानव ऩाऩी जीव को अऩन तज स ही नषट कय दन वारी भाना गमा ह दवी कारयातरतर का कवच धायण कयन स असगन बम आकाश बम बत वऩशाच इतमादी शसकतमाॊ कारयातरतर दवी क मभयण भातर स ही बाग जात ह कारयातरतर शतर एवॊ दषटो का सॊहाय कयन वारी दवी ह दवी भहागौयी का कवच को धायण कयन स वमसकत क सभमत ऩाऩो स छटकाया शभरता ह मह भाॊ अननऩणाघ क सभान धन वबव औय सि-शाॊनत परदान कयन वारी एवॊ सॊकट स भसकत ददरान वारी दवी भहागौयी का कवच ह दवी शसविदातरी क कवच को धायण कयन स वमसकत कक सभमत काभनाओॊ कक ऩनत घ होती ह उस ऋवि शसवि कक परासतत होती ह कवच क परबाफ स वमसकत क मश फर औय धन कक परासतत आदद कामो भ चरी आ यह फाधा-ववधन सभातत हो जात ह वमसकत को मश फर औय धन कक परासतत होकय उस भाॊ कक कऩा स धभघ

अथघ काभ औय भो कक बी परासतत मवत हो जाती ह

रसायन ससदधि कवच Rasayan Siddhi Kawach

यसामन शसवि कवच ववशष रऩ स उन रोगो क शरए उऩमोगी ह जो धचककतसा तर स जड़ ह जस धचककतसक वदम डॉकटय औषधध यसामनशामतर दवाई आदद उनक शरए यसामन शसवि कवच अतमॊत राबपरद शसि भाना गमा ह कछ जानकायो का कथन ह की धचककतसा क कामघ कयन वार वमसकत मदद अऩन अभमास व अधममन क दौयान इस कवच का परमोग कयत ह तो इस कवच क परबाव स धचककतसा स जड सबी कामो भ शीघर सपरता परातत हो जाती ह वमसकत कवच क परबाव स वमसकत को औषध धचककतसा स सॊफॊधधत सकर ववदमाओॊ की परासतत हो जाती ह वह इन ववदमाओॊ को परातत कय उस ववदमा भ ववशषऻ फन सकत ह यसामन शसवि कवच क पराबाव स धचककतसक मा डॉकटय दवाया धचककतसा परातत योगी बी शीघर मवमम राब परातत कयन भ सभ होत ह

6400

ऩचदव शकति कवच Pancha Dev Shakti Kawach

ऩॊचदव दहनद धभघ क ऩाॉच परधान दवताओॊ को कहाॉ जाता ह सजनकी ऩजा-उऩासना आदद दहनद धभघ भ ववशष रऩ स परचशरत ह दहनद धभघ भ ककसी बी शब औय भाॊगशरक कामघ भ ऩॊचदवताओॊ की ऩजा को अननवामघ भाना गमा ह इन ऩाॉच दवताओॊ क रऩ भ बगवान शरीगणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की आयाधना कक जाती ह ववदवानो न अऩन अनबवो क आधाय स मह ऩामा ह की इन ऩॊचदव अथाघत शरी गणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की सॊमकत कऩा स जीवन भ बौनतक सि-साधनो की परासतत व आशशवाघद परातत कयन का उततभ भाधमभ ऩॊचदव शसकत कवच ह ऩॊचदव शसकत कवच को धायण कयन स वमसकत को सि-सौबागम एवॊ ऐशवमघ की परासतत होती ह औय उसक सकर भनोयथ शसि होन रगत ह औय उसक जीवन स सबी परकाय क द ि योग शोक एवॊ ववघन-फाधाओॊ का मवत नाश होता ह

6400

सयवरव ऱकषमी कवच सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स धन-सॊऩसतत यतन-आबषण आदद की ववि 4600

Suvarn Lakshmi Kawach होती ह सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स सवणघ स सॊफॊधधत कामो भ ववशष राब की परासतत होती ह ववशबनन मतरोत स आधथघक राब शभरन क मोग फनत ह सवणघ स सॊफॊधधत सबी अशबराषाएॊ शीघर ही ऩणघ होन की परफर सॊबावनाएॊ फनती ह

सवरावकषवर भरव कवच Swarnakarshan Bhairav Kawach

बयव जी को बगवान शशव क दवादश मवरऩ क रऩ भ ऩजा जाता ह बयवजी को तीन मवरऩ फटक बयव भहाकार बयव औय मवणाघकषघण बयव क रऩ भ जाना जाता ह ववदवानो न मवणाघकषघण-बयव को धन-धानम औय समऩसतत क दवता भाना ह धभघगरॊथो भ उलरि शभरता ह की आधथघक समथती ददन-परनतददन ियाफ होती जायही हो कजघ का फोझ फढता जा यहा हो सभममा क सभाधान हत कोई यामता न ददिाई द यहा हो सबी परकाय क ऩजा ऩाठ भॊतर मॊतर तॊतर मऻ हवन साधना आदद स कोई ववशष राब की परासतत न हो यही हो तफ मवणाघकषघण बयव जी का भॊतर मॊतर साधना इतमादद का आशरम रना चादहए जो वमसकत मवणाघकषघण बयव की साधना भॊतर जऩ आदद को कयन भ असभथघ हो वह रोग मवणाघकषघण बयव कवच को धायण कय ववशषा राब परातत कय सकत ह मवणाघकषघण बयव कवच को धन परासतत क शरए अचक औय अतमॊत परबावशारी भाना जाता ह मवणाघकषघण बयव कवच धायण कताघ की सबी परकाय की आधथघक सभममाओॊ को सभातत कयन भ सभथघ ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ ह इस करमग भ सजस परकाय भतम बम क ननवायण हत भहाभतमॊजम कवच अभोर ह उसी परकाय आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत मवणाघकषघण बयव कवच अभोर भाना गमा ह धाशभघक भानमताओॊ क अनशाय ऐसा भाना जाता ह की बयवजी की ऩजा-उऩासना शरीगणश ववषण चॊदरभा कफय आदद दवताओॊ न बी कक थी बयव उऩासना क परबाव स बगवान ववषण रकषभीऩनत फन थ ववशबनन अतसयाओॊ को सौबागम शभरन का उलरि धभघगरॊथो भ शभरता ह मदह कायण ह की मवणाघकषघण बयव कवच आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत अतमॊत राबपरद ह इस कवच को धायण कयन स सबी परकाय स आधथघक राब की परासतत

4600

होती ह

दधवऱर सकऱ राज वशीकरर कवच Vilakshan Sakal Raj Vasikaran Kawach

ववरण सकर याज वशीकयण कवच को धायण कयन स याज अधधकायी अथाघत सयकायी ववबाग भ कामघ कयन वार अधधकारयमो को अऩन अनकर ककमा जाता सकता ह मदद कोई अधधकायी मा अफसय आऩको अनावशमक ऩयशान कय यहा हो आऩक कामघ को तरफना ककसी वजह स योक यह हो कामघ स सॊफॊधधत कोई ना कोई गरती ननकार यह हो कामघ क शरए फाय-फाय दौड़ा यह हो ऐसी सबी समथतीमो भ ववरण सकर याज वशीकयण कवच अधधकायीमो को अऩन अनकर फनान क शरए सवोततभ भाधम ह सयकायी ववबाग एवॊ साभासजक कामघ कयन वार रोगो क शरए बी ववरण सकर याज वशीकयण कवच धायण कयना ववशष राब की परासतत होती ह

3250

इषट ससदधि कवच Isht Siddhi Kawach

बकत औय बगवान क फीच का रयशता परभ ववशवास औय सभऩघण ऩय दटका ह मह तीन फातो स बकत को अधमासतभक औय आसतभक फर की परासतत होती ह धभघगरॊथो भ इषट शसवि क शरए ववशबनन परकाय की धाशभघक ववधध-ववधान साधना औय कभघकाणड का वणघन शभरता ह रककन आज क आधननक दौय भ अऩनी आवशमकताओॊ को ऩया कयन शरए ददन-यात ऩरयशरभ कयन वार वमसकत को सभम क इषट आयाधना क शरए ऩमाघतत सभम नहीॊ शभरता मदद शभर बी जाम तो आयाधना भ भन नहीॊ रग ऩाता भन बटकता यहता ह एसी समथती भ इषट शसवि कवच राबपरद भाना गमा ह इस कवच क परबाव स धायण कताघ की एकागरता भ ववि होती ह ऩजा-उऩासना क दौयान भानशसक शाॊनत का अनबव होता ह सजसस इषट शसवि शीघर परातत होन भ राब शभर सकता ह इषट शसवि कवच का ननभाघण इमस उददशम स ककमा जाता ह की धायण कताघ को शीघर अऩन कामघ उददशम भ इसचछत सपरता परातत हो

2800

ऩरदश गमन और ऱाभ पराकति कछ रोग की ववदश भ वमवसाम मा नौकयी कयन की इचछा होती ह तो कछ रोग 2350

कवच Pardesh Gaman Aur Labh Prapti Kawach

ववदश भ वमाऩाय कयन की चाहत यित ह तो कछ रोगो की इचछा ववदश मातरा कयन की होती ह वमसकत की इचछा होन ऩय बी उनक ववदश स सॊफॊधधत कामघ उधचत परमतन कयन क उऩयाॊत बी फनत-फनत यह जात ह मा कामघ भ रकावटो क कायण ववरॊफ होता यहता ह एसी समथती भ ऩयदश गभन औय राब परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ की भनोकाभनाएॊ शीघर ऩणघ होन क मोग फनन रगत ह

शरीदयगाव बीसा कवच Durga Visha Kawach

शरीदगाघ फीसा कवच साधक को बसकत क साथ सभमत साॊसारयक सिो को परदान कयन वारा सवघशसविपरद कवच ह शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स साधक को धभघ अथघ काभ

औय भो इन चाय की परासतत भ बी सहामता परातत होती ह शामतरोकत वणघन ह की दवी दगाघ क शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स दवी परसनन

होकय साधक की अशबषट इचछाएॊ ऩणघ कयती ह भाॉ दगाघ अऩन बकत की मवमॊ या कय उन

ऩय कऩा दषटी कयती ह शरीदगाघ फीसा कवच धायण कयन स भाॉ दगाघ की कऩा स नौकयी वमवसाम भ साधक को उनननत क शशिय ऩय जान का भागघ परसमत होता ह शरीदगाघ फीसा कवच स साधक को धन-धानम सि-सॊऩसतत सॊतान का सि परातत होता ह औय शतर ववजम ऋण-योग आदद ऩीडा ा स भसकत परातत होती ह औय साधक को जीवन भ सॊऩणघ सिो की परासतत होती ह जीवन भ ककसी बी परकाय क सॊकट मा फाधा की आशॊका होन

ऩय शरीदगाघ फीसा कवच को शरिाऩवघक धायण कयन स साधक को सबी परकाय की फाधा स

भसकत शभरती ह औय धन-धानम की परासतत होती ह

1900

अषट दधवनायक कवच Asht Vinayak Kawach

अषट ववनामक कवच को शरीगणश क आठ परभि रऩो की कऩा परासतत हत धायण ककमा जाता ह बगवान शरी गणश क इन आठ अवतायो भ ससषट क सि की कलऩना का आधाय भाना जाता ह अषट ववनामक कवच कवच सकर ववघन-फाधाओॊ का नाश कयन औय कामो भ सपरता की परासतत हत उततभ ह

1900

दधवषरय बीसा कवच ववषण फीसा कवच को धन मश सपरता औय उनननत की परासतत हत उततभ भाना 1900

Vishnu Visha Kawach जाता ह ववषण फीसा कवच को बगवान शरी ववषण को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह दहनद धभघगरॊथो भ वरणघत ह की जहाॉ बगवान ववषण ननवास कयत ह उस मथान ऩय भाॉ भहारकषभी का बी ननवास होता ह सजस बकत ऩय ववषण परसनन होत कऩा कयत ह उस बकत ऩय दवी भहारकषभी बी मवत परसनन होती ह औय अऩनी कऩा आशीवाघद परदान दती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को कामो भ शसवि व सपरता की परासतत मवामम औय साॊसारयक सिो की ववि होती ह ववदवानो का अनबव यहा ह की शरी ववषण फीसा कवच को धायण कयन स शीघर ही धायणकताघ क रय-ऩरयवाय भ सि-सभवि-ऐशवमघ भ ववि होन रगती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत भ सकायातभक ऊजाघ का सॊचाय होता ह उसक रक हव कामघ सॊऩनन होन रगत ह कामघ तर भ सधाय होन रगता ह शतर योग आदद नाना परकाय क बमो का ननवायण हो जाता ह औय जीवन ऩयभ सिी हो जाता ह

रामभदर बीसा कवच Ramabhadra Visha Kawach

याभबदर फीसा कवच को बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह कवच को धायण कयन स भनषम क सफ कामघ शसि होत ह कवच को धायण कयन स वमसकत की सबी परकाय क सॊशम बम फॊधनो का नाश होता ह सजसस वमसकत ननबघम होकय अऩन कामघ तर भ सपर होता ह सनातन धभघ भ याभ शधद को धभो का भर भाना गमा ह इस कशरमग भ सभम क अबाव भ सजस वमसकत क ऩाय जऩ तऩ मऻ आदद धाशभघक कामघ कयन का सभम नहीॊ होता ऐस भ याभ का नाभ ही एक भातर सहाया ह कमोकी जो रोग कशरकार भ शरीयाभ की शयण रत ह उनह कशरमग भ कोई फाधा नहीॊ ऩहॊचाता याभबदर फीसा कवच शरी याभजी की कऩा परानत का सयर भाधमभ ह

1900

कय बर बीसा कवच आज हय वमसकत चाहता की उसक ऩास अऩाय धन-सॊऩसतत हो उसक ऩाय दननमा का 1900

Kuber Visha Kawach हय ऐशो-आयाभ भौजद हो उस कबी ककसी चीज की कभी न हो एस रोगो की इचछाओॊ को ऩणघ कयन भ सभथघ ह कफय फीसा कवच जो दवताओॊ क कोषाधम कफय जी का कवच ह कफय फीसा कवच क परबाव स धायण कताघ ऩय मयाज कफय परसनन होकय अतर समऩसतत का वयदान दत ह उस अम धन कोष की परासतत एवॊ आम ववि क नम-नम मतरोत फनन रगत ह मवणघ राब यतन राब ऩतक समऩतती एवॊ गड़ हए धन स राब परासतत कक काभना कयन वार वमसकत क शरम कफय फीसा कवच धायण कयना अतमनत राब दामक हो मकता ह एसा शामतरोकत वचन ह कफय फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को एकाधधक मतरोतर स धन का परातत होकय धन सॊचम होता ह धन-सॊऩसतत एवॊ ऐशवमघ की परासतत हत कफय फीसा कवच सवघशरषठ भाधमभ ह

गरड बीसा कवच Garud Visha Kawach

गरड बगवान ववषण का वाहन ह जानकायो क भतानशाय गरड फीसा कवच को धायण कयन स सयरता स बगवान ववषण की बी कऩा परातत होती ह शतर स सॊफॊधधत बमो का नाश होता ह सऩघबम आदद अनक परकायकी वमाधधमाॊ दय हो जाती ह गरड फीसा कवच को रय दकान ऑकपस आदद क परवश दवाय ऩय रगान स रय भ ननवास कयन वार सबी परकाय क सऩघ रय छोड़कय बाग जात ह एवॊ कपय रय भ परवश नहीॊ कयत गरड फीसा कवच को धायण कयन मा बवन भ रगान स सवघ परकाय क सि-आनॊद भ ववि होन रगती ह ववदवानो न इस कवच को अतमॊत परदामक भाना ह

1900

ससह बीसा कवच Sinha Visha Kawach

शस ॊह फीसा कवच दवी बगवती का धायण कयन स दवी की कऩा परातत होती ह शस ॊह फीसा कवच भाॉ बगवती को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए ववशष रऩ स धायण ककमा जाता ह शस ॊह फीसा कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम दय हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क परबाव स सबी परकाय क शतर एवॊ ववयोधी

1900

धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

1900

सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

1900

अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

1900

हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

1900

दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

1900

सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

1450

जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

1450

आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

1450

रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

1450

फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

1450

अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

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सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

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एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

1050

सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

1050

हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

1050

सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

1050

भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

910

ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

910

ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

910

सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

910

महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

910

वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

730

ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

730

साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

730

स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

1250

परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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इन सबी रऩो का अशीवाघद परातत होता ह

bull सवघ कामघ शसवि कवच क साथ भ तॊतर या कवच क शभर होन की वजह स ताॊतरतरक फाधाए दय होती ह साथ ही नकायातभक शसकतमो का कोइ कपरबाव धायण कताघ वमसकत ऩय नहीॊ होता इस कवच क परबाव स इषाघ-दवष यिन वार वमसकतओ दवाया होन वार दषट परबावो स या होती ह

bull सवघ कामघ शसवि कवच क साथ भ शतर ववजम कवच क शभर होन की वजह स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

अनम कवच क फाय भ अधधक जानकायी क शरम कामाघरम भ सॊऩकघ कय ककसी वमसकत ववशष को सवघ कामघ शसवि कवच दन नही दना का अॊनतभ ननणघम हभाय ऩास सयकषत ह

शरी घटाकरव महावीर सवव ससदधि परद कवच Shri Ghantakarn Mahavir

Sarv Siddhi Prad Kawach

कवच को धायण कयन स धायण कताघ की सकर भनोकाभनाएॊ ऩणघ होती ह उसका सबी परकाय क बत-परत आदद उऩदरव स यण होता ह दषट व असयी शसकतमो स उतऩनन होन वार सबी परकाय क बम कवच क परबाव स दय हो जात ह कवच को धायण कयन स साधक को धन सि सभवि ऎशवमघ सॊतसतत-सॊऩसतत आदद की परासतत होती ह साधक की सबी परकाय की सासतवक इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह मदद ककसी वमसकत ऩय वशीकयण भायण उचचाटन इतमादद जाद-टोन वार परमोग ककम गम होतो इस कवच क परबाव स मवत नषट हो जात ह औय बववषम भ मदद कोई परमोग कयता ह तो यण होता ह कवच धायण कताघ को मदद कोई इषाघ रोब भोह मा शतरतावश मदद अनधचत कभघ कयक ककसी बी उददशम स साधक को ऩयशान कयन का परमास कयता ह तो कवच क परबाव स साधक का यण तो होता ही ह कबी-कबी शतर क दवाया ककमा गमा

6400

अनधचत कभघ शतर ऩय ही उऩय उरट वाय हो जात ह

सकऱ ससदधि परद गायतरी कवच

Sakal Siddhi Prad Gayatri Kawach

वदो भ उलरि ह की दवी गामतरी सबी परकाय क ऻान औय ववऻान की जननी ह दवी गामतरी की उऩासना कयन स साधक ८४ कराओॊ का ऻाता हो जाता ह भाना जाता ह की शसि की हई गामतरी काभधन क सभान ह गॊगा शयीय क ऩाऩो को ननभघर कयती ह गामतरी रऩी बरहभ

गॊगा स आतभा ऩववतर होती ह सजस परकाय दवी गामतरी ऩाऩो का नाश कयन वारी ह सभमत

साॊसारयक औय ऩायरौककक सिो को परदान कयन वारी ह उसी परकाय सकर शसवि परद गामतरी कवच को धायण कयन स साधक क सभमत योग-शोक-

बम बत-परत तॊतर फाधा चोट भायण भोहन उचचाटन वशीकयण मतॊबन काभण-टभण

इतमादद उऩदरवो इतमादद उऩदरवो का नाश होता ह साधक को धभघ अथघ काभ औय भो की परासतत बी सॊबॊव ह सकर शसवि परद गामतरी कवच को धायण कयन स भिघ स भिघ औय जड़ स जड़ वमसकत बी ववदवान होन भ सभथघ हो सकता ह साधन को असाधम योग एवॊ ऩयशानीमो स भसकत शभर सकती ह ददन-परनतददन साधन की धन-सॊऩसतत की ववि एवॊ या होती ह गरह जननत ऩीड़ाओॊ स या होती साधन को अऩन कामो भ अदभत सपरताम शभर जाती ह कवच धायण कयन स धचतत शि

होता ह औय रदम भ ननभघरता आती ह शयीय नीयोग यहता ह मवबाव भ नमरता आती ह

फवि सकषभ होन स साधक की दयदशशघता फढती ह औय मभयण शसकत का ववकास होता ह अनधचत काभ कयन वारो क दघगण गामतरी क कायण छट सकत ह

6400

दस महा दधवदया कवच Dus Mahavidya Kawach

मह कवच दस भहा ववदमा क शसकतमो स सॊऩनन अतमॊत परबावशारी औय दरघब कवच ह इस कवच क भाधमभ स साधक को दसो भहाववदमाओॊ आशशवाघद परातत होता ह दस भहा ववदमा कवच को धायण कयन स साधक की सबी भनोकाभनाओॊ की ऩनत घ होती ह दस भहा ववदमा कवच साधक की सभमत इचछाओॊ की ऩनत घ कयन भ सभथघ एवॊ उस

6400

शसकतसॊऩनन एवॊ बशभवान फनान भ सभथघ ह साधक को दस भहा ववदमा दवीमो की कऩा स सॊसाय की सभमत शसविमो की परासतत सॊबव ह दस भहा ववदमा की कऩा स साधक को धभघ अथघ कार व भो चतववघध ऩरषाथो की परासतत होती ह दस भहा ववदमा कवच भ दगाघ क दस अवतायो का आशीवाघद सभादहत होता ह सजसस जीवन को ननयॊतय अधधक स अधधक

साथघक एवॊ सपर फनामा जा सकता ह दश भहाववदमा को शामतरो भ आदमा बगवती क दस बद कह ह जो करभश (१) कारी (२) ताया (३) षोडशी (४) बवनशवयी (५) बयवी (६) नछननभमता (७) धभावयी (८) फगरा (९) भातॊगी एवॊ (१०) कभासतभका इस सबी दवी मवरऩो को ससमभशरत रऩ भ दशभहाववदमा क नाभ स जाना जाता ह

नवदयगाव शकति कवच Navdurga Shakiti Kawach

भाॊ दगाघ क नवरऩ करभश 1 शरऩतरी 2 बरहभचारयणी 3 चनदररणटा 4 कषभाणडा 5 मकनदभाता 6 कातमामनी 7 कारयातरतर 8 भहागौयी 9 शसविदातरी ह नवदवीमो क कवचो को एक साथ भ शभराकय फनाकय नवदगाघ कवच का ननभाघण ककमा जाता ह सजसस धायण कताघ को नवदवीमो का आशशवाघद एकसाथ परातत हो जाता ह नव दवीमो क कवच का भहतव करभश आऩक भागघदशघन हत परमतत ह दवी शरऩतरी का कवच धायण कयन वारा वमसकत सदा धन-धानम स सॊऩनन यहता ह अथाघत उस सजवन भ धन एवॊ अनम सि साधनो को कभी भहसस नहीॊ होतीॊ वमसकत को अनक परकाय कक शसविमाॊ एवॊ उऩरसधधमाॊ परातत होती ह दवी बरहभचारयणी कवच धायण कयन वार वमसकत को अनॊत पर कक परासतत होती ह कवच क परबाव स वमसकत भ तऩ तमाग सदाचाय सॊमभ जस सद गणो कक ववि होती ह दवी चनदररणटा का कवच धायण कयन स वमसकत को सबी ऩाऩो स भसकत शभरती ह उस सभमत साॊसारयक आधध-वमाधध स भसकत शभरती ह इसक उऩयाॊत

6400

वमसकत को धचयाम आयोगम सिी औय सॊऩनन होनता परातत होती ह कवच क परबाव स वमसकत क साहस एव ववयता भ ववि होती ह वमसकत मवय भ शभठास आती ह उसक आकषघण भ बी ववि होती ह कमोकक चनदररणटा को ऻान की दवी बी भाना गमा ह दवी कषभाणडा क कवच को धायण कयन वार वमसकत को सबी परकाय क योग शोक औय करश स भसकत शभरती ह उस आमषम मश फर औय फवि परातत होती ह दवी मकॊ दभाता क कवच को धायण कयन स वमसकत की सभमत इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह एवॊ जीवन भ ऩयभ सि एवॊ शाॊनत परातत होती ह दवी कातमामनी का कवच धायण कयन स वमसकत को सबी परकाय क योग शोक बम स भसकत शभरती ह कातमामनी दवी को वददक मग भ म ऋवष-भननमो को कषट दन वार य-दानव ऩाऩी जीव को अऩन तज स ही नषट कय दन वारी भाना गमा ह दवी कारयातरतर का कवच धायण कयन स असगन बम आकाश बम बत वऩशाच इतमादी शसकतमाॊ कारयातरतर दवी क मभयण भातर स ही बाग जात ह कारयातरतर शतर एवॊ दषटो का सॊहाय कयन वारी दवी ह दवी भहागौयी का कवच को धायण कयन स वमसकत क सभमत ऩाऩो स छटकाया शभरता ह मह भाॊ अननऩणाघ क सभान धन वबव औय सि-शाॊनत परदान कयन वारी एवॊ सॊकट स भसकत ददरान वारी दवी भहागौयी का कवच ह दवी शसविदातरी क कवच को धायण कयन स वमसकत कक सभमत काभनाओॊ कक ऩनत घ होती ह उस ऋवि शसवि कक परासतत होती ह कवच क परबाफ स वमसकत क मश फर औय धन कक परासतत आदद कामो भ चरी आ यह फाधा-ववधन सभातत हो जात ह वमसकत को मश फर औय धन कक परासतत होकय उस भाॊ कक कऩा स धभघ

अथघ काभ औय भो कक बी परासतत मवत हो जाती ह

रसायन ससदधि कवच Rasayan Siddhi Kawach

यसामन शसवि कवच ववशष रऩ स उन रोगो क शरए उऩमोगी ह जो धचककतसा तर स जड़ ह जस धचककतसक वदम डॉकटय औषधध यसामनशामतर दवाई आदद उनक शरए यसामन शसवि कवच अतमॊत राबपरद शसि भाना गमा ह कछ जानकायो का कथन ह की धचककतसा क कामघ कयन वार वमसकत मदद अऩन अभमास व अधममन क दौयान इस कवच का परमोग कयत ह तो इस कवच क परबाव स धचककतसा स जड सबी कामो भ शीघर सपरता परातत हो जाती ह वमसकत कवच क परबाव स वमसकत को औषध धचककतसा स सॊफॊधधत सकर ववदमाओॊ की परासतत हो जाती ह वह इन ववदमाओॊ को परातत कय उस ववदमा भ ववशषऻ फन सकत ह यसामन शसवि कवच क पराबाव स धचककतसक मा डॉकटय दवाया धचककतसा परातत योगी बी शीघर मवमम राब परातत कयन भ सभ होत ह

6400

ऩचदव शकति कवच Pancha Dev Shakti Kawach

ऩॊचदव दहनद धभघ क ऩाॉच परधान दवताओॊ को कहाॉ जाता ह सजनकी ऩजा-उऩासना आदद दहनद धभघ भ ववशष रऩ स परचशरत ह दहनद धभघ भ ककसी बी शब औय भाॊगशरक कामघ भ ऩॊचदवताओॊ की ऩजा को अननवामघ भाना गमा ह इन ऩाॉच दवताओॊ क रऩ भ बगवान शरीगणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की आयाधना कक जाती ह ववदवानो न अऩन अनबवो क आधाय स मह ऩामा ह की इन ऩॊचदव अथाघत शरी गणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की सॊमकत कऩा स जीवन भ बौनतक सि-साधनो की परासतत व आशशवाघद परातत कयन का उततभ भाधमभ ऩॊचदव शसकत कवच ह ऩॊचदव शसकत कवच को धायण कयन स वमसकत को सि-सौबागम एवॊ ऐशवमघ की परासतत होती ह औय उसक सकर भनोयथ शसि होन रगत ह औय उसक जीवन स सबी परकाय क द ि योग शोक एवॊ ववघन-फाधाओॊ का मवत नाश होता ह

6400

सयवरव ऱकषमी कवच सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स धन-सॊऩसतत यतन-आबषण आदद की ववि 4600

Suvarn Lakshmi Kawach होती ह सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स सवणघ स सॊफॊधधत कामो भ ववशष राब की परासतत होती ह ववशबनन मतरोत स आधथघक राब शभरन क मोग फनत ह सवणघ स सॊफॊधधत सबी अशबराषाएॊ शीघर ही ऩणघ होन की परफर सॊबावनाएॊ फनती ह

सवरावकषवर भरव कवच Swarnakarshan Bhairav Kawach

बयव जी को बगवान शशव क दवादश मवरऩ क रऩ भ ऩजा जाता ह बयवजी को तीन मवरऩ फटक बयव भहाकार बयव औय मवणाघकषघण बयव क रऩ भ जाना जाता ह ववदवानो न मवणाघकषघण-बयव को धन-धानम औय समऩसतत क दवता भाना ह धभघगरॊथो भ उलरि शभरता ह की आधथघक समथती ददन-परनतददन ियाफ होती जायही हो कजघ का फोझ फढता जा यहा हो सभममा क सभाधान हत कोई यामता न ददिाई द यहा हो सबी परकाय क ऩजा ऩाठ भॊतर मॊतर तॊतर मऻ हवन साधना आदद स कोई ववशष राब की परासतत न हो यही हो तफ मवणाघकषघण बयव जी का भॊतर मॊतर साधना इतमादद का आशरम रना चादहए जो वमसकत मवणाघकषघण बयव की साधना भॊतर जऩ आदद को कयन भ असभथघ हो वह रोग मवणाघकषघण बयव कवच को धायण कय ववशषा राब परातत कय सकत ह मवणाघकषघण बयव कवच को धन परासतत क शरए अचक औय अतमॊत परबावशारी भाना जाता ह मवणाघकषघण बयव कवच धायण कताघ की सबी परकाय की आधथघक सभममाओॊ को सभातत कयन भ सभथघ ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ ह इस करमग भ सजस परकाय भतम बम क ननवायण हत भहाभतमॊजम कवच अभोर ह उसी परकाय आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत मवणाघकषघण बयव कवच अभोर भाना गमा ह धाशभघक भानमताओॊ क अनशाय ऐसा भाना जाता ह की बयवजी की ऩजा-उऩासना शरीगणश ववषण चॊदरभा कफय आदद दवताओॊ न बी कक थी बयव उऩासना क परबाव स बगवान ववषण रकषभीऩनत फन थ ववशबनन अतसयाओॊ को सौबागम शभरन का उलरि धभघगरॊथो भ शभरता ह मदह कायण ह की मवणाघकषघण बयव कवच आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत अतमॊत राबपरद ह इस कवच को धायण कयन स सबी परकाय स आधथघक राब की परासतत

4600

होती ह

दधवऱर सकऱ राज वशीकरर कवच Vilakshan Sakal Raj Vasikaran Kawach

ववरण सकर याज वशीकयण कवच को धायण कयन स याज अधधकायी अथाघत सयकायी ववबाग भ कामघ कयन वार अधधकारयमो को अऩन अनकर ककमा जाता सकता ह मदद कोई अधधकायी मा अफसय आऩको अनावशमक ऩयशान कय यहा हो आऩक कामघ को तरफना ककसी वजह स योक यह हो कामघ स सॊफॊधधत कोई ना कोई गरती ननकार यह हो कामघ क शरए फाय-फाय दौड़ा यह हो ऐसी सबी समथतीमो भ ववरण सकर याज वशीकयण कवच अधधकायीमो को अऩन अनकर फनान क शरए सवोततभ भाधम ह सयकायी ववबाग एवॊ साभासजक कामघ कयन वार रोगो क शरए बी ववरण सकर याज वशीकयण कवच धायण कयना ववशष राब की परासतत होती ह

3250

इषट ससदधि कवच Isht Siddhi Kawach

बकत औय बगवान क फीच का रयशता परभ ववशवास औय सभऩघण ऩय दटका ह मह तीन फातो स बकत को अधमासतभक औय आसतभक फर की परासतत होती ह धभघगरॊथो भ इषट शसवि क शरए ववशबनन परकाय की धाशभघक ववधध-ववधान साधना औय कभघकाणड का वणघन शभरता ह रककन आज क आधननक दौय भ अऩनी आवशमकताओॊ को ऩया कयन शरए ददन-यात ऩरयशरभ कयन वार वमसकत को सभम क इषट आयाधना क शरए ऩमाघतत सभम नहीॊ शभरता मदद शभर बी जाम तो आयाधना भ भन नहीॊ रग ऩाता भन बटकता यहता ह एसी समथती भ इषट शसवि कवच राबपरद भाना गमा ह इस कवच क परबाव स धायण कताघ की एकागरता भ ववि होती ह ऩजा-उऩासना क दौयान भानशसक शाॊनत का अनबव होता ह सजसस इषट शसवि शीघर परातत होन भ राब शभर सकता ह इषट शसवि कवच का ननभाघण इमस उददशम स ककमा जाता ह की धायण कताघ को शीघर अऩन कामघ उददशम भ इसचछत सपरता परातत हो

2800

ऩरदश गमन और ऱाभ पराकति कछ रोग की ववदश भ वमवसाम मा नौकयी कयन की इचछा होती ह तो कछ रोग 2350

कवच Pardesh Gaman Aur Labh Prapti Kawach

ववदश भ वमाऩाय कयन की चाहत यित ह तो कछ रोगो की इचछा ववदश मातरा कयन की होती ह वमसकत की इचछा होन ऩय बी उनक ववदश स सॊफॊधधत कामघ उधचत परमतन कयन क उऩयाॊत बी फनत-फनत यह जात ह मा कामघ भ रकावटो क कायण ववरॊफ होता यहता ह एसी समथती भ ऩयदश गभन औय राब परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ की भनोकाभनाएॊ शीघर ऩणघ होन क मोग फनन रगत ह

शरीदयगाव बीसा कवच Durga Visha Kawach

शरीदगाघ फीसा कवच साधक को बसकत क साथ सभमत साॊसारयक सिो को परदान कयन वारा सवघशसविपरद कवच ह शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स साधक को धभघ अथघ काभ

औय भो इन चाय की परासतत भ बी सहामता परातत होती ह शामतरोकत वणघन ह की दवी दगाघ क शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स दवी परसनन

होकय साधक की अशबषट इचछाएॊ ऩणघ कयती ह भाॉ दगाघ अऩन बकत की मवमॊ या कय उन

ऩय कऩा दषटी कयती ह शरीदगाघ फीसा कवच धायण कयन स भाॉ दगाघ की कऩा स नौकयी वमवसाम भ साधक को उनननत क शशिय ऩय जान का भागघ परसमत होता ह शरीदगाघ फीसा कवच स साधक को धन-धानम सि-सॊऩसतत सॊतान का सि परातत होता ह औय शतर ववजम ऋण-योग आदद ऩीडा ा स भसकत परातत होती ह औय साधक को जीवन भ सॊऩणघ सिो की परासतत होती ह जीवन भ ककसी बी परकाय क सॊकट मा फाधा की आशॊका होन

ऩय शरीदगाघ फीसा कवच को शरिाऩवघक धायण कयन स साधक को सबी परकाय की फाधा स

भसकत शभरती ह औय धन-धानम की परासतत होती ह

1900

अषट दधवनायक कवच Asht Vinayak Kawach

अषट ववनामक कवच को शरीगणश क आठ परभि रऩो की कऩा परासतत हत धायण ककमा जाता ह बगवान शरी गणश क इन आठ अवतायो भ ससषट क सि की कलऩना का आधाय भाना जाता ह अषट ववनामक कवच कवच सकर ववघन-फाधाओॊ का नाश कयन औय कामो भ सपरता की परासतत हत उततभ ह

1900

दधवषरय बीसा कवच ववषण फीसा कवच को धन मश सपरता औय उनननत की परासतत हत उततभ भाना 1900

Vishnu Visha Kawach जाता ह ववषण फीसा कवच को बगवान शरी ववषण को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह दहनद धभघगरॊथो भ वरणघत ह की जहाॉ बगवान ववषण ननवास कयत ह उस मथान ऩय भाॉ भहारकषभी का बी ननवास होता ह सजस बकत ऩय ववषण परसनन होत कऩा कयत ह उस बकत ऩय दवी भहारकषभी बी मवत परसनन होती ह औय अऩनी कऩा आशीवाघद परदान दती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को कामो भ शसवि व सपरता की परासतत मवामम औय साॊसारयक सिो की ववि होती ह ववदवानो का अनबव यहा ह की शरी ववषण फीसा कवच को धायण कयन स शीघर ही धायणकताघ क रय-ऩरयवाय भ सि-सभवि-ऐशवमघ भ ववि होन रगती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत भ सकायातभक ऊजाघ का सॊचाय होता ह उसक रक हव कामघ सॊऩनन होन रगत ह कामघ तर भ सधाय होन रगता ह शतर योग आदद नाना परकाय क बमो का ननवायण हो जाता ह औय जीवन ऩयभ सिी हो जाता ह

रामभदर बीसा कवच Ramabhadra Visha Kawach

याभबदर फीसा कवच को बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह कवच को धायण कयन स भनषम क सफ कामघ शसि होत ह कवच को धायण कयन स वमसकत की सबी परकाय क सॊशम बम फॊधनो का नाश होता ह सजसस वमसकत ननबघम होकय अऩन कामघ तर भ सपर होता ह सनातन धभघ भ याभ शधद को धभो का भर भाना गमा ह इस कशरमग भ सभम क अबाव भ सजस वमसकत क ऩाय जऩ तऩ मऻ आदद धाशभघक कामघ कयन का सभम नहीॊ होता ऐस भ याभ का नाभ ही एक भातर सहाया ह कमोकी जो रोग कशरकार भ शरीयाभ की शयण रत ह उनह कशरमग भ कोई फाधा नहीॊ ऩहॊचाता याभबदर फीसा कवच शरी याभजी की कऩा परानत का सयर भाधमभ ह

1900

कय बर बीसा कवच आज हय वमसकत चाहता की उसक ऩास अऩाय धन-सॊऩसतत हो उसक ऩाय दननमा का 1900

Kuber Visha Kawach हय ऐशो-आयाभ भौजद हो उस कबी ककसी चीज की कभी न हो एस रोगो की इचछाओॊ को ऩणघ कयन भ सभथघ ह कफय फीसा कवच जो दवताओॊ क कोषाधम कफय जी का कवच ह कफय फीसा कवच क परबाव स धायण कताघ ऩय मयाज कफय परसनन होकय अतर समऩसतत का वयदान दत ह उस अम धन कोष की परासतत एवॊ आम ववि क नम-नम मतरोत फनन रगत ह मवणघ राब यतन राब ऩतक समऩतती एवॊ गड़ हए धन स राब परासतत कक काभना कयन वार वमसकत क शरम कफय फीसा कवच धायण कयना अतमनत राब दामक हो मकता ह एसा शामतरोकत वचन ह कफय फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को एकाधधक मतरोतर स धन का परातत होकय धन सॊचम होता ह धन-सॊऩसतत एवॊ ऐशवमघ की परासतत हत कफय फीसा कवच सवघशरषठ भाधमभ ह

गरड बीसा कवच Garud Visha Kawach

गरड बगवान ववषण का वाहन ह जानकायो क भतानशाय गरड फीसा कवच को धायण कयन स सयरता स बगवान ववषण की बी कऩा परातत होती ह शतर स सॊफॊधधत बमो का नाश होता ह सऩघबम आदद अनक परकायकी वमाधधमाॊ दय हो जाती ह गरड फीसा कवच को रय दकान ऑकपस आदद क परवश दवाय ऩय रगान स रय भ ननवास कयन वार सबी परकाय क सऩघ रय छोड़कय बाग जात ह एवॊ कपय रय भ परवश नहीॊ कयत गरड फीसा कवच को धायण कयन मा बवन भ रगान स सवघ परकाय क सि-आनॊद भ ववि होन रगती ह ववदवानो न इस कवच को अतमॊत परदामक भाना ह

1900

ससह बीसा कवच Sinha Visha Kawach

शस ॊह फीसा कवच दवी बगवती का धायण कयन स दवी की कऩा परातत होती ह शस ॊह फीसा कवच भाॉ बगवती को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए ववशष रऩ स धायण ककमा जाता ह शस ॊह फीसा कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम दय हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क परबाव स सबी परकाय क शतर एवॊ ववयोधी

1900

धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

1900

सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

1900

अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

1900

हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

1900

दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

1900

सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

1450

जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

1450

आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

1450

रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

1450

फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

1450

अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

1250

सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

1050

एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

1050

सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

1050

हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

1050

सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

1050

भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

910

ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

910

ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

910

सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

910

महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

910

वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

730

ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

730

साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

730

सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

730

स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

550

सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

550

शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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अनधचत कभघ शतर ऩय ही उऩय उरट वाय हो जात ह

सकऱ ससदधि परद गायतरी कवच

Sakal Siddhi Prad Gayatri Kawach

वदो भ उलरि ह की दवी गामतरी सबी परकाय क ऻान औय ववऻान की जननी ह दवी गामतरी की उऩासना कयन स साधक ८४ कराओॊ का ऻाता हो जाता ह भाना जाता ह की शसि की हई गामतरी काभधन क सभान ह गॊगा शयीय क ऩाऩो को ननभघर कयती ह गामतरी रऩी बरहभ

गॊगा स आतभा ऩववतर होती ह सजस परकाय दवी गामतरी ऩाऩो का नाश कयन वारी ह सभमत

साॊसारयक औय ऩायरौककक सिो को परदान कयन वारी ह उसी परकाय सकर शसवि परद गामतरी कवच को धायण कयन स साधक क सभमत योग-शोक-

बम बत-परत तॊतर फाधा चोट भायण भोहन उचचाटन वशीकयण मतॊबन काभण-टभण

इतमादद उऩदरवो इतमादद उऩदरवो का नाश होता ह साधक को धभघ अथघ काभ औय भो की परासतत बी सॊबॊव ह सकर शसवि परद गामतरी कवच को धायण कयन स भिघ स भिघ औय जड़ स जड़ वमसकत बी ववदवान होन भ सभथघ हो सकता ह साधन को असाधम योग एवॊ ऩयशानीमो स भसकत शभर सकती ह ददन-परनतददन साधन की धन-सॊऩसतत की ववि एवॊ या होती ह गरह जननत ऩीड़ाओॊ स या होती साधन को अऩन कामो भ अदभत सपरताम शभर जाती ह कवच धायण कयन स धचतत शि

होता ह औय रदम भ ननभघरता आती ह शयीय नीयोग यहता ह मवबाव भ नमरता आती ह

फवि सकषभ होन स साधक की दयदशशघता फढती ह औय मभयण शसकत का ववकास होता ह अनधचत काभ कयन वारो क दघगण गामतरी क कायण छट सकत ह

6400

दस महा दधवदया कवच Dus Mahavidya Kawach

मह कवच दस भहा ववदमा क शसकतमो स सॊऩनन अतमॊत परबावशारी औय दरघब कवच ह इस कवच क भाधमभ स साधक को दसो भहाववदमाओॊ आशशवाघद परातत होता ह दस भहा ववदमा कवच को धायण कयन स साधक की सबी भनोकाभनाओॊ की ऩनत घ होती ह दस भहा ववदमा कवच साधक की सभमत इचछाओॊ की ऩनत घ कयन भ सभथघ एवॊ उस

6400

शसकतसॊऩनन एवॊ बशभवान फनान भ सभथघ ह साधक को दस भहा ववदमा दवीमो की कऩा स सॊसाय की सभमत शसविमो की परासतत सॊबव ह दस भहा ववदमा की कऩा स साधक को धभघ अथघ कार व भो चतववघध ऩरषाथो की परासतत होती ह दस भहा ववदमा कवच भ दगाघ क दस अवतायो का आशीवाघद सभादहत होता ह सजसस जीवन को ननयॊतय अधधक स अधधक

साथघक एवॊ सपर फनामा जा सकता ह दश भहाववदमा को शामतरो भ आदमा बगवती क दस बद कह ह जो करभश (१) कारी (२) ताया (३) षोडशी (४) बवनशवयी (५) बयवी (६) नछननभमता (७) धभावयी (८) फगरा (९) भातॊगी एवॊ (१०) कभासतभका इस सबी दवी मवरऩो को ससमभशरत रऩ भ दशभहाववदमा क नाभ स जाना जाता ह

नवदयगाव शकति कवच Navdurga Shakiti Kawach

भाॊ दगाघ क नवरऩ करभश 1 शरऩतरी 2 बरहभचारयणी 3 चनदररणटा 4 कषभाणडा 5 मकनदभाता 6 कातमामनी 7 कारयातरतर 8 भहागौयी 9 शसविदातरी ह नवदवीमो क कवचो को एक साथ भ शभराकय फनाकय नवदगाघ कवच का ननभाघण ककमा जाता ह सजसस धायण कताघ को नवदवीमो का आशशवाघद एकसाथ परातत हो जाता ह नव दवीमो क कवच का भहतव करभश आऩक भागघदशघन हत परमतत ह दवी शरऩतरी का कवच धायण कयन वारा वमसकत सदा धन-धानम स सॊऩनन यहता ह अथाघत उस सजवन भ धन एवॊ अनम सि साधनो को कभी भहसस नहीॊ होतीॊ वमसकत को अनक परकाय कक शसविमाॊ एवॊ उऩरसधधमाॊ परातत होती ह दवी बरहभचारयणी कवच धायण कयन वार वमसकत को अनॊत पर कक परासतत होती ह कवच क परबाव स वमसकत भ तऩ तमाग सदाचाय सॊमभ जस सद गणो कक ववि होती ह दवी चनदररणटा का कवच धायण कयन स वमसकत को सबी ऩाऩो स भसकत शभरती ह उस सभमत साॊसारयक आधध-वमाधध स भसकत शभरती ह इसक उऩयाॊत

6400

वमसकत को धचयाम आयोगम सिी औय सॊऩनन होनता परातत होती ह कवच क परबाव स वमसकत क साहस एव ववयता भ ववि होती ह वमसकत मवय भ शभठास आती ह उसक आकषघण भ बी ववि होती ह कमोकक चनदररणटा को ऻान की दवी बी भाना गमा ह दवी कषभाणडा क कवच को धायण कयन वार वमसकत को सबी परकाय क योग शोक औय करश स भसकत शभरती ह उस आमषम मश फर औय फवि परातत होती ह दवी मकॊ दभाता क कवच को धायण कयन स वमसकत की सभमत इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह एवॊ जीवन भ ऩयभ सि एवॊ शाॊनत परातत होती ह दवी कातमामनी का कवच धायण कयन स वमसकत को सबी परकाय क योग शोक बम स भसकत शभरती ह कातमामनी दवी को वददक मग भ म ऋवष-भननमो को कषट दन वार य-दानव ऩाऩी जीव को अऩन तज स ही नषट कय दन वारी भाना गमा ह दवी कारयातरतर का कवच धायण कयन स असगन बम आकाश बम बत वऩशाच इतमादी शसकतमाॊ कारयातरतर दवी क मभयण भातर स ही बाग जात ह कारयातरतर शतर एवॊ दषटो का सॊहाय कयन वारी दवी ह दवी भहागौयी का कवच को धायण कयन स वमसकत क सभमत ऩाऩो स छटकाया शभरता ह मह भाॊ अननऩणाघ क सभान धन वबव औय सि-शाॊनत परदान कयन वारी एवॊ सॊकट स भसकत ददरान वारी दवी भहागौयी का कवच ह दवी शसविदातरी क कवच को धायण कयन स वमसकत कक सभमत काभनाओॊ कक ऩनत घ होती ह उस ऋवि शसवि कक परासतत होती ह कवच क परबाफ स वमसकत क मश फर औय धन कक परासतत आदद कामो भ चरी आ यह फाधा-ववधन सभातत हो जात ह वमसकत को मश फर औय धन कक परासतत होकय उस भाॊ कक कऩा स धभघ

अथघ काभ औय भो कक बी परासतत मवत हो जाती ह

रसायन ससदधि कवच Rasayan Siddhi Kawach

यसामन शसवि कवच ववशष रऩ स उन रोगो क शरए उऩमोगी ह जो धचककतसा तर स जड़ ह जस धचककतसक वदम डॉकटय औषधध यसामनशामतर दवाई आदद उनक शरए यसामन शसवि कवच अतमॊत राबपरद शसि भाना गमा ह कछ जानकायो का कथन ह की धचककतसा क कामघ कयन वार वमसकत मदद अऩन अभमास व अधममन क दौयान इस कवच का परमोग कयत ह तो इस कवच क परबाव स धचककतसा स जड सबी कामो भ शीघर सपरता परातत हो जाती ह वमसकत कवच क परबाव स वमसकत को औषध धचककतसा स सॊफॊधधत सकर ववदमाओॊ की परासतत हो जाती ह वह इन ववदमाओॊ को परातत कय उस ववदमा भ ववशषऻ फन सकत ह यसामन शसवि कवच क पराबाव स धचककतसक मा डॉकटय दवाया धचककतसा परातत योगी बी शीघर मवमम राब परातत कयन भ सभ होत ह

6400

ऩचदव शकति कवच Pancha Dev Shakti Kawach

ऩॊचदव दहनद धभघ क ऩाॉच परधान दवताओॊ को कहाॉ जाता ह सजनकी ऩजा-उऩासना आदद दहनद धभघ भ ववशष रऩ स परचशरत ह दहनद धभघ भ ककसी बी शब औय भाॊगशरक कामघ भ ऩॊचदवताओॊ की ऩजा को अननवामघ भाना गमा ह इन ऩाॉच दवताओॊ क रऩ भ बगवान शरीगणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की आयाधना कक जाती ह ववदवानो न अऩन अनबवो क आधाय स मह ऩामा ह की इन ऩॊचदव अथाघत शरी गणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की सॊमकत कऩा स जीवन भ बौनतक सि-साधनो की परासतत व आशशवाघद परातत कयन का उततभ भाधमभ ऩॊचदव शसकत कवच ह ऩॊचदव शसकत कवच को धायण कयन स वमसकत को सि-सौबागम एवॊ ऐशवमघ की परासतत होती ह औय उसक सकर भनोयथ शसि होन रगत ह औय उसक जीवन स सबी परकाय क द ि योग शोक एवॊ ववघन-फाधाओॊ का मवत नाश होता ह

6400

सयवरव ऱकषमी कवच सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स धन-सॊऩसतत यतन-आबषण आदद की ववि 4600

Suvarn Lakshmi Kawach होती ह सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स सवणघ स सॊफॊधधत कामो भ ववशष राब की परासतत होती ह ववशबनन मतरोत स आधथघक राब शभरन क मोग फनत ह सवणघ स सॊफॊधधत सबी अशबराषाएॊ शीघर ही ऩणघ होन की परफर सॊबावनाएॊ फनती ह

सवरावकषवर भरव कवच Swarnakarshan Bhairav Kawach

बयव जी को बगवान शशव क दवादश मवरऩ क रऩ भ ऩजा जाता ह बयवजी को तीन मवरऩ फटक बयव भहाकार बयव औय मवणाघकषघण बयव क रऩ भ जाना जाता ह ववदवानो न मवणाघकषघण-बयव को धन-धानम औय समऩसतत क दवता भाना ह धभघगरॊथो भ उलरि शभरता ह की आधथघक समथती ददन-परनतददन ियाफ होती जायही हो कजघ का फोझ फढता जा यहा हो सभममा क सभाधान हत कोई यामता न ददिाई द यहा हो सबी परकाय क ऩजा ऩाठ भॊतर मॊतर तॊतर मऻ हवन साधना आदद स कोई ववशष राब की परासतत न हो यही हो तफ मवणाघकषघण बयव जी का भॊतर मॊतर साधना इतमादद का आशरम रना चादहए जो वमसकत मवणाघकषघण बयव की साधना भॊतर जऩ आदद को कयन भ असभथघ हो वह रोग मवणाघकषघण बयव कवच को धायण कय ववशषा राब परातत कय सकत ह मवणाघकषघण बयव कवच को धन परासतत क शरए अचक औय अतमॊत परबावशारी भाना जाता ह मवणाघकषघण बयव कवच धायण कताघ की सबी परकाय की आधथघक सभममाओॊ को सभातत कयन भ सभथघ ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ ह इस करमग भ सजस परकाय भतम बम क ननवायण हत भहाभतमॊजम कवच अभोर ह उसी परकाय आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत मवणाघकषघण बयव कवच अभोर भाना गमा ह धाशभघक भानमताओॊ क अनशाय ऐसा भाना जाता ह की बयवजी की ऩजा-उऩासना शरीगणश ववषण चॊदरभा कफय आदद दवताओॊ न बी कक थी बयव उऩासना क परबाव स बगवान ववषण रकषभीऩनत फन थ ववशबनन अतसयाओॊ को सौबागम शभरन का उलरि धभघगरॊथो भ शभरता ह मदह कायण ह की मवणाघकषघण बयव कवच आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत अतमॊत राबपरद ह इस कवच को धायण कयन स सबी परकाय स आधथघक राब की परासतत

4600

होती ह

दधवऱर सकऱ राज वशीकरर कवच Vilakshan Sakal Raj Vasikaran Kawach

ववरण सकर याज वशीकयण कवच को धायण कयन स याज अधधकायी अथाघत सयकायी ववबाग भ कामघ कयन वार अधधकारयमो को अऩन अनकर ककमा जाता सकता ह मदद कोई अधधकायी मा अफसय आऩको अनावशमक ऩयशान कय यहा हो आऩक कामघ को तरफना ककसी वजह स योक यह हो कामघ स सॊफॊधधत कोई ना कोई गरती ननकार यह हो कामघ क शरए फाय-फाय दौड़ा यह हो ऐसी सबी समथतीमो भ ववरण सकर याज वशीकयण कवच अधधकायीमो को अऩन अनकर फनान क शरए सवोततभ भाधम ह सयकायी ववबाग एवॊ साभासजक कामघ कयन वार रोगो क शरए बी ववरण सकर याज वशीकयण कवच धायण कयना ववशष राब की परासतत होती ह

3250

इषट ससदधि कवच Isht Siddhi Kawach

बकत औय बगवान क फीच का रयशता परभ ववशवास औय सभऩघण ऩय दटका ह मह तीन फातो स बकत को अधमासतभक औय आसतभक फर की परासतत होती ह धभघगरॊथो भ इषट शसवि क शरए ववशबनन परकाय की धाशभघक ववधध-ववधान साधना औय कभघकाणड का वणघन शभरता ह रककन आज क आधननक दौय भ अऩनी आवशमकताओॊ को ऩया कयन शरए ददन-यात ऩरयशरभ कयन वार वमसकत को सभम क इषट आयाधना क शरए ऩमाघतत सभम नहीॊ शभरता मदद शभर बी जाम तो आयाधना भ भन नहीॊ रग ऩाता भन बटकता यहता ह एसी समथती भ इषट शसवि कवच राबपरद भाना गमा ह इस कवच क परबाव स धायण कताघ की एकागरता भ ववि होती ह ऩजा-उऩासना क दौयान भानशसक शाॊनत का अनबव होता ह सजसस इषट शसवि शीघर परातत होन भ राब शभर सकता ह इषट शसवि कवच का ननभाघण इमस उददशम स ककमा जाता ह की धायण कताघ को शीघर अऩन कामघ उददशम भ इसचछत सपरता परातत हो

2800

ऩरदश गमन और ऱाभ पराकति कछ रोग की ववदश भ वमवसाम मा नौकयी कयन की इचछा होती ह तो कछ रोग 2350

कवच Pardesh Gaman Aur Labh Prapti Kawach

ववदश भ वमाऩाय कयन की चाहत यित ह तो कछ रोगो की इचछा ववदश मातरा कयन की होती ह वमसकत की इचछा होन ऩय बी उनक ववदश स सॊफॊधधत कामघ उधचत परमतन कयन क उऩयाॊत बी फनत-फनत यह जात ह मा कामघ भ रकावटो क कायण ववरॊफ होता यहता ह एसी समथती भ ऩयदश गभन औय राब परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ की भनोकाभनाएॊ शीघर ऩणघ होन क मोग फनन रगत ह

शरीदयगाव बीसा कवच Durga Visha Kawach

शरीदगाघ फीसा कवच साधक को बसकत क साथ सभमत साॊसारयक सिो को परदान कयन वारा सवघशसविपरद कवच ह शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स साधक को धभघ अथघ काभ

औय भो इन चाय की परासतत भ बी सहामता परातत होती ह शामतरोकत वणघन ह की दवी दगाघ क शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स दवी परसनन

होकय साधक की अशबषट इचछाएॊ ऩणघ कयती ह भाॉ दगाघ अऩन बकत की मवमॊ या कय उन

ऩय कऩा दषटी कयती ह शरीदगाघ फीसा कवच धायण कयन स भाॉ दगाघ की कऩा स नौकयी वमवसाम भ साधक को उनननत क शशिय ऩय जान का भागघ परसमत होता ह शरीदगाघ फीसा कवच स साधक को धन-धानम सि-सॊऩसतत सॊतान का सि परातत होता ह औय शतर ववजम ऋण-योग आदद ऩीडा ा स भसकत परातत होती ह औय साधक को जीवन भ सॊऩणघ सिो की परासतत होती ह जीवन भ ककसी बी परकाय क सॊकट मा फाधा की आशॊका होन

ऩय शरीदगाघ फीसा कवच को शरिाऩवघक धायण कयन स साधक को सबी परकाय की फाधा स

भसकत शभरती ह औय धन-धानम की परासतत होती ह

1900

अषट दधवनायक कवच Asht Vinayak Kawach

अषट ववनामक कवच को शरीगणश क आठ परभि रऩो की कऩा परासतत हत धायण ककमा जाता ह बगवान शरी गणश क इन आठ अवतायो भ ससषट क सि की कलऩना का आधाय भाना जाता ह अषट ववनामक कवच कवच सकर ववघन-फाधाओॊ का नाश कयन औय कामो भ सपरता की परासतत हत उततभ ह

1900

दधवषरय बीसा कवच ववषण फीसा कवच को धन मश सपरता औय उनननत की परासतत हत उततभ भाना 1900

Vishnu Visha Kawach जाता ह ववषण फीसा कवच को बगवान शरी ववषण को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह दहनद धभघगरॊथो भ वरणघत ह की जहाॉ बगवान ववषण ननवास कयत ह उस मथान ऩय भाॉ भहारकषभी का बी ननवास होता ह सजस बकत ऩय ववषण परसनन होत कऩा कयत ह उस बकत ऩय दवी भहारकषभी बी मवत परसनन होती ह औय अऩनी कऩा आशीवाघद परदान दती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को कामो भ शसवि व सपरता की परासतत मवामम औय साॊसारयक सिो की ववि होती ह ववदवानो का अनबव यहा ह की शरी ववषण फीसा कवच को धायण कयन स शीघर ही धायणकताघ क रय-ऩरयवाय भ सि-सभवि-ऐशवमघ भ ववि होन रगती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत भ सकायातभक ऊजाघ का सॊचाय होता ह उसक रक हव कामघ सॊऩनन होन रगत ह कामघ तर भ सधाय होन रगता ह शतर योग आदद नाना परकाय क बमो का ननवायण हो जाता ह औय जीवन ऩयभ सिी हो जाता ह

रामभदर बीसा कवच Ramabhadra Visha Kawach

याभबदर फीसा कवच को बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह कवच को धायण कयन स भनषम क सफ कामघ शसि होत ह कवच को धायण कयन स वमसकत की सबी परकाय क सॊशम बम फॊधनो का नाश होता ह सजसस वमसकत ननबघम होकय अऩन कामघ तर भ सपर होता ह सनातन धभघ भ याभ शधद को धभो का भर भाना गमा ह इस कशरमग भ सभम क अबाव भ सजस वमसकत क ऩाय जऩ तऩ मऻ आदद धाशभघक कामघ कयन का सभम नहीॊ होता ऐस भ याभ का नाभ ही एक भातर सहाया ह कमोकी जो रोग कशरकार भ शरीयाभ की शयण रत ह उनह कशरमग भ कोई फाधा नहीॊ ऩहॊचाता याभबदर फीसा कवच शरी याभजी की कऩा परानत का सयर भाधमभ ह

1900

कय बर बीसा कवच आज हय वमसकत चाहता की उसक ऩास अऩाय धन-सॊऩसतत हो उसक ऩाय दननमा का 1900

Kuber Visha Kawach हय ऐशो-आयाभ भौजद हो उस कबी ककसी चीज की कभी न हो एस रोगो की इचछाओॊ को ऩणघ कयन भ सभथघ ह कफय फीसा कवच जो दवताओॊ क कोषाधम कफय जी का कवच ह कफय फीसा कवच क परबाव स धायण कताघ ऩय मयाज कफय परसनन होकय अतर समऩसतत का वयदान दत ह उस अम धन कोष की परासतत एवॊ आम ववि क नम-नम मतरोत फनन रगत ह मवणघ राब यतन राब ऩतक समऩतती एवॊ गड़ हए धन स राब परासतत कक काभना कयन वार वमसकत क शरम कफय फीसा कवच धायण कयना अतमनत राब दामक हो मकता ह एसा शामतरोकत वचन ह कफय फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को एकाधधक मतरोतर स धन का परातत होकय धन सॊचम होता ह धन-सॊऩसतत एवॊ ऐशवमघ की परासतत हत कफय फीसा कवच सवघशरषठ भाधमभ ह

गरड बीसा कवच Garud Visha Kawach

गरड बगवान ववषण का वाहन ह जानकायो क भतानशाय गरड फीसा कवच को धायण कयन स सयरता स बगवान ववषण की बी कऩा परातत होती ह शतर स सॊफॊधधत बमो का नाश होता ह सऩघबम आदद अनक परकायकी वमाधधमाॊ दय हो जाती ह गरड फीसा कवच को रय दकान ऑकपस आदद क परवश दवाय ऩय रगान स रय भ ननवास कयन वार सबी परकाय क सऩघ रय छोड़कय बाग जात ह एवॊ कपय रय भ परवश नहीॊ कयत गरड फीसा कवच को धायण कयन मा बवन भ रगान स सवघ परकाय क सि-आनॊद भ ववि होन रगती ह ववदवानो न इस कवच को अतमॊत परदामक भाना ह

1900

ससह बीसा कवच Sinha Visha Kawach

शस ॊह फीसा कवच दवी बगवती का धायण कयन स दवी की कऩा परातत होती ह शस ॊह फीसा कवच भाॉ बगवती को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए ववशष रऩ स धायण ककमा जाता ह शस ॊह फीसा कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम दय हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क परबाव स सबी परकाय क शतर एवॊ ववयोधी

1900

धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

1900

सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

1900

अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

1900

हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

1900

दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

1900

सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

1450

जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

1450

आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

1450

रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

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फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

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अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

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सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

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एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

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सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

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हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

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भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

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ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

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ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

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सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

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महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

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वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

550

शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

1250

परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

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शसकतसॊऩनन एवॊ बशभवान फनान भ सभथघ ह साधक को दस भहा ववदमा दवीमो की कऩा स सॊसाय की सभमत शसविमो की परासतत सॊबव ह दस भहा ववदमा की कऩा स साधक को धभघ अथघ कार व भो चतववघध ऩरषाथो की परासतत होती ह दस भहा ववदमा कवच भ दगाघ क दस अवतायो का आशीवाघद सभादहत होता ह सजसस जीवन को ननयॊतय अधधक स अधधक

साथघक एवॊ सपर फनामा जा सकता ह दश भहाववदमा को शामतरो भ आदमा बगवती क दस बद कह ह जो करभश (१) कारी (२) ताया (३) षोडशी (४) बवनशवयी (५) बयवी (६) नछननभमता (७) धभावयी (८) फगरा (९) भातॊगी एवॊ (१०) कभासतभका इस सबी दवी मवरऩो को ससमभशरत रऩ भ दशभहाववदमा क नाभ स जाना जाता ह

नवदयगाव शकति कवच Navdurga Shakiti Kawach

भाॊ दगाघ क नवरऩ करभश 1 शरऩतरी 2 बरहभचारयणी 3 चनदररणटा 4 कषभाणडा 5 मकनदभाता 6 कातमामनी 7 कारयातरतर 8 भहागौयी 9 शसविदातरी ह नवदवीमो क कवचो को एक साथ भ शभराकय फनाकय नवदगाघ कवच का ननभाघण ककमा जाता ह सजसस धायण कताघ को नवदवीमो का आशशवाघद एकसाथ परातत हो जाता ह नव दवीमो क कवच का भहतव करभश आऩक भागघदशघन हत परमतत ह दवी शरऩतरी का कवच धायण कयन वारा वमसकत सदा धन-धानम स सॊऩनन यहता ह अथाघत उस सजवन भ धन एवॊ अनम सि साधनो को कभी भहसस नहीॊ होतीॊ वमसकत को अनक परकाय कक शसविमाॊ एवॊ उऩरसधधमाॊ परातत होती ह दवी बरहभचारयणी कवच धायण कयन वार वमसकत को अनॊत पर कक परासतत होती ह कवच क परबाव स वमसकत भ तऩ तमाग सदाचाय सॊमभ जस सद गणो कक ववि होती ह दवी चनदररणटा का कवच धायण कयन स वमसकत को सबी ऩाऩो स भसकत शभरती ह उस सभमत साॊसारयक आधध-वमाधध स भसकत शभरती ह इसक उऩयाॊत

6400

वमसकत को धचयाम आयोगम सिी औय सॊऩनन होनता परातत होती ह कवच क परबाव स वमसकत क साहस एव ववयता भ ववि होती ह वमसकत मवय भ शभठास आती ह उसक आकषघण भ बी ववि होती ह कमोकक चनदररणटा को ऻान की दवी बी भाना गमा ह दवी कषभाणडा क कवच को धायण कयन वार वमसकत को सबी परकाय क योग शोक औय करश स भसकत शभरती ह उस आमषम मश फर औय फवि परातत होती ह दवी मकॊ दभाता क कवच को धायण कयन स वमसकत की सभमत इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह एवॊ जीवन भ ऩयभ सि एवॊ शाॊनत परातत होती ह दवी कातमामनी का कवच धायण कयन स वमसकत को सबी परकाय क योग शोक बम स भसकत शभरती ह कातमामनी दवी को वददक मग भ म ऋवष-भननमो को कषट दन वार य-दानव ऩाऩी जीव को अऩन तज स ही नषट कय दन वारी भाना गमा ह दवी कारयातरतर का कवच धायण कयन स असगन बम आकाश बम बत वऩशाच इतमादी शसकतमाॊ कारयातरतर दवी क मभयण भातर स ही बाग जात ह कारयातरतर शतर एवॊ दषटो का सॊहाय कयन वारी दवी ह दवी भहागौयी का कवच को धायण कयन स वमसकत क सभमत ऩाऩो स छटकाया शभरता ह मह भाॊ अननऩणाघ क सभान धन वबव औय सि-शाॊनत परदान कयन वारी एवॊ सॊकट स भसकत ददरान वारी दवी भहागौयी का कवच ह दवी शसविदातरी क कवच को धायण कयन स वमसकत कक सभमत काभनाओॊ कक ऩनत घ होती ह उस ऋवि शसवि कक परासतत होती ह कवच क परबाफ स वमसकत क मश फर औय धन कक परासतत आदद कामो भ चरी आ यह फाधा-ववधन सभातत हो जात ह वमसकत को मश फर औय धन कक परासतत होकय उस भाॊ कक कऩा स धभघ

अथघ काभ औय भो कक बी परासतत मवत हो जाती ह

रसायन ससदधि कवच Rasayan Siddhi Kawach

यसामन शसवि कवच ववशष रऩ स उन रोगो क शरए उऩमोगी ह जो धचककतसा तर स जड़ ह जस धचककतसक वदम डॉकटय औषधध यसामनशामतर दवाई आदद उनक शरए यसामन शसवि कवच अतमॊत राबपरद शसि भाना गमा ह कछ जानकायो का कथन ह की धचककतसा क कामघ कयन वार वमसकत मदद अऩन अभमास व अधममन क दौयान इस कवच का परमोग कयत ह तो इस कवच क परबाव स धचककतसा स जड सबी कामो भ शीघर सपरता परातत हो जाती ह वमसकत कवच क परबाव स वमसकत को औषध धचककतसा स सॊफॊधधत सकर ववदमाओॊ की परासतत हो जाती ह वह इन ववदमाओॊ को परातत कय उस ववदमा भ ववशषऻ फन सकत ह यसामन शसवि कवच क पराबाव स धचककतसक मा डॉकटय दवाया धचककतसा परातत योगी बी शीघर मवमम राब परातत कयन भ सभ होत ह

6400

ऩचदव शकति कवच Pancha Dev Shakti Kawach

ऩॊचदव दहनद धभघ क ऩाॉच परधान दवताओॊ को कहाॉ जाता ह सजनकी ऩजा-उऩासना आदद दहनद धभघ भ ववशष रऩ स परचशरत ह दहनद धभघ भ ककसी बी शब औय भाॊगशरक कामघ भ ऩॊचदवताओॊ की ऩजा को अननवामघ भाना गमा ह इन ऩाॉच दवताओॊ क रऩ भ बगवान शरीगणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की आयाधना कक जाती ह ववदवानो न अऩन अनबवो क आधाय स मह ऩामा ह की इन ऩॊचदव अथाघत शरी गणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की सॊमकत कऩा स जीवन भ बौनतक सि-साधनो की परासतत व आशशवाघद परातत कयन का उततभ भाधमभ ऩॊचदव शसकत कवच ह ऩॊचदव शसकत कवच को धायण कयन स वमसकत को सि-सौबागम एवॊ ऐशवमघ की परासतत होती ह औय उसक सकर भनोयथ शसि होन रगत ह औय उसक जीवन स सबी परकाय क द ि योग शोक एवॊ ववघन-फाधाओॊ का मवत नाश होता ह

6400

सयवरव ऱकषमी कवच सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स धन-सॊऩसतत यतन-आबषण आदद की ववि 4600

Suvarn Lakshmi Kawach होती ह सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स सवणघ स सॊफॊधधत कामो भ ववशष राब की परासतत होती ह ववशबनन मतरोत स आधथघक राब शभरन क मोग फनत ह सवणघ स सॊफॊधधत सबी अशबराषाएॊ शीघर ही ऩणघ होन की परफर सॊबावनाएॊ फनती ह

सवरावकषवर भरव कवच Swarnakarshan Bhairav Kawach

बयव जी को बगवान शशव क दवादश मवरऩ क रऩ भ ऩजा जाता ह बयवजी को तीन मवरऩ फटक बयव भहाकार बयव औय मवणाघकषघण बयव क रऩ भ जाना जाता ह ववदवानो न मवणाघकषघण-बयव को धन-धानम औय समऩसतत क दवता भाना ह धभघगरॊथो भ उलरि शभरता ह की आधथघक समथती ददन-परनतददन ियाफ होती जायही हो कजघ का फोझ फढता जा यहा हो सभममा क सभाधान हत कोई यामता न ददिाई द यहा हो सबी परकाय क ऩजा ऩाठ भॊतर मॊतर तॊतर मऻ हवन साधना आदद स कोई ववशष राब की परासतत न हो यही हो तफ मवणाघकषघण बयव जी का भॊतर मॊतर साधना इतमादद का आशरम रना चादहए जो वमसकत मवणाघकषघण बयव की साधना भॊतर जऩ आदद को कयन भ असभथघ हो वह रोग मवणाघकषघण बयव कवच को धायण कय ववशषा राब परातत कय सकत ह मवणाघकषघण बयव कवच को धन परासतत क शरए अचक औय अतमॊत परबावशारी भाना जाता ह मवणाघकषघण बयव कवच धायण कताघ की सबी परकाय की आधथघक सभममाओॊ को सभातत कयन भ सभथघ ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ ह इस करमग भ सजस परकाय भतम बम क ननवायण हत भहाभतमॊजम कवच अभोर ह उसी परकाय आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत मवणाघकषघण बयव कवच अभोर भाना गमा ह धाशभघक भानमताओॊ क अनशाय ऐसा भाना जाता ह की बयवजी की ऩजा-उऩासना शरीगणश ववषण चॊदरभा कफय आदद दवताओॊ न बी कक थी बयव उऩासना क परबाव स बगवान ववषण रकषभीऩनत फन थ ववशबनन अतसयाओॊ को सौबागम शभरन का उलरि धभघगरॊथो भ शभरता ह मदह कायण ह की मवणाघकषघण बयव कवच आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत अतमॊत राबपरद ह इस कवच को धायण कयन स सबी परकाय स आधथघक राब की परासतत

4600

होती ह

दधवऱर सकऱ राज वशीकरर कवच Vilakshan Sakal Raj Vasikaran Kawach

ववरण सकर याज वशीकयण कवच को धायण कयन स याज अधधकायी अथाघत सयकायी ववबाग भ कामघ कयन वार अधधकारयमो को अऩन अनकर ककमा जाता सकता ह मदद कोई अधधकायी मा अफसय आऩको अनावशमक ऩयशान कय यहा हो आऩक कामघ को तरफना ककसी वजह स योक यह हो कामघ स सॊफॊधधत कोई ना कोई गरती ननकार यह हो कामघ क शरए फाय-फाय दौड़ा यह हो ऐसी सबी समथतीमो भ ववरण सकर याज वशीकयण कवच अधधकायीमो को अऩन अनकर फनान क शरए सवोततभ भाधम ह सयकायी ववबाग एवॊ साभासजक कामघ कयन वार रोगो क शरए बी ववरण सकर याज वशीकयण कवच धायण कयना ववशष राब की परासतत होती ह

3250

इषट ससदधि कवच Isht Siddhi Kawach

बकत औय बगवान क फीच का रयशता परभ ववशवास औय सभऩघण ऩय दटका ह मह तीन फातो स बकत को अधमासतभक औय आसतभक फर की परासतत होती ह धभघगरॊथो भ इषट शसवि क शरए ववशबनन परकाय की धाशभघक ववधध-ववधान साधना औय कभघकाणड का वणघन शभरता ह रककन आज क आधननक दौय भ अऩनी आवशमकताओॊ को ऩया कयन शरए ददन-यात ऩरयशरभ कयन वार वमसकत को सभम क इषट आयाधना क शरए ऩमाघतत सभम नहीॊ शभरता मदद शभर बी जाम तो आयाधना भ भन नहीॊ रग ऩाता भन बटकता यहता ह एसी समथती भ इषट शसवि कवच राबपरद भाना गमा ह इस कवच क परबाव स धायण कताघ की एकागरता भ ववि होती ह ऩजा-उऩासना क दौयान भानशसक शाॊनत का अनबव होता ह सजसस इषट शसवि शीघर परातत होन भ राब शभर सकता ह इषट शसवि कवच का ननभाघण इमस उददशम स ककमा जाता ह की धायण कताघ को शीघर अऩन कामघ उददशम भ इसचछत सपरता परातत हो

2800

ऩरदश गमन और ऱाभ पराकति कछ रोग की ववदश भ वमवसाम मा नौकयी कयन की इचछा होती ह तो कछ रोग 2350

कवच Pardesh Gaman Aur Labh Prapti Kawach

ववदश भ वमाऩाय कयन की चाहत यित ह तो कछ रोगो की इचछा ववदश मातरा कयन की होती ह वमसकत की इचछा होन ऩय बी उनक ववदश स सॊफॊधधत कामघ उधचत परमतन कयन क उऩयाॊत बी फनत-फनत यह जात ह मा कामघ भ रकावटो क कायण ववरॊफ होता यहता ह एसी समथती भ ऩयदश गभन औय राब परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ की भनोकाभनाएॊ शीघर ऩणघ होन क मोग फनन रगत ह

शरीदयगाव बीसा कवच Durga Visha Kawach

शरीदगाघ फीसा कवच साधक को बसकत क साथ सभमत साॊसारयक सिो को परदान कयन वारा सवघशसविपरद कवच ह शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स साधक को धभघ अथघ काभ

औय भो इन चाय की परासतत भ बी सहामता परातत होती ह शामतरोकत वणघन ह की दवी दगाघ क शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स दवी परसनन

होकय साधक की अशबषट इचछाएॊ ऩणघ कयती ह भाॉ दगाघ अऩन बकत की मवमॊ या कय उन

ऩय कऩा दषटी कयती ह शरीदगाघ फीसा कवच धायण कयन स भाॉ दगाघ की कऩा स नौकयी वमवसाम भ साधक को उनननत क शशिय ऩय जान का भागघ परसमत होता ह शरीदगाघ फीसा कवच स साधक को धन-धानम सि-सॊऩसतत सॊतान का सि परातत होता ह औय शतर ववजम ऋण-योग आदद ऩीडा ा स भसकत परातत होती ह औय साधक को जीवन भ सॊऩणघ सिो की परासतत होती ह जीवन भ ककसी बी परकाय क सॊकट मा फाधा की आशॊका होन

ऩय शरीदगाघ फीसा कवच को शरिाऩवघक धायण कयन स साधक को सबी परकाय की फाधा स

भसकत शभरती ह औय धन-धानम की परासतत होती ह

1900

अषट दधवनायक कवच Asht Vinayak Kawach

अषट ववनामक कवच को शरीगणश क आठ परभि रऩो की कऩा परासतत हत धायण ककमा जाता ह बगवान शरी गणश क इन आठ अवतायो भ ससषट क सि की कलऩना का आधाय भाना जाता ह अषट ववनामक कवच कवच सकर ववघन-फाधाओॊ का नाश कयन औय कामो भ सपरता की परासतत हत उततभ ह

1900

दधवषरय बीसा कवच ववषण फीसा कवच को धन मश सपरता औय उनननत की परासतत हत उततभ भाना 1900

Vishnu Visha Kawach जाता ह ववषण फीसा कवच को बगवान शरी ववषण को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह दहनद धभघगरॊथो भ वरणघत ह की जहाॉ बगवान ववषण ननवास कयत ह उस मथान ऩय भाॉ भहारकषभी का बी ननवास होता ह सजस बकत ऩय ववषण परसनन होत कऩा कयत ह उस बकत ऩय दवी भहारकषभी बी मवत परसनन होती ह औय अऩनी कऩा आशीवाघद परदान दती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को कामो भ शसवि व सपरता की परासतत मवामम औय साॊसारयक सिो की ववि होती ह ववदवानो का अनबव यहा ह की शरी ववषण फीसा कवच को धायण कयन स शीघर ही धायणकताघ क रय-ऩरयवाय भ सि-सभवि-ऐशवमघ भ ववि होन रगती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत भ सकायातभक ऊजाघ का सॊचाय होता ह उसक रक हव कामघ सॊऩनन होन रगत ह कामघ तर भ सधाय होन रगता ह शतर योग आदद नाना परकाय क बमो का ननवायण हो जाता ह औय जीवन ऩयभ सिी हो जाता ह

रामभदर बीसा कवच Ramabhadra Visha Kawach

याभबदर फीसा कवच को बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह कवच को धायण कयन स भनषम क सफ कामघ शसि होत ह कवच को धायण कयन स वमसकत की सबी परकाय क सॊशम बम फॊधनो का नाश होता ह सजसस वमसकत ननबघम होकय अऩन कामघ तर भ सपर होता ह सनातन धभघ भ याभ शधद को धभो का भर भाना गमा ह इस कशरमग भ सभम क अबाव भ सजस वमसकत क ऩाय जऩ तऩ मऻ आदद धाशभघक कामघ कयन का सभम नहीॊ होता ऐस भ याभ का नाभ ही एक भातर सहाया ह कमोकी जो रोग कशरकार भ शरीयाभ की शयण रत ह उनह कशरमग भ कोई फाधा नहीॊ ऩहॊचाता याभबदर फीसा कवच शरी याभजी की कऩा परानत का सयर भाधमभ ह

1900

कय बर बीसा कवच आज हय वमसकत चाहता की उसक ऩास अऩाय धन-सॊऩसतत हो उसक ऩाय दननमा का 1900

Kuber Visha Kawach हय ऐशो-आयाभ भौजद हो उस कबी ककसी चीज की कभी न हो एस रोगो की इचछाओॊ को ऩणघ कयन भ सभथघ ह कफय फीसा कवच जो दवताओॊ क कोषाधम कफय जी का कवच ह कफय फीसा कवच क परबाव स धायण कताघ ऩय मयाज कफय परसनन होकय अतर समऩसतत का वयदान दत ह उस अम धन कोष की परासतत एवॊ आम ववि क नम-नम मतरोत फनन रगत ह मवणघ राब यतन राब ऩतक समऩतती एवॊ गड़ हए धन स राब परासतत कक काभना कयन वार वमसकत क शरम कफय फीसा कवच धायण कयना अतमनत राब दामक हो मकता ह एसा शामतरोकत वचन ह कफय फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को एकाधधक मतरोतर स धन का परातत होकय धन सॊचम होता ह धन-सॊऩसतत एवॊ ऐशवमघ की परासतत हत कफय फीसा कवच सवघशरषठ भाधमभ ह

गरड बीसा कवच Garud Visha Kawach

गरड बगवान ववषण का वाहन ह जानकायो क भतानशाय गरड फीसा कवच को धायण कयन स सयरता स बगवान ववषण की बी कऩा परातत होती ह शतर स सॊफॊधधत बमो का नाश होता ह सऩघबम आदद अनक परकायकी वमाधधमाॊ दय हो जाती ह गरड फीसा कवच को रय दकान ऑकपस आदद क परवश दवाय ऩय रगान स रय भ ननवास कयन वार सबी परकाय क सऩघ रय छोड़कय बाग जात ह एवॊ कपय रय भ परवश नहीॊ कयत गरड फीसा कवच को धायण कयन मा बवन भ रगान स सवघ परकाय क सि-आनॊद भ ववि होन रगती ह ववदवानो न इस कवच को अतमॊत परदामक भाना ह

1900

ससह बीसा कवच Sinha Visha Kawach

शस ॊह फीसा कवच दवी बगवती का धायण कयन स दवी की कऩा परातत होती ह शस ॊह फीसा कवच भाॉ बगवती को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए ववशष रऩ स धायण ककमा जाता ह शस ॊह फीसा कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम दय हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क परबाव स सबी परकाय क शतर एवॊ ववयोधी

1900

धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

1900

सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

1900

अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

1900

हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

1900

दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

1900

सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

1450

जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

1450

आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

1450

रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

1450

फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

1450

अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

1250

सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

1050

एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

1050

सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

1050

हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

1050

सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

1050

भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

910

ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

910

ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

910

सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

910

महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

910

वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

730

ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

730

साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

730

सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

730

स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

550

सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

550

शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

1250

परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

We are Prepared Round Oval and Other Shape Kawach on Special Order

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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वमसकत को धचयाम आयोगम सिी औय सॊऩनन होनता परातत होती ह कवच क परबाव स वमसकत क साहस एव ववयता भ ववि होती ह वमसकत मवय भ शभठास आती ह उसक आकषघण भ बी ववि होती ह कमोकक चनदररणटा को ऻान की दवी बी भाना गमा ह दवी कषभाणडा क कवच को धायण कयन वार वमसकत को सबी परकाय क योग शोक औय करश स भसकत शभरती ह उस आमषम मश फर औय फवि परातत होती ह दवी मकॊ दभाता क कवच को धायण कयन स वमसकत की सभमत इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह एवॊ जीवन भ ऩयभ सि एवॊ शाॊनत परातत होती ह दवी कातमामनी का कवच धायण कयन स वमसकत को सबी परकाय क योग शोक बम स भसकत शभरती ह कातमामनी दवी को वददक मग भ म ऋवष-भननमो को कषट दन वार य-दानव ऩाऩी जीव को अऩन तज स ही नषट कय दन वारी भाना गमा ह दवी कारयातरतर का कवच धायण कयन स असगन बम आकाश बम बत वऩशाच इतमादी शसकतमाॊ कारयातरतर दवी क मभयण भातर स ही बाग जात ह कारयातरतर शतर एवॊ दषटो का सॊहाय कयन वारी दवी ह दवी भहागौयी का कवच को धायण कयन स वमसकत क सभमत ऩाऩो स छटकाया शभरता ह मह भाॊ अननऩणाघ क सभान धन वबव औय सि-शाॊनत परदान कयन वारी एवॊ सॊकट स भसकत ददरान वारी दवी भहागौयी का कवच ह दवी शसविदातरी क कवच को धायण कयन स वमसकत कक सभमत काभनाओॊ कक ऩनत घ होती ह उस ऋवि शसवि कक परासतत होती ह कवच क परबाफ स वमसकत क मश फर औय धन कक परासतत आदद कामो भ चरी आ यह फाधा-ववधन सभातत हो जात ह वमसकत को मश फर औय धन कक परासतत होकय उस भाॊ कक कऩा स धभघ

अथघ काभ औय भो कक बी परासतत मवत हो जाती ह

रसायन ससदधि कवच Rasayan Siddhi Kawach

यसामन शसवि कवच ववशष रऩ स उन रोगो क शरए उऩमोगी ह जो धचककतसा तर स जड़ ह जस धचककतसक वदम डॉकटय औषधध यसामनशामतर दवाई आदद उनक शरए यसामन शसवि कवच अतमॊत राबपरद शसि भाना गमा ह कछ जानकायो का कथन ह की धचककतसा क कामघ कयन वार वमसकत मदद अऩन अभमास व अधममन क दौयान इस कवच का परमोग कयत ह तो इस कवच क परबाव स धचककतसा स जड सबी कामो भ शीघर सपरता परातत हो जाती ह वमसकत कवच क परबाव स वमसकत को औषध धचककतसा स सॊफॊधधत सकर ववदमाओॊ की परासतत हो जाती ह वह इन ववदमाओॊ को परातत कय उस ववदमा भ ववशषऻ फन सकत ह यसामन शसवि कवच क पराबाव स धचककतसक मा डॉकटय दवाया धचककतसा परातत योगी बी शीघर मवमम राब परातत कयन भ सभ होत ह

6400

ऩचदव शकति कवच Pancha Dev Shakti Kawach

ऩॊचदव दहनद धभघ क ऩाॉच परधान दवताओॊ को कहाॉ जाता ह सजनकी ऩजा-उऩासना आदद दहनद धभघ भ ववशष रऩ स परचशरत ह दहनद धभघ भ ककसी बी शब औय भाॊगशरक कामघ भ ऩॊचदवताओॊ की ऩजा को अननवामघ भाना गमा ह इन ऩाॉच दवताओॊ क रऩ भ बगवान शरीगणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की आयाधना कक जाती ह ववदवानो न अऩन अनबवो क आधाय स मह ऩामा ह की इन ऩॊचदव अथाघत शरी गणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की सॊमकत कऩा स जीवन भ बौनतक सि-साधनो की परासतत व आशशवाघद परातत कयन का उततभ भाधमभ ऩॊचदव शसकत कवच ह ऩॊचदव शसकत कवच को धायण कयन स वमसकत को सि-सौबागम एवॊ ऐशवमघ की परासतत होती ह औय उसक सकर भनोयथ शसि होन रगत ह औय उसक जीवन स सबी परकाय क द ि योग शोक एवॊ ववघन-फाधाओॊ का मवत नाश होता ह

6400

सयवरव ऱकषमी कवच सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स धन-सॊऩसतत यतन-आबषण आदद की ववि 4600

Suvarn Lakshmi Kawach होती ह सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स सवणघ स सॊफॊधधत कामो भ ववशष राब की परासतत होती ह ववशबनन मतरोत स आधथघक राब शभरन क मोग फनत ह सवणघ स सॊफॊधधत सबी अशबराषाएॊ शीघर ही ऩणघ होन की परफर सॊबावनाएॊ फनती ह

सवरावकषवर भरव कवच Swarnakarshan Bhairav Kawach

बयव जी को बगवान शशव क दवादश मवरऩ क रऩ भ ऩजा जाता ह बयवजी को तीन मवरऩ फटक बयव भहाकार बयव औय मवणाघकषघण बयव क रऩ भ जाना जाता ह ववदवानो न मवणाघकषघण-बयव को धन-धानम औय समऩसतत क दवता भाना ह धभघगरॊथो भ उलरि शभरता ह की आधथघक समथती ददन-परनतददन ियाफ होती जायही हो कजघ का फोझ फढता जा यहा हो सभममा क सभाधान हत कोई यामता न ददिाई द यहा हो सबी परकाय क ऩजा ऩाठ भॊतर मॊतर तॊतर मऻ हवन साधना आदद स कोई ववशष राब की परासतत न हो यही हो तफ मवणाघकषघण बयव जी का भॊतर मॊतर साधना इतमादद का आशरम रना चादहए जो वमसकत मवणाघकषघण बयव की साधना भॊतर जऩ आदद को कयन भ असभथघ हो वह रोग मवणाघकषघण बयव कवच को धायण कय ववशषा राब परातत कय सकत ह मवणाघकषघण बयव कवच को धन परासतत क शरए अचक औय अतमॊत परबावशारी भाना जाता ह मवणाघकषघण बयव कवच धायण कताघ की सबी परकाय की आधथघक सभममाओॊ को सभातत कयन भ सभथघ ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ ह इस करमग भ सजस परकाय भतम बम क ननवायण हत भहाभतमॊजम कवच अभोर ह उसी परकाय आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत मवणाघकषघण बयव कवच अभोर भाना गमा ह धाशभघक भानमताओॊ क अनशाय ऐसा भाना जाता ह की बयवजी की ऩजा-उऩासना शरीगणश ववषण चॊदरभा कफय आदद दवताओॊ न बी कक थी बयव उऩासना क परबाव स बगवान ववषण रकषभीऩनत फन थ ववशबनन अतसयाओॊ को सौबागम शभरन का उलरि धभघगरॊथो भ शभरता ह मदह कायण ह की मवणाघकषघण बयव कवच आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत अतमॊत राबपरद ह इस कवच को धायण कयन स सबी परकाय स आधथघक राब की परासतत

4600

होती ह

दधवऱर सकऱ राज वशीकरर कवच Vilakshan Sakal Raj Vasikaran Kawach

ववरण सकर याज वशीकयण कवच को धायण कयन स याज अधधकायी अथाघत सयकायी ववबाग भ कामघ कयन वार अधधकारयमो को अऩन अनकर ककमा जाता सकता ह मदद कोई अधधकायी मा अफसय आऩको अनावशमक ऩयशान कय यहा हो आऩक कामघ को तरफना ककसी वजह स योक यह हो कामघ स सॊफॊधधत कोई ना कोई गरती ननकार यह हो कामघ क शरए फाय-फाय दौड़ा यह हो ऐसी सबी समथतीमो भ ववरण सकर याज वशीकयण कवच अधधकायीमो को अऩन अनकर फनान क शरए सवोततभ भाधम ह सयकायी ववबाग एवॊ साभासजक कामघ कयन वार रोगो क शरए बी ववरण सकर याज वशीकयण कवच धायण कयना ववशष राब की परासतत होती ह

3250

इषट ससदधि कवच Isht Siddhi Kawach

बकत औय बगवान क फीच का रयशता परभ ववशवास औय सभऩघण ऩय दटका ह मह तीन फातो स बकत को अधमासतभक औय आसतभक फर की परासतत होती ह धभघगरॊथो भ इषट शसवि क शरए ववशबनन परकाय की धाशभघक ववधध-ववधान साधना औय कभघकाणड का वणघन शभरता ह रककन आज क आधननक दौय भ अऩनी आवशमकताओॊ को ऩया कयन शरए ददन-यात ऩरयशरभ कयन वार वमसकत को सभम क इषट आयाधना क शरए ऩमाघतत सभम नहीॊ शभरता मदद शभर बी जाम तो आयाधना भ भन नहीॊ रग ऩाता भन बटकता यहता ह एसी समथती भ इषट शसवि कवच राबपरद भाना गमा ह इस कवच क परबाव स धायण कताघ की एकागरता भ ववि होती ह ऩजा-उऩासना क दौयान भानशसक शाॊनत का अनबव होता ह सजसस इषट शसवि शीघर परातत होन भ राब शभर सकता ह इषट शसवि कवच का ननभाघण इमस उददशम स ककमा जाता ह की धायण कताघ को शीघर अऩन कामघ उददशम भ इसचछत सपरता परातत हो

2800

ऩरदश गमन और ऱाभ पराकति कछ रोग की ववदश भ वमवसाम मा नौकयी कयन की इचछा होती ह तो कछ रोग 2350

कवच Pardesh Gaman Aur Labh Prapti Kawach

ववदश भ वमाऩाय कयन की चाहत यित ह तो कछ रोगो की इचछा ववदश मातरा कयन की होती ह वमसकत की इचछा होन ऩय बी उनक ववदश स सॊफॊधधत कामघ उधचत परमतन कयन क उऩयाॊत बी फनत-फनत यह जात ह मा कामघ भ रकावटो क कायण ववरॊफ होता यहता ह एसी समथती भ ऩयदश गभन औय राब परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ की भनोकाभनाएॊ शीघर ऩणघ होन क मोग फनन रगत ह

शरीदयगाव बीसा कवच Durga Visha Kawach

शरीदगाघ फीसा कवच साधक को बसकत क साथ सभमत साॊसारयक सिो को परदान कयन वारा सवघशसविपरद कवच ह शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स साधक को धभघ अथघ काभ

औय भो इन चाय की परासतत भ बी सहामता परातत होती ह शामतरोकत वणघन ह की दवी दगाघ क शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स दवी परसनन

होकय साधक की अशबषट इचछाएॊ ऩणघ कयती ह भाॉ दगाघ अऩन बकत की मवमॊ या कय उन

ऩय कऩा दषटी कयती ह शरीदगाघ फीसा कवच धायण कयन स भाॉ दगाघ की कऩा स नौकयी वमवसाम भ साधक को उनननत क शशिय ऩय जान का भागघ परसमत होता ह शरीदगाघ फीसा कवच स साधक को धन-धानम सि-सॊऩसतत सॊतान का सि परातत होता ह औय शतर ववजम ऋण-योग आदद ऩीडा ा स भसकत परातत होती ह औय साधक को जीवन भ सॊऩणघ सिो की परासतत होती ह जीवन भ ककसी बी परकाय क सॊकट मा फाधा की आशॊका होन

ऩय शरीदगाघ फीसा कवच को शरिाऩवघक धायण कयन स साधक को सबी परकाय की फाधा स

भसकत शभरती ह औय धन-धानम की परासतत होती ह

1900

अषट दधवनायक कवच Asht Vinayak Kawach

अषट ववनामक कवच को शरीगणश क आठ परभि रऩो की कऩा परासतत हत धायण ककमा जाता ह बगवान शरी गणश क इन आठ अवतायो भ ससषट क सि की कलऩना का आधाय भाना जाता ह अषट ववनामक कवच कवच सकर ववघन-फाधाओॊ का नाश कयन औय कामो भ सपरता की परासतत हत उततभ ह

1900

दधवषरय बीसा कवच ववषण फीसा कवच को धन मश सपरता औय उनननत की परासतत हत उततभ भाना 1900

Vishnu Visha Kawach जाता ह ववषण फीसा कवच को बगवान शरी ववषण को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह दहनद धभघगरॊथो भ वरणघत ह की जहाॉ बगवान ववषण ननवास कयत ह उस मथान ऩय भाॉ भहारकषभी का बी ननवास होता ह सजस बकत ऩय ववषण परसनन होत कऩा कयत ह उस बकत ऩय दवी भहारकषभी बी मवत परसनन होती ह औय अऩनी कऩा आशीवाघद परदान दती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को कामो भ शसवि व सपरता की परासतत मवामम औय साॊसारयक सिो की ववि होती ह ववदवानो का अनबव यहा ह की शरी ववषण फीसा कवच को धायण कयन स शीघर ही धायणकताघ क रय-ऩरयवाय भ सि-सभवि-ऐशवमघ भ ववि होन रगती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत भ सकायातभक ऊजाघ का सॊचाय होता ह उसक रक हव कामघ सॊऩनन होन रगत ह कामघ तर भ सधाय होन रगता ह शतर योग आदद नाना परकाय क बमो का ननवायण हो जाता ह औय जीवन ऩयभ सिी हो जाता ह

रामभदर बीसा कवच Ramabhadra Visha Kawach

याभबदर फीसा कवच को बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह कवच को धायण कयन स भनषम क सफ कामघ शसि होत ह कवच को धायण कयन स वमसकत की सबी परकाय क सॊशम बम फॊधनो का नाश होता ह सजसस वमसकत ननबघम होकय अऩन कामघ तर भ सपर होता ह सनातन धभघ भ याभ शधद को धभो का भर भाना गमा ह इस कशरमग भ सभम क अबाव भ सजस वमसकत क ऩाय जऩ तऩ मऻ आदद धाशभघक कामघ कयन का सभम नहीॊ होता ऐस भ याभ का नाभ ही एक भातर सहाया ह कमोकी जो रोग कशरकार भ शरीयाभ की शयण रत ह उनह कशरमग भ कोई फाधा नहीॊ ऩहॊचाता याभबदर फीसा कवच शरी याभजी की कऩा परानत का सयर भाधमभ ह

1900

कय बर बीसा कवच आज हय वमसकत चाहता की उसक ऩास अऩाय धन-सॊऩसतत हो उसक ऩाय दननमा का 1900

Kuber Visha Kawach हय ऐशो-आयाभ भौजद हो उस कबी ककसी चीज की कभी न हो एस रोगो की इचछाओॊ को ऩणघ कयन भ सभथघ ह कफय फीसा कवच जो दवताओॊ क कोषाधम कफय जी का कवच ह कफय फीसा कवच क परबाव स धायण कताघ ऩय मयाज कफय परसनन होकय अतर समऩसतत का वयदान दत ह उस अम धन कोष की परासतत एवॊ आम ववि क नम-नम मतरोत फनन रगत ह मवणघ राब यतन राब ऩतक समऩतती एवॊ गड़ हए धन स राब परासतत कक काभना कयन वार वमसकत क शरम कफय फीसा कवच धायण कयना अतमनत राब दामक हो मकता ह एसा शामतरोकत वचन ह कफय फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को एकाधधक मतरोतर स धन का परातत होकय धन सॊचम होता ह धन-सॊऩसतत एवॊ ऐशवमघ की परासतत हत कफय फीसा कवच सवघशरषठ भाधमभ ह

गरड बीसा कवच Garud Visha Kawach

गरड बगवान ववषण का वाहन ह जानकायो क भतानशाय गरड फीसा कवच को धायण कयन स सयरता स बगवान ववषण की बी कऩा परातत होती ह शतर स सॊफॊधधत बमो का नाश होता ह सऩघबम आदद अनक परकायकी वमाधधमाॊ दय हो जाती ह गरड फीसा कवच को रय दकान ऑकपस आदद क परवश दवाय ऩय रगान स रय भ ननवास कयन वार सबी परकाय क सऩघ रय छोड़कय बाग जात ह एवॊ कपय रय भ परवश नहीॊ कयत गरड फीसा कवच को धायण कयन मा बवन भ रगान स सवघ परकाय क सि-आनॊद भ ववि होन रगती ह ववदवानो न इस कवच को अतमॊत परदामक भाना ह

1900

ससह बीसा कवच Sinha Visha Kawach

शस ॊह फीसा कवच दवी बगवती का धायण कयन स दवी की कऩा परातत होती ह शस ॊह फीसा कवच भाॉ बगवती को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए ववशष रऩ स धायण ककमा जाता ह शस ॊह फीसा कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम दय हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क परबाव स सबी परकाय क शतर एवॊ ववयोधी

1900

धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

1900

सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

1900

अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

1900

हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

1900

दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

1900

सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

1450

जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

1450

आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

1450

रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

1450

फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

1450

अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

1250

सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

1050

एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

1050

सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

1050

हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

1050

सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

1050

भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

910

ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

910

ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

910

सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

910

महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

910

वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

730

ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

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जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

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गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

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साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

1250

परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

We are Prepared Round Oval and Other Shape Kawach on Special Order

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

Page 7: Mantra Siddha Kavach - Yolagk.yolasite.com/resources/GURUTVA KARYALAY Mantra Siddha...Mantra Siddha Kavach Our Mantra Siddha Kawach prepared in Auspicious Muhurat (Shubh Mahurat) and

अथघ काभ औय भो कक बी परासतत मवत हो जाती ह

रसायन ससदधि कवच Rasayan Siddhi Kawach

यसामन शसवि कवच ववशष रऩ स उन रोगो क शरए उऩमोगी ह जो धचककतसा तर स जड़ ह जस धचककतसक वदम डॉकटय औषधध यसामनशामतर दवाई आदद उनक शरए यसामन शसवि कवच अतमॊत राबपरद शसि भाना गमा ह कछ जानकायो का कथन ह की धचककतसा क कामघ कयन वार वमसकत मदद अऩन अभमास व अधममन क दौयान इस कवच का परमोग कयत ह तो इस कवच क परबाव स धचककतसा स जड सबी कामो भ शीघर सपरता परातत हो जाती ह वमसकत कवच क परबाव स वमसकत को औषध धचककतसा स सॊफॊधधत सकर ववदमाओॊ की परासतत हो जाती ह वह इन ववदमाओॊ को परातत कय उस ववदमा भ ववशषऻ फन सकत ह यसामन शसवि कवच क पराबाव स धचककतसक मा डॉकटय दवाया धचककतसा परातत योगी बी शीघर मवमम राब परातत कयन भ सभ होत ह

6400

ऩचदव शकति कवच Pancha Dev Shakti Kawach

ऩॊचदव दहनद धभघ क ऩाॉच परधान दवताओॊ को कहाॉ जाता ह सजनकी ऩजा-उऩासना आदद दहनद धभघ भ ववशष रऩ स परचशरत ह दहनद धभघ भ ककसी बी शब औय भाॊगशरक कामघ भ ऩॊचदवताओॊ की ऩजा को अननवामघ भाना गमा ह इन ऩाॉच दवताओॊ क रऩ भ बगवान शरीगणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की आयाधना कक जाती ह ववदवानो न अऩन अनबवो क आधाय स मह ऩामा ह की इन ऩॊचदव अथाघत शरी गणश शशव ववषण दगाघ औय समघ की सॊमकत कऩा स जीवन भ बौनतक सि-साधनो की परासतत व आशशवाघद परातत कयन का उततभ भाधमभ ऩॊचदव शसकत कवच ह ऩॊचदव शसकत कवच को धायण कयन स वमसकत को सि-सौबागम एवॊ ऐशवमघ की परासतत होती ह औय उसक सकर भनोयथ शसि होन रगत ह औय उसक जीवन स सबी परकाय क द ि योग शोक एवॊ ववघन-फाधाओॊ का मवत नाश होता ह

6400

सयवरव ऱकषमी कवच सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स धन-सॊऩसतत यतन-आबषण आदद की ववि 4600

Suvarn Lakshmi Kawach होती ह सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स सवणघ स सॊफॊधधत कामो भ ववशष राब की परासतत होती ह ववशबनन मतरोत स आधथघक राब शभरन क मोग फनत ह सवणघ स सॊफॊधधत सबी अशबराषाएॊ शीघर ही ऩणघ होन की परफर सॊबावनाएॊ फनती ह

सवरावकषवर भरव कवच Swarnakarshan Bhairav Kawach

बयव जी को बगवान शशव क दवादश मवरऩ क रऩ भ ऩजा जाता ह बयवजी को तीन मवरऩ फटक बयव भहाकार बयव औय मवणाघकषघण बयव क रऩ भ जाना जाता ह ववदवानो न मवणाघकषघण-बयव को धन-धानम औय समऩसतत क दवता भाना ह धभघगरॊथो भ उलरि शभरता ह की आधथघक समथती ददन-परनतददन ियाफ होती जायही हो कजघ का फोझ फढता जा यहा हो सभममा क सभाधान हत कोई यामता न ददिाई द यहा हो सबी परकाय क ऩजा ऩाठ भॊतर मॊतर तॊतर मऻ हवन साधना आदद स कोई ववशष राब की परासतत न हो यही हो तफ मवणाघकषघण बयव जी का भॊतर मॊतर साधना इतमादद का आशरम रना चादहए जो वमसकत मवणाघकषघण बयव की साधना भॊतर जऩ आदद को कयन भ असभथघ हो वह रोग मवणाघकषघण बयव कवच को धायण कय ववशषा राब परातत कय सकत ह मवणाघकषघण बयव कवच को धन परासतत क शरए अचक औय अतमॊत परबावशारी भाना जाता ह मवणाघकषघण बयव कवच धायण कताघ की सबी परकाय की आधथघक सभममाओॊ को सभातत कयन भ सभथघ ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ ह इस करमग भ सजस परकाय भतम बम क ननवायण हत भहाभतमॊजम कवच अभोर ह उसी परकाय आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत मवणाघकषघण बयव कवच अभोर भाना गमा ह धाशभघक भानमताओॊ क अनशाय ऐसा भाना जाता ह की बयवजी की ऩजा-उऩासना शरीगणश ववषण चॊदरभा कफय आदद दवताओॊ न बी कक थी बयव उऩासना क परबाव स बगवान ववषण रकषभीऩनत फन थ ववशबनन अतसयाओॊ को सौबागम शभरन का उलरि धभघगरॊथो भ शभरता ह मदह कायण ह की मवणाघकषघण बयव कवच आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत अतमॊत राबपरद ह इस कवच को धायण कयन स सबी परकाय स आधथघक राब की परासतत

4600

होती ह

दधवऱर सकऱ राज वशीकरर कवच Vilakshan Sakal Raj Vasikaran Kawach

ववरण सकर याज वशीकयण कवच को धायण कयन स याज अधधकायी अथाघत सयकायी ववबाग भ कामघ कयन वार अधधकारयमो को अऩन अनकर ककमा जाता सकता ह मदद कोई अधधकायी मा अफसय आऩको अनावशमक ऩयशान कय यहा हो आऩक कामघ को तरफना ककसी वजह स योक यह हो कामघ स सॊफॊधधत कोई ना कोई गरती ननकार यह हो कामघ क शरए फाय-फाय दौड़ा यह हो ऐसी सबी समथतीमो भ ववरण सकर याज वशीकयण कवच अधधकायीमो को अऩन अनकर फनान क शरए सवोततभ भाधम ह सयकायी ववबाग एवॊ साभासजक कामघ कयन वार रोगो क शरए बी ववरण सकर याज वशीकयण कवच धायण कयना ववशष राब की परासतत होती ह

3250

इषट ससदधि कवच Isht Siddhi Kawach

बकत औय बगवान क फीच का रयशता परभ ववशवास औय सभऩघण ऩय दटका ह मह तीन फातो स बकत को अधमासतभक औय आसतभक फर की परासतत होती ह धभघगरॊथो भ इषट शसवि क शरए ववशबनन परकाय की धाशभघक ववधध-ववधान साधना औय कभघकाणड का वणघन शभरता ह रककन आज क आधननक दौय भ अऩनी आवशमकताओॊ को ऩया कयन शरए ददन-यात ऩरयशरभ कयन वार वमसकत को सभम क इषट आयाधना क शरए ऩमाघतत सभम नहीॊ शभरता मदद शभर बी जाम तो आयाधना भ भन नहीॊ रग ऩाता भन बटकता यहता ह एसी समथती भ इषट शसवि कवच राबपरद भाना गमा ह इस कवच क परबाव स धायण कताघ की एकागरता भ ववि होती ह ऩजा-उऩासना क दौयान भानशसक शाॊनत का अनबव होता ह सजसस इषट शसवि शीघर परातत होन भ राब शभर सकता ह इषट शसवि कवच का ननभाघण इमस उददशम स ककमा जाता ह की धायण कताघ को शीघर अऩन कामघ उददशम भ इसचछत सपरता परातत हो

2800

ऩरदश गमन और ऱाभ पराकति कछ रोग की ववदश भ वमवसाम मा नौकयी कयन की इचछा होती ह तो कछ रोग 2350

कवच Pardesh Gaman Aur Labh Prapti Kawach

ववदश भ वमाऩाय कयन की चाहत यित ह तो कछ रोगो की इचछा ववदश मातरा कयन की होती ह वमसकत की इचछा होन ऩय बी उनक ववदश स सॊफॊधधत कामघ उधचत परमतन कयन क उऩयाॊत बी फनत-फनत यह जात ह मा कामघ भ रकावटो क कायण ववरॊफ होता यहता ह एसी समथती भ ऩयदश गभन औय राब परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ की भनोकाभनाएॊ शीघर ऩणघ होन क मोग फनन रगत ह

शरीदयगाव बीसा कवच Durga Visha Kawach

शरीदगाघ फीसा कवच साधक को बसकत क साथ सभमत साॊसारयक सिो को परदान कयन वारा सवघशसविपरद कवच ह शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स साधक को धभघ अथघ काभ

औय भो इन चाय की परासतत भ बी सहामता परातत होती ह शामतरोकत वणघन ह की दवी दगाघ क शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स दवी परसनन

होकय साधक की अशबषट इचछाएॊ ऩणघ कयती ह भाॉ दगाघ अऩन बकत की मवमॊ या कय उन

ऩय कऩा दषटी कयती ह शरीदगाघ फीसा कवच धायण कयन स भाॉ दगाघ की कऩा स नौकयी वमवसाम भ साधक को उनननत क शशिय ऩय जान का भागघ परसमत होता ह शरीदगाघ फीसा कवच स साधक को धन-धानम सि-सॊऩसतत सॊतान का सि परातत होता ह औय शतर ववजम ऋण-योग आदद ऩीडा ा स भसकत परातत होती ह औय साधक को जीवन भ सॊऩणघ सिो की परासतत होती ह जीवन भ ककसी बी परकाय क सॊकट मा फाधा की आशॊका होन

ऩय शरीदगाघ फीसा कवच को शरिाऩवघक धायण कयन स साधक को सबी परकाय की फाधा स

भसकत शभरती ह औय धन-धानम की परासतत होती ह

1900

अषट दधवनायक कवच Asht Vinayak Kawach

अषट ववनामक कवच को शरीगणश क आठ परभि रऩो की कऩा परासतत हत धायण ककमा जाता ह बगवान शरी गणश क इन आठ अवतायो भ ससषट क सि की कलऩना का आधाय भाना जाता ह अषट ववनामक कवच कवच सकर ववघन-फाधाओॊ का नाश कयन औय कामो भ सपरता की परासतत हत उततभ ह

1900

दधवषरय बीसा कवच ववषण फीसा कवच को धन मश सपरता औय उनननत की परासतत हत उततभ भाना 1900

Vishnu Visha Kawach जाता ह ववषण फीसा कवच को बगवान शरी ववषण को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह दहनद धभघगरॊथो भ वरणघत ह की जहाॉ बगवान ववषण ननवास कयत ह उस मथान ऩय भाॉ भहारकषभी का बी ननवास होता ह सजस बकत ऩय ववषण परसनन होत कऩा कयत ह उस बकत ऩय दवी भहारकषभी बी मवत परसनन होती ह औय अऩनी कऩा आशीवाघद परदान दती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को कामो भ शसवि व सपरता की परासतत मवामम औय साॊसारयक सिो की ववि होती ह ववदवानो का अनबव यहा ह की शरी ववषण फीसा कवच को धायण कयन स शीघर ही धायणकताघ क रय-ऩरयवाय भ सि-सभवि-ऐशवमघ भ ववि होन रगती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत भ सकायातभक ऊजाघ का सॊचाय होता ह उसक रक हव कामघ सॊऩनन होन रगत ह कामघ तर भ सधाय होन रगता ह शतर योग आदद नाना परकाय क बमो का ननवायण हो जाता ह औय जीवन ऩयभ सिी हो जाता ह

रामभदर बीसा कवच Ramabhadra Visha Kawach

याभबदर फीसा कवच को बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह कवच को धायण कयन स भनषम क सफ कामघ शसि होत ह कवच को धायण कयन स वमसकत की सबी परकाय क सॊशम बम फॊधनो का नाश होता ह सजसस वमसकत ननबघम होकय अऩन कामघ तर भ सपर होता ह सनातन धभघ भ याभ शधद को धभो का भर भाना गमा ह इस कशरमग भ सभम क अबाव भ सजस वमसकत क ऩाय जऩ तऩ मऻ आदद धाशभघक कामघ कयन का सभम नहीॊ होता ऐस भ याभ का नाभ ही एक भातर सहाया ह कमोकी जो रोग कशरकार भ शरीयाभ की शयण रत ह उनह कशरमग भ कोई फाधा नहीॊ ऩहॊचाता याभबदर फीसा कवच शरी याभजी की कऩा परानत का सयर भाधमभ ह

1900

कय बर बीसा कवच आज हय वमसकत चाहता की उसक ऩास अऩाय धन-सॊऩसतत हो उसक ऩाय दननमा का 1900

Kuber Visha Kawach हय ऐशो-आयाभ भौजद हो उस कबी ककसी चीज की कभी न हो एस रोगो की इचछाओॊ को ऩणघ कयन भ सभथघ ह कफय फीसा कवच जो दवताओॊ क कोषाधम कफय जी का कवच ह कफय फीसा कवच क परबाव स धायण कताघ ऩय मयाज कफय परसनन होकय अतर समऩसतत का वयदान दत ह उस अम धन कोष की परासतत एवॊ आम ववि क नम-नम मतरोत फनन रगत ह मवणघ राब यतन राब ऩतक समऩतती एवॊ गड़ हए धन स राब परासतत कक काभना कयन वार वमसकत क शरम कफय फीसा कवच धायण कयना अतमनत राब दामक हो मकता ह एसा शामतरोकत वचन ह कफय फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को एकाधधक मतरोतर स धन का परातत होकय धन सॊचम होता ह धन-सॊऩसतत एवॊ ऐशवमघ की परासतत हत कफय फीसा कवच सवघशरषठ भाधमभ ह

गरड बीसा कवच Garud Visha Kawach

गरड बगवान ववषण का वाहन ह जानकायो क भतानशाय गरड फीसा कवच को धायण कयन स सयरता स बगवान ववषण की बी कऩा परातत होती ह शतर स सॊफॊधधत बमो का नाश होता ह सऩघबम आदद अनक परकायकी वमाधधमाॊ दय हो जाती ह गरड फीसा कवच को रय दकान ऑकपस आदद क परवश दवाय ऩय रगान स रय भ ननवास कयन वार सबी परकाय क सऩघ रय छोड़कय बाग जात ह एवॊ कपय रय भ परवश नहीॊ कयत गरड फीसा कवच को धायण कयन मा बवन भ रगान स सवघ परकाय क सि-आनॊद भ ववि होन रगती ह ववदवानो न इस कवच को अतमॊत परदामक भाना ह

1900

ससह बीसा कवच Sinha Visha Kawach

शस ॊह फीसा कवच दवी बगवती का धायण कयन स दवी की कऩा परातत होती ह शस ॊह फीसा कवच भाॉ बगवती को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए ववशष रऩ स धायण ककमा जाता ह शस ॊह फीसा कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम दय हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क परबाव स सबी परकाय क शतर एवॊ ववयोधी

1900

धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

1900

सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

1900

अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

1900

हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

1900

दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

1900

सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

1450

जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

1450

आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

1450

रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

1450

फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

1450

अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

1250

सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

1050

एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

1050

सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

1050

हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

1050

सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

1050

भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

910

ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

910

ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

910

सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

910

महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

910

वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

730

ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

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जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

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गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

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साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

1250

परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

We are Prepared Round Oval and Other Shape Kawach on Special Order

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

Page 8: Mantra Siddha Kavach - Yolagk.yolasite.com/resources/GURUTVA KARYALAY Mantra Siddha...Mantra Siddha Kavach Our Mantra Siddha Kawach prepared in Auspicious Muhurat (Shubh Mahurat) and

Suvarn Lakshmi Kawach होती ह सवणघ रकषभी कवच को धायण कयन स सवणघ स सॊफॊधधत कामो भ ववशष राब की परासतत होती ह ववशबनन मतरोत स आधथघक राब शभरन क मोग फनत ह सवणघ स सॊफॊधधत सबी अशबराषाएॊ शीघर ही ऩणघ होन की परफर सॊबावनाएॊ फनती ह

सवरावकषवर भरव कवच Swarnakarshan Bhairav Kawach

बयव जी को बगवान शशव क दवादश मवरऩ क रऩ भ ऩजा जाता ह बयवजी को तीन मवरऩ फटक बयव भहाकार बयव औय मवणाघकषघण बयव क रऩ भ जाना जाता ह ववदवानो न मवणाघकषघण-बयव को धन-धानम औय समऩसतत क दवता भाना ह धभघगरॊथो भ उलरि शभरता ह की आधथघक समथती ददन-परनतददन ियाफ होती जायही हो कजघ का फोझ फढता जा यहा हो सभममा क सभाधान हत कोई यामता न ददिाई द यहा हो सबी परकाय क ऩजा ऩाठ भॊतर मॊतर तॊतर मऻ हवन साधना आदद स कोई ववशष राब की परासतत न हो यही हो तफ मवणाघकषघण बयव जी का भॊतर मॊतर साधना इतमादद का आशरम रना चादहए जो वमसकत मवणाघकषघण बयव की साधना भॊतर जऩ आदद को कयन भ असभथघ हो वह रोग मवणाघकषघण बयव कवच को धायण कय ववशषा राब परातत कय सकत ह मवणाघकषघण बयव कवच को धन परासतत क शरए अचक औय अतमॊत परबावशारी भाना जाता ह मवणाघकषघण बयव कवच धायण कताघ की सबी परकाय की आधथघक सभममाओॊ को सभातत कयन भ सभथघ ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ ह इस करमग भ सजस परकाय भतम बम क ननवायण हत भहाभतमॊजम कवच अभोर ह उसी परकाय आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत मवणाघकषघण बयव कवच अभोर भाना गमा ह धाशभघक भानमताओॊ क अनशाय ऐसा भाना जाता ह की बयवजी की ऩजा-उऩासना शरीगणश ववषण चॊदरभा कफय आदद दवताओॊ न बी कक थी बयव उऩासना क परबाव स बगवान ववषण रकषभीऩनत फन थ ववशबनन अतसयाओॊ को सौबागम शभरन का उलरि धभघगरॊथो भ शभरता ह मदह कायण ह की मवणाघकषघण बयव कवच आधथघक सभममाओॊ क सभाधान हत अतमॊत राबपरद ह इस कवच को धायण कयन स सबी परकाय स आधथघक राब की परासतत

4600

होती ह

दधवऱर सकऱ राज वशीकरर कवच Vilakshan Sakal Raj Vasikaran Kawach

ववरण सकर याज वशीकयण कवच को धायण कयन स याज अधधकायी अथाघत सयकायी ववबाग भ कामघ कयन वार अधधकारयमो को अऩन अनकर ककमा जाता सकता ह मदद कोई अधधकायी मा अफसय आऩको अनावशमक ऩयशान कय यहा हो आऩक कामघ को तरफना ककसी वजह स योक यह हो कामघ स सॊफॊधधत कोई ना कोई गरती ननकार यह हो कामघ क शरए फाय-फाय दौड़ा यह हो ऐसी सबी समथतीमो भ ववरण सकर याज वशीकयण कवच अधधकायीमो को अऩन अनकर फनान क शरए सवोततभ भाधम ह सयकायी ववबाग एवॊ साभासजक कामघ कयन वार रोगो क शरए बी ववरण सकर याज वशीकयण कवच धायण कयना ववशष राब की परासतत होती ह

3250

इषट ससदधि कवच Isht Siddhi Kawach

बकत औय बगवान क फीच का रयशता परभ ववशवास औय सभऩघण ऩय दटका ह मह तीन फातो स बकत को अधमासतभक औय आसतभक फर की परासतत होती ह धभघगरॊथो भ इषट शसवि क शरए ववशबनन परकाय की धाशभघक ववधध-ववधान साधना औय कभघकाणड का वणघन शभरता ह रककन आज क आधननक दौय भ अऩनी आवशमकताओॊ को ऩया कयन शरए ददन-यात ऩरयशरभ कयन वार वमसकत को सभम क इषट आयाधना क शरए ऩमाघतत सभम नहीॊ शभरता मदद शभर बी जाम तो आयाधना भ भन नहीॊ रग ऩाता भन बटकता यहता ह एसी समथती भ इषट शसवि कवच राबपरद भाना गमा ह इस कवच क परबाव स धायण कताघ की एकागरता भ ववि होती ह ऩजा-उऩासना क दौयान भानशसक शाॊनत का अनबव होता ह सजसस इषट शसवि शीघर परातत होन भ राब शभर सकता ह इषट शसवि कवच का ननभाघण इमस उददशम स ककमा जाता ह की धायण कताघ को शीघर अऩन कामघ उददशम भ इसचछत सपरता परातत हो

2800

ऩरदश गमन और ऱाभ पराकति कछ रोग की ववदश भ वमवसाम मा नौकयी कयन की इचछा होती ह तो कछ रोग 2350

कवच Pardesh Gaman Aur Labh Prapti Kawach

ववदश भ वमाऩाय कयन की चाहत यित ह तो कछ रोगो की इचछा ववदश मातरा कयन की होती ह वमसकत की इचछा होन ऩय बी उनक ववदश स सॊफॊधधत कामघ उधचत परमतन कयन क उऩयाॊत बी फनत-फनत यह जात ह मा कामघ भ रकावटो क कायण ववरॊफ होता यहता ह एसी समथती भ ऩयदश गभन औय राब परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ की भनोकाभनाएॊ शीघर ऩणघ होन क मोग फनन रगत ह

शरीदयगाव बीसा कवच Durga Visha Kawach

शरीदगाघ फीसा कवच साधक को बसकत क साथ सभमत साॊसारयक सिो को परदान कयन वारा सवघशसविपरद कवच ह शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स साधक को धभघ अथघ काभ

औय भो इन चाय की परासतत भ बी सहामता परातत होती ह शामतरोकत वणघन ह की दवी दगाघ क शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स दवी परसनन

होकय साधक की अशबषट इचछाएॊ ऩणघ कयती ह भाॉ दगाघ अऩन बकत की मवमॊ या कय उन

ऩय कऩा दषटी कयती ह शरीदगाघ फीसा कवच धायण कयन स भाॉ दगाघ की कऩा स नौकयी वमवसाम भ साधक को उनननत क शशिय ऩय जान का भागघ परसमत होता ह शरीदगाघ फीसा कवच स साधक को धन-धानम सि-सॊऩसतत सॊतान का सि परातत होता ह औय शतर ववजम ऋण-योग आदद ऩीडा ा स भसकत परातत होती ह औय साधक को जीवन भ सॊऩणघ सिो की परासतत होती ह जीवन भ ककसी बी परकाय क सॊकट मा फाधा की आशॊका होन

ऩय शरीदगाघ फीसा कवच को शरिाऩवघक धायण कयन स साधक को सबी परकाय की फाधा स

भसकत शभरती ह औय धन-धानम की परासतत होती ह

1900

अषट दधवनायक कवच Asht Vinayak Kawach

अषट ववनामक कवच को शरीगणश क आठ परभि रऩो की कऩा परासतत हत धायण ककमा जाता ह बगवान शरी गणश क इन आठ अवतायो भ ससषट क सि की कलऩना का आधाय भाना जाता ह अषट ववनामक कवच कवच सकर ववघन-फाधाओॊ का नाश कयन औय कामो भ सपरता की परासतत हत उततभ ह

1900

दधवषरय बीसा कवच ववषण फीसा कवच को धन मश सपरता औय उनननत की परासतत हत उततभ भाना 1900

Vishnu Visha Kawach जाता ह ववषण फीसा कवच को बगवान शरी ववषण को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह दहनद धभघगरॊथो भ वरणघत ह की जहाॉ बगवान ववषण ननवास कयत ह उस मथान ऩय भाॉ भहारकषभी का बी ननवास होता ह सजस बकत ऩय ववषण परसनन होत कऩा कयत ह उस बकत ऩय दवी भहारकषभी बी मवत परसनन होती ह औय अऩनी कऩा आशीवाघद परदान दती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को कामो भ शसवि व सपरता की परासतत मवामम औय साॊसारयक सिो की ववि होती ह ववदवानो का अनबव यहा ह की शरी ववषण फीसा कवच को धायण कयन स शीघर ही धायणकताघ क रय-ऩरयवाय भ सि-सभवि-ऐशवमघ भ ववि होन रगती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत भ सकायातभक ऊजाघ का सॊचाय होता ह उसक रक हव कामघ सॊऩनन होन रगत ह कामघ तर भ सधाय होन रगता ह शतर योग आदद नाना परकाय क बमो का ननवायण हो जाता ह औय जीवन ऩयभ सिी हो जाता ह

रामभदर बीसा कवच Ramabhadra Visha Kawach

याभबदर फीसा कवच को बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह कवच को धायण कयन स भनषम क सफ कामघ शसि होत ह कवच को धायण कयन स वमसकत की सबी परकाय क सॊशम बम फॊधनो का नाश होता ह सजसस वमसकत ननबघम होकय अऩन कामघ तर भ सपर होता ह सनातन धभघ भ याभ शधद को धभो का भर भाना गमा ह इस कशरमग भ सभम क अबाव भ सजस वमसकत क ऩाय जऩ तऩ मऻ आदद धाशभघक कामघ कयन का सभम नहीॊ होता ऐस भ याभ का नाभ ही एक भातर सहाया ह कमोकी जो रोग कशरकार भ शरीयाभ की शयण रत ह उनह कशरमग भ कोई फाधा नहीॊ ऩहॊचाता याभबदर फीसा कवच शरी याभजी की कऩा परानत का सयर भाधमभ ह

1900

कय बर बीसा कवच आज हय वमसकत चाहता की उसक ऩास अऩाय धन-सॊऩसतत हो उसक ऩाय दननमा का 1900

Kuber Visha Kawach हय ऐशो-आयाभ भौजद हो उस कबी ककसी चीज की कभी न हो एस रोगो की इचछाओॊ को ऩणघ कयन भ सभथघ ह कफय फीसा कवच जो दवताओॊ क कोषाधम कफय जी का कवच ह कफय फीसा कवच क परबाव स धायण कताघ ऩय मयाज कफय परसनन होकय अतर समऩसतत का वयदान दत ह उस अम धन कोष की परासतत एवॊ आम ववि क नम-नम मतरोत फनन रगत ह मवणघ राब यतन राब ऩतक समऩतती एवॊ गड़ हए धन स राब परासतत कक काभना कयन वार वमसकत क शरम कफय फीसा कवच धायण कयना अतमनत राब दामक हो मकता ह एसा शामतरोकत वचन ह कफय फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को एकाधधक मतरोतर स धन का परातत होकय धन सॊचम होता ह धन-सॊऩसतत एवॊ ऐशवमघ की परासतत हत कफय फीसा कवच सवघशरषठ भाधमभ ह

गरड बीसा कवच Garud Visha Kawach

गरड बगवान ववषण का वाहन ह जानकायो क भतानशाय गरड फीसा कवच को धायण कयन स सयरता स बगवान ववषण की बी कऩा परातत होती ह शतर स सॊफॊधधत बमो का नाश होता ह सऩघबम आदद अनक परकायकी वमाधधमाॊ दय हो जाती ह गरड फीसा कवच को रय दकान ऑकपस आदद क परवश दवाय ऩय रगान स रय भ ननवास कयन वार सबी परकाय क सऩघ रय छोड़कय बाग जात ह एवॊ कपय रय भ परवश नहीॊ कयत गरड फीसा कवच को धायण कयन मा बवन भ रगान स सवघ परकाय क सि-आनॊद भ ववि होन रगती ह ववदवानो न इस कवच को अतमॊत परदामक भाना ह

1900

ससह बीसा कवच Sinha Visha Kawach

शस ॊह फीसा कवच दवी बगवती का धायण कयन स दवी की कऩा परातत होती ह शस ॊह फीसा कवच भाॉ बगवती को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए ववशष रऩ स धायण ककमा जाता ह शस ॊह फीसा कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम दय हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क परबाव स सबी परकाय क शतर एवॊ ववयोधी

1900

धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

1900

सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

1900

अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

1900

हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

1900

दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

1900

सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

1450

जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

1450

आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

1450

रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

1450

फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

1450

अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

1250

सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

1050

एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

1050

सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

1050

हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

1050

सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

1050

भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

910

ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

910

ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

910

सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

910

महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

910

वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

730

ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

730

साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

730

स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

1250

परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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होती ह

दधवऱर सकऱ राज वशीकरर कवच Vilakshan Sakal Raj Vasikaran Kawach

ववरण सकर याज वशीकयण कवच को धायण कयन स याज अधधकायी अथाघत सयकायी ववबाग भ कामघ कयन वार अधधकारयमो को अऩन अनकर ककमा जाता सकता ह मदद कोई अधधकायी मा अफसय आऩको अनावशमक ऩयशान कय यहा हो आऩक कामघ को तरफना ककसी वजह स योक यह हो कामघ स सॊफॊधधत कोई ना कोई गरती ननकार यह हो कामघ क शरए फाय-फाय दौड़ा यह हो ऐसी सबी समथतीमो भ ववरण सकर याज वशीकयण कवच अधधकायीमो को अऩन अनकर फनान क शरए सवोततभ भाधम ह सयकायी ववबाग एवॊ साभासजक कामघ कयन वार रोगो क शरए बी ववरण सकर याज वशीकयण कवच धायण कयना ववशष राब की परासतत होती ह

3250

इषट ससदधि कवच Isht Siddhi Kawach

बकत औय बगवान क फीच का रयशता परभ ववशवास औय सभऩघण ऩय दटका ह मह तीन फातो स बकत को अधमासतभक औय आसतभक फर की परासतत होती ह धभघगरॊथो भ इषट शसवि क शरए ववशबनन परकाय की धाशभघक ववधध-ववधान साधना औय कभघकाणड का वणघन शभरता ह रककन आज क आधननक दौय भ अऩनी आवशमकताओॊ को ऩया कयन शरए ददन-यात ऩरयशरभ कयन वार वमसकत को सभम क इषट आयाधना क शरए ऩमाघतत सभम नहीॊ शभरता मदद शभर बी जाम तो आयाधना भ भन नहीॊ रग ऩाता भन बटकता यहता ह एसी समथती भ इषट शसवि कवच राबपरद भाना गमा ह इस कवच क परबाव स धायण कताघ की एकागरता भ ववि होती ह ऩजा-उऩासना क दौयान भानशसक शाॊनत का अनबव होता ह सजसस इषट शसवि शीघर परातत होन भ राब शभर सकता ह इषट शसवि कवच का ननभाघण इमस उददशम स ककमा जाता ह की धायण कताघ को शीघर अऩन कामघ उददशम भ इसचछत सपरता परातत हो

2800

ऩरदश गमन और ऱाभ पराकति कछ रोग की ववदश भ वमवसाम मा नौकयी कयन की इचछा होती ह तो कछ रोग 2350

कवच Pardesh Gaman Aur Labh Prapti Kawach

ववदश भ वमाऩाय कयन की चाहत यित ह तो कछ रोगो की इचछा ववदश मातरा कयन की होती ह वमसकत की इचछा होन ऩय बी उनक ववदश स सॊफॊधधत कामघ उधचत परमतन कयन क उऩयाॊत बी फनत-फनत यह जात ह मा कामघ भ रकावटो क कायण ववरॊफ होता यहता ह एसी समथती भ ऩयदश गभन औय राब परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ की भनोकाभनाएॊ शीघर ऩणघ होन क मोग फनन रगत ह

शरीदयगाव बीसा कवच Durga Visha Kawach

शरीदगाघ फीसा कवच साधक को बसकत क साथ सभमत साॊसारयक सिो को परदान कयन वारा सवघशसविपरद कवच ह शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स साधक को धभघ अथघ काभ

औय भो इन चाय की परासतत भ बी सहामता परातत होती ह शामतरोकत वणघन ह की दवी दगाघ क शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स दवी परसनन

होकय साधक की अशबषट इचछाएॊ ऩणघ कयती ह भाॉ दगाघ अऩन बकत की मवमॊ या कय उन

ऩय कऩा दषटी कयती ह शरीदगाघ फीसा कवच धायण कयन स भाॉ दगाघ की कऩा स नौकयी वमवसाम भ साधक को उनननत क शशिय ऩय जान का भागघ परसमत होता ह शरीदगाघ फीसा कवच स साधक को धन-धानम सि-सॊऩसतत सॊतान का सि परातत होता ह औय शतर ववजम ऋण-योग आदद ऩीडा ा स भसकत परातत होती ह औय साधक को जीवन भ सॊऩणघ सिो की परासतत होती ह जीवन भ ककसी बी परकाय क सॊकट मा फाधा की आशॊका होन

ऩय शरीदगाघ फीसा कवच को शरिाऩवघक धायण कयन स साधक को सबी परकाय की फाधा स

भसकत शभरती ह औय धन-धानम की परासतत होती ह

1900

अषट दधवनायक कवच Asht Vinayak Kawach

अषट ववनामक कवच को शरीगणश क आठ परभि रऩो की कऩा परासतत हत धायण ककमा जाता ह बगवान शरी गणश क इन आठ अवतायो भ ससषट क सि की कलऩना का आधाय भाना जाता ह अषट ववनामक कवच कवच सकर ववघन-फाधाओॊ का नाश कयन औय कामो भ सपरता की परासतत हत उततभ ह

1900

दधवषरय बीसा कवच ववषण फीसा कवच को धन मश सपरता औय उनननत की परासतत हत उततभ भाना 1900

Vishnu Visha Kawach जाता ह ववषण फीसा कवच को बगवान शरी ववषण को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह दहनद धभघगरॊथो भ वरणघत ह की जहाॉ बगवान ववषण ननवास कयत ह उस मथान ऩय भाॉ भहारकषभी का बी ननवास होता ह सजस बकत ऩय ववषण परसनन होत कऩा कयत ह उस बकत ऩय दवी भहारकषभी बी मवत परसनन होती ह औय अऩनी कऩा आशीवाघद परदान दती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को कामो भ शसवि व सपरता की परासतत मवामम औय साॊसारयक सिो की ववि होती ह ववदवानो का अनबव यहा ह की शरी ववषण फीसा कवच को धायण कयन स शीघर ही धायणकताघ क रय-ऩरयवाय भ सि-सभवि-ऐशवमघ भ ववि होन रगती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत भ सकायातभक ऊजाघ का सॊचाय होता ह उसक रक हव कामघ सॊऩनन होन रगत ह कामघ तर भ सधाय होन रगता ह शतर योग आदद नाना परकाय क बमो का ननवायण हो जाता ह औय जीवन ऩयभ सिी हो जाता ह

रामभदर बीसा कवच Ramabhadra Visha Kawach

याभबदर फीसा कवच को बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह कवच को धायण कयन स भनषम क सफ कामघ शसि होत ह कवच को धायण कयन स वमसकत की सबी परकाय क सॊशम बम फॊधनो का नाश होता ह सजसस वमसकत ननबघम होकय अऩन कामघ तर भ सपर होता ह सनातन धभघ भ याभ शधद को धभो का भर भाना गमा ह इस कशरमग भ सभम क अबाव भ सजस वमसकत क ऩाय जऩ तऩ मऻ आदद धाशभघक कामघ कयन का सभम नहीॊ होता ऐस भ याभ का नाभ ही एक भातर सहाया ह कमोकी जो रोग कशरकार भ शरीयाभ की शयण रत ह उनह कशरमग भ कोई फाधा नहीॊ ऩहॊचाता याभबदर फीसा कवच शरी याभजी की कऩा परानत का सयर भाधमभ ह

1900

कय बर बीसा कवच आज हय वमसकत चाहता की उसक ऩास अऩाय धन-सॊऩसतत हो उसक ऩाय दननमा का 1900

Kuber Visha Kawach हय ऐशो-आयाभ भौजद हो उस कबी ककसी चीज की कभी न हो एस रोगो की इचछाओॊ को ऩणघ कयन भ सभथघ ह कफय फीसा कवच जो दवताओॊ क कोषाधम कफय जी का कवच ह कफय फीसा कवच क परबाव स धायण कताघ ऩय मयाज कफय परसनन होकय अतर समऩसतत का वयदान दत ह उस अम धन कोष की परासतत एवॊ आम ववि क नम-नम मतरोत फनन रगत ह मवणघ राब यतन राब ऩतक समऩतती एवॊ गड़ हए धन स राब परासतत कक काभना कयन वार वमसकत क शरम कफय फीसा कवच धायण कयना अतमनत राब दामक हो मकता ह एसा शामतरोकत वचन ह कफय फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को एकाधधक मतरोतर स धन का परातत होकय धन सॊचम होता ह धन-सॊऩसतत एवॊ ऐशवमघ की परासतत हत कफय फीसा कवच सवघशरषठ भाधमभ ह

गरड बीसा कवच Garud Visha Kawach

गरड बगवान ववषण का वाहन ह जानकायो क भतानशाय गरड फीसा कवच को धायण कयन स सयरता स बगवान ववषण की बी कऩा परातत होती ह शतर स सॊफॊधधत बमो का नाश होता ह सऩघबम आदद अनक परकायकी वमाधधमाॊ दय हो जाती ह गरड फीसा कवच को रय दकान ऑकपस आदद क परवश दवाय ऩय रगान स रय भ ननवास कयन वार सबी परकाय क सऩघ रय छोड़कय बाग जात ह एवॊ कपय रय भ परवश नहीॊ कयत गरड फीसा कवच को धायण कयन मा बवन भ रगान स सवघ परकाय क सि-आनॊद भ ववि होन रगती ह ववदवानो न इस कवच को अतमॊत परदामक भाना ह

1900

ससह बीसा कवच Sinha Visha Kawach

शस ॊह फीसा कवच दवी बगवती का धायण कयन स दवी की कऩा परातत होती ह शस ॊह फीसा कवच भाॉ बगवती को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए ववशष रऩ स धायण ककमा जाता ह शस ॊह फीसा कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम दय हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क परबाव स सबी परकाय क शतर एवॊ ववयोधी

1900

धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

1900

सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

1900

अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

1900

हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

1900

दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

1900

सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

1450

जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

1450

आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

1450

रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

1450

फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

1450

अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

1250

सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

1050

एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

1050

सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

1050

हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

1050

सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

1050

भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

910

ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

910

ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

910

सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

910

महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

910

वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

730

ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

730

साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

730

स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

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जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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कवच Pardesh Gaman Aur Labh Prapti Kawach

ववदश भ वमाऩाय कयन की चाहत यित ह तो कछ रोगो की इचछा ववदश मातरा कयन की होती ह वमसकत की इचछा होन ऩय बी उनक ववदश स सॊफॊधधत कामघ उधचत परमतन कयन क उऩयाॊत बी फनत-फनत यह जात ह मा कामघ भ रकावटो क कायण ववरॊफ होता यहता ह एसी समथती भ ऩयदश गभन औय राब परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ की भनोकाभनाएॊ शीघर ऩणघ होन क मोग फनन रगत ह

शरीदयगाव बीसा कवच Durga Visha Kawach

शरीदगाघ फीसा कवच साधक को बसकत क साथ सभमत साॊसारयक सिो को परदान कयन वारा सवघशसविपरद कवच ह शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स साधक को धभघ अथघ काभ

औय भो इन चाय की परासतत भ बी सहामता परातत होती ह शामतरोकत वणघन ह की दवी दगाघ क शरीदगाघ फीसा कवच को धायण कयन स दवी परसनन

होकय साधक की अशबषट इचछाएॊ ऩणघ कयती ह भाॉ दगाघ अऩन बकत की मवमॊ या कय उन

ऩय कऩा दषटी कयती ह शरीदगाघ फीसा कवच धायण कयन स भाॉ दगाघ की कऩा स नौकयी वमवसाम भ साधक को उनननत क शशिय ऩय जान का भागघ परसमत होता ह शरीदगाघ फीसा कवच स साधक को धन-धानम सि-सॊऩसतत सॊतान का सि परातत होता ह औय शतर ववजम ऋण-योग आदद ऩीडा ा स भसकत परातत होती ह औय साधक को जीवन भ सॊऩणघ सिो की परासतत होती ह जीवन भ ककसी बी परकाय क सॊकट मा फाधा की आशॊका होन

ऩय शरीदगाघ फीसा कवच को शरिाऩवघक धायण कयन स साधक को सबी परकाय की फाधा स

भसकत शभरती ह औय धन-धानम की परासतत होती ह

1900

अषट दधवनायक कवच Asht Vinayak Kawach

अषट ववनामक कवच को शरीगणश क आठ परभि रऩो की कऩा परासतत हत धायण ककमा जाता ह बगवान शरी गणश क इन आठ अवतायो भ ससषट क सि की कलऩना का आधाय भाना जाता ह अषट ववनामक कवच कवच सकर ववघन-फाधाओॊ का नाश कयन औय कामो भ सपरता की परासतत हत उततभ ह

1900

दधवषरय बीसा कवच ववषण फीसा कवच को धन मश सपरता औय उनननत की परासतत हत उततभ भाना 1900

Vishnu Visha Kawach जाता ह ववषण फीसा कवच को बगवान शरी ववषण को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह दहनद धभघगरॊथो भ वरणघत ह की जहाॉ बगवान ववषण ननवास कयत ह उस मथान ऩय भाॉ भहारकषभी का बी ननवास होता ह सजस बकत ऩय ववषण परसनन होत कऩा कयत ह उस बकत ऩय दवी भहारकषभी बी मवत परसनन होती ह औय अऩनी कऩा आशीवाघद परदान दती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को कामो भ शसवि व सपरता की परासतत मवामम औय साॊसारयक सिो की ववि होती ह ववदवानो का अनबव यहा ह की शरी ववषण फीसा कवच को धायण कयन स शीघर ही धायणकताघ क रय-ऩरयवाय भ सि-सभवि-ऐशवमघ भ ववि होन रगती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत भ सकायातभक ऊजाघ का सॊचाय होता ह उसक रक हव कामघ सॊऩनन होन रगत ह कामघ तर भ सधाय होन रगता ह शतर योग आदद नाना परकाय क बमो का ननवायण हो जाता ह औय जीवन ऩयभ सिी हो जाता ह

रामभदर बीसा कवच Ramabhadra Visha Kawach

याभबदर फीसा कवच को बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह कवच को धायण कयन स भनषम क सफ कामघ शसि होत ह कवच को धायण कयन स वमसकत की सबी परकाय क सॊशम बम फॊधनो का नाश होता ह सजसस वमसकत ननबघम होकय अऩन कामघ तर भ सपर होता ह सनातन धभघ भ याभ शधद को धभो का भर भाना गमा ह इस कशरमग भ सभम क अबाव भ सजस वमसकत क ऩाय जऩ तऩ मऻ आदद धाशभघक कामघ कयन का सभम नहीॊ होता ऐस भ याभ का नाभ ही एक भातर सहाया ह कमोकी जो रोग कशरकार भ शरीयाभ की शयण रत ह उनह कशरमग भ कोई फाधा नहीॊ ऩहॊचाता याभबदर फीसा कवच शरी याभजी की कऩा परानत का सयर भाधमभ ह

1900

कय बर बीसा कवच आज हय वमसकत चाहता की उसक ऩास अऩाय धन-सॊऩसतत हो उसक ऩाय दननमा का 1900

Kuber Visha Kawach हय ऐशो-आयाभ भौजद हो उस कबी ककसी चीज की कभी न हो एस रोगो की इचछाओॊ को ऩणघ कयन भ सभथघ ह कफय फीसा कवच जो दवताओॊ क कोषाधम कफय जी का कवच ह कफय फीसा कवच क परबाव स धायण कताघ ऩय मयाज कफय परसनन होकय अतर समऩसतत का वयदान दत ह उस अम धन कोष की परासतत एवॊ आम ववि क नम-नम मतरोत फनन रगत ह मवणघ राब यतन राब ऩतक समऩतती एवॊ गड़ हए धन स राब परासतत कक काभना कयन वार वमसकत क शरम कफय फीसा कवच धायण कयना अतमनत राब दामक हो मकता ह एसा शामतरोकत वचन ह कफय फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को एकाधधक मतरोतर स धन का परातत होकय धन सॊचम होता ह धन-सॊऩसतत एवॊ ऐशवमघ की परासतत हत कफय फीसा कवच सवघशरषठ भाधमभ ह

गरड बीसा कवच Garud Visha Kawach

गरड बगवान ववषण का वाहन ह जानकायो क भतानशाय गरड फीसा कवच को धायण कयन स सयरता स बगवान ववषण की बी कऩा परातत होती ह शतर स सॊफॊधधत बमो का नाश होता ह सऩघबम आदद अनक परकायकी वमाधधमाॊ दय हो जाती ह गरड फीसा कवच को रय दकान ऑकपस आदद क परवश दवाय ऩय रगान स रय भ ननवास कयन वार सबी परकाय क सऩघ रय छोड़कय बाग जात ह एवॊ कपय रय भ परवश नहीॊ कयत गरड फीसा कवच को धायण कयन मा बवन भ रगान स सवघ परकाय क सि-आनॊद भ ववि होन रगती ह ववदवानो न इस कवच को अतमॊत परदामक भाना ह

1900

ससह बीसा कवच Sinha Visha Kawach

शस ॊह फीसा कवच दवी बगवती का धायण कयन स दवी की कऩा परातत होती ह शस ॊह फीसा कवच भाॉ बगवती को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए ववशष रऩ स धायण ककमा जाता ह शस ॊह फीसा कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम दय हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क परबाव स सबी परकाय क शतर एवॊ ववयोधी

1900

धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

1900

सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

1900

अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

1900

हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

1900

दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

1900

सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

1450

जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

1450

आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

1450

रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

1450

फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

1450

अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

1250

सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

1050

एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

1050

सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

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हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

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भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

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ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

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ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

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सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

910

महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

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वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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Vishnu Visha Kawach जाता ह ववषण फीसा कवच को बगवान शरी ववषण को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह दहनद धभघगरॊथो भ वरणघत ह की जहाॉ बगवान ववषण ननवास कयत ह उस मथान ऩय भाॉ भहारकषभी का बी ननवास होता ह सजस बकत ऩय ववषण परसनन होत कऩा कयत ह उस बकत ऩय दवी भहारकषभी बी मवत परसनन होती ह औय अऩनी कऩा आशीवाघद परदान दती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को कामो भ शसवि व सपरता की परासतत मवामम औय साॊसारयक सिो की ववि होती ह ववदवानो का अनबव यहा ह की शरी ववषण फीसा कवच को धायण कयन स शीघर ही धायणकताघ क रय-ऩरयवाय भ सि-सभवि-ऐशवमघ भ ववि होन रगती ह ववषण फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत भ सकायातभक ऊजाघ का सॊचाय होता ह उसक रक हव कामघ सॊऩनन होन रगत ह कामघ तर भ सधाय होन रगता ह शतर योग आदद नाना परकाय क बमो का ननवायण हो जाता ह औय जीवन ऩयभ सिी हो जाता ह

रामभदर बीसा कवच Ramabhadra Visha Kawach

याभबदर फीसा कवच को बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह कवच को धायण कयन स भनषम क सफ कामघ शसि होत ह कवच को धायण कयन स वमसकत की सबी परकाय क सॊशम बम फॊधनो का नाश होता ह सजसस वमसकत ननबघम होकय अऩन कामघ तर भ सपर होता ह सनातन धभघ भ याभ शधद को धभो का भर भाना गमा ह इस कशरमग भ सभम क अबाव भ सजस वमसकत क ऩाय जऩ तऩ मऻ आदद धाशभघक कामघ कयन का सभम नहीॊ होता ऐस भ याभ का नाभ ही एक भातर सहाया ह कमोकी जो रोग कशरकार भ शरीयाभ की शयण रत ह उनह कशरमग भ कोई फाधा नहीॊ ऩहॊचाता याभबदर फीसा कवच शरी याभजी की कऩा परानत का सयर भाधमभ ह

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कय बर बीसा कवच आज हय वमसकत चाहता की उसक ऩास अऩाय धन-सॊऩसतत हो उसक ऩाय दननमा का 1900

Kuber Visha Kawach हय ऐशो-आयाभ भौजद हो उस कबी ककसी चीज की कभी न हो एस रोगो की इचछाओॊ को ऩणघ कयन भ सभथघ ह कफय फीसा कवच जो दवताओॊ क कोषाधम कफय जी का कवच ह कफय फीसा कवच क परबाव स धायण कताघ ऩय मयाज कफय परसनन होकय अतर समऩसतत का वयदान दत ह उस अम धन कोष की परासतत एवॊ आम ववि क नम-नम मतरोत फनन रगत ह मवणघ राब यतन राब ऩतक समऩतती एवॊ गड़ हए धन स राब परासतत कक काभना कयन वार वमसकत क शरम कफय फीसा कवच धायण कयना अतमनत राब दामक हो मकता ह एसा शामतरोकत वचन ह कफय फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को एकाधधक मतरोतर स धन का परातत होकय धन सॊचम होता ह धन-सॊऩसतत एवॊ ऐशवमघ की परासतत हत कफय फीसा कवच सवघशरषठ भाधमभ ह

गरड बीसा कवच Garud Visha Kawach

गरड बगवान ववषण का वाहन ह जानकायो क भतानशाय गरड फीसा कवच को धायण कयन स सयरता स बगवान ववषण की बी कऩा परातत होती ह शतर स सॊफॊधधत बमो का नाश होता ह सऩघबम आदद अनक परकायकी वमाधधमाॊ दय हो जाती ह गरड फीसा कवच को रय दकान ऑकपस आदद क परवश दवाय ऩय रगान स रय भ ननवास कयन वार सबी परकाय क सऩघ रय छोड़कय बाग जात ह एवॊ कपय रय भ परवश नहीॊ कयत गरड फीसा कवच को धायण कयन मा बवन भ रगान स सवघ परकाय क सि-आनॊद भ ववि होन रगती ह ववदवानो न इस कवच को अतमॊत परदामक भाना ह

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ससह बीसा कवच Sinha Visha Kawach

शस ॊह फीसा कवच दवी बगवती का धायण कयन स दवी की कऩा परातत होती ह शस ॊह फीसा कवच भाॉ बगवती को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए ववशष रऩ स धायण ककमा जाता ह शस ॊह फीसा कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम दय हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क परबाव स सबी परकाय क शतर एवॊ ववयोधी

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धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

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सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

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अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

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हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

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दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

1900

सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

1450

जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

1450

आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

1450

रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

1450

फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

1450

अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

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सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

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एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

1050

सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

1050

हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

1050

सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

1050

भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

910

ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

910

ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

910

सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

910

महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

910

वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

730

ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

730

साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

730

स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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Kuber Visha Kawach हय ऐशो-आयाभ भौजद हो उस कबी ककसी चीज की कभी न हो एस रोगो की इचछाओॊ को ऩणघ कयन भ सभथघ ह कफय फीसा कवच जो दवताओॊ क कोषाधम कफय जी का कवच ह कफय फीसा कवच क परबाव स धायण कताघ ऩय मयाज कफय परसनन होकय अतर समऩसतत का वयदान दत ह उस अम धन कोष की परासतत एवॊ आम ववि क नम-नम मतरोत फनन रगत ह मवणघ राब यतन राब ऩतक समऩतती एवॊ गड़ हए धन स राब परासतत कक काभना कयन वार वमसकत क शरम कफय फीसा कवच धायण कयना अतमनत राब दामक हो मकता ह एसा शामतरोकत वचन ह कफय फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को एकाधधक मतरोतर स धन का परातत होकय धन सॊचम होता ह धन-सॊऩसतत एवॊ ऐशवमघ की परासतत हत कफय फीसा कवच सवघशरषठ भाधमभ ह

गरड बीसा कवच Garud Visha Kawach

गरड बगवान ववषण का वाहन ह जानकायो क भतानशाय गरड फीसा कवच को धायण कयन स सयरता स बगवान ववषण की बी कऩा परातत होती ह शतर स सॊफॊधधत बमो का नाश होता ह सऩघबम आदद अनक परकायकी वमाधधमाॊ दय हो जाती ह गरड फीसा कवच को रय दकान ऑकपस आदद क परवश दवाय ऩय रगान स रय भ ननवास कयन वार सबी परकाय क सऩघ रय छोड़कय बाग जात ह एवॊ कपय रय भ परवश नहीॊ कयत गरड फीसा कवच को धायण कयन मा बवन भ रगान स सवघ परकाय क सि-आनॊद भ ववि होन रगती ह ववदवानो न इस कवच को अतमॊत परदामक भाना ह

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ससह बीसा कवच Sinha Visha Kawach

शस ॊह फीसा कवच दवी बगवती का धायण कयन स दवी की कऩा परातत होती ह शस ॊह फीसा कवच भाॉ बगवती को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए ववशष रऩ स धायण ककमा जाता ह शस ॊह फीसा कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम दय हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क परबाव स सबी परकाय क शतर एवॊ ववयोधी

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धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

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सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

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अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

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हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

1900

दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

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सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

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जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

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आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

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रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

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फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

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अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

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सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

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एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

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सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

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हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

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भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

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ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

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ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

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सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

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महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

910

वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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धायणकताघ क अनकर हो जात ह शस ॊह फीसा कवच क को धायण कयन स वमसकत का फडा स फडा व फरशारी शतर बी उसस बमबीत हो जाता ह औय शतरता छोड दता ह शस ॊह फीसा कवच आतभववशवास की ववि एवॊ शतरओॊ को बमबीत कयन हत अतमॊत उऩमोगी ह

नवावर बीसा कवच Narvan Visha Kawach

नवाणघ फीसा कवच दवी दगाघ का कवच ह दहनद धभघ भ दवी दगाघ को दिो का नाश कयन वारी कहा गमा ह दवी दगाघ की शसकत को जागरत कयन हत शामतरो भ नवाणघ भॊतर का जाऩ कयन का ववधान फतामा गमा ह ववदवानो न जो भनषम ननमशभत भॊतर जाऩ कयन भ असभथघ हो उनक शरए नवाणघ फीसा कवच भॊतर जऩ क सभान पर परदान कयन वारा फतामा ह नवाणघ फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत को धभघ अथघ काभ औय भो इन चाय कक परासतत भ बी सहाता परातत होती ह

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सकट मोचचनी कासऱका ससदधि कवच Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach

कारी शधद का अथघ ह कार की ऩतनी दहनद धभघ भ बगवान शशव को कार कहाॊ गमा ह इसशरए शशव की ऩतनी को कारी नाभ स सॊफोधधत ककमा गमा ह बगवती कारी क रऩ-बद का वणघन ववशबनन शामतरो भ असॊखम रऩो भ ककमा गमा ह वामतव भ सबी दवीमाॊ मोधगननमाॊ आदद बगवती की ही परनतरऩा भानी गई ह सजनक परभि आठ बद भान जात ह (१) धचनताभरण कारी (२) मऩशघभरण कारी (३) सनतनतपरदा कारी (४) शसवि कारी (५) दकषण कारी (६) काभकरा कारी (७) हॊस कारी एवॊ (८) गहम कारी इनक अनतरयकत मह तीन बद ववशष परशसि ह जो करभश (१) बदरकारी (२) शभशान कारी तथा (३) भहाकारी इनकी उऩासना बी ववशष रऩ स होती ह कारी कवच क ववषम भ ववदवानो का कथन ह की कारी कवच तीनो रोको का आकषघण कयन वारा ह ऩणघ शरिा एवॊ ववधध-ववधान स ननशभघत कवच को धायण कयन वारा पराणी तररोकम ववजमी हो सकता ह वह तररोकम को भोदहत कयन वारा भहाऻानी तथा सभमत शसविमो का मवाभी फन सकता ह कवच को अऩन कॊ ठ

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अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

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हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

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दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

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सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

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जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

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आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

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रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

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फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

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अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

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सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

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एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

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सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

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हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

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भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

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ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

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ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

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सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

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महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

910

वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

550

सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

550

शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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अथवा दामीॊ बजा ऩय धायण कयन वारा वमसकत धनवान सॊतानवान शरीवान तथा अनक ववदमाओॊ समऩसततमो का मवाभी फनता ह कछ ववदवानो न अऩन अनबवो भ ऩामा ह की ववधध-ववधान स ननशभघत इस कवच क परबाव स भतवतसा वनधमा अथवा सॊतान हीन मतरी मदद कवच को अऩन कॊ ठ अथवा बजा ऩय धायण कयती ह तो उस सॊतान सि परातत हो सकता ह ववदवानो का कथन ह की इस कवच को ककसी ऩयाम शशषम बसकतदहन मा अऩरयधचत को नहीॊ दना चादहए इस शरए कवच कवर उसी को परातत होना चादहए जो इसक शरए मोगम हो

राम रा कवच Ram Raksha Kawach

याभ या कवच बगवान शरी याभ को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह याभ या कवच को धायण कयन स सबी परकाय क बम औय फाधाओॊ स भसकत शभरती ह कामो भ सपरता परासतत हत याभ या कवच उततभ ह याभ या कवच क परबाव स स धायणकताघ को धन राब होता ह व उसका का सवाागी ववकाय होकय उस सि-सभवि भान-समभान की परासतत होती ह याभ या कवच सबी परकाय क अशब परबाव को दय कय वमसकत को जीवन भ सबी परकाय की कदठनाइमो स या कयता ह ववदवानो क भत स जो वमसकत बगवान याभ क बकत ह मा शरी हनभानजी क बकत ह उनह अऩन कामघ उददशम भ सपरता हत याभ या कवच को अवशम धायण कयना चादहम सजसस आन वार सॊकटो स या हो कय उनका जीवन सिभम वमतीत हो सक एवॊ उनकी सभमत आदद बौनतक व आधमासतभक भनोकाभनाएॊ ऩणघ हो सक

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हनयमान कवच Hanuman Raksha Kawach

हनभान कवच बगवान शरी हनभान को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद परासतत क शरए धायण ककमा जाता ह शामतरो भ उलरि ह की शरी हनभान जी को बगवान समघदव न बरहभा जी क आदश ऩय हनभान जी को अऩन तज का सौवाॉ बाग परदान कयत हए आशीवाघद परदान ककमा था कक भ हनभान को सबी शामतर का ऩणघ ऻान

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दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

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सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

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जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

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आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

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रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

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फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

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अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

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सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

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एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

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सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

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हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

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भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

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ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

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ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

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सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

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महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

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वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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दॉगा सजसस मह तीनोरोक भ सवघ शरषठ वकता होग तथा शामतर ववदमा भ इनह भहायत हाशसर होगी औय इनक सभन फरशारी औय कोई नहीॊ होगा जानकायो न भतानशाय हनभान कवच धायण कयन स ऩरषो की ववशबनन फीभारयमो दय होती ह हनभान कवच भ अदभत शसकत सभादहत होन क कायण मह वमसकत की मवतन दोष धात योग यकत दोष वीमघ दोष भछाघ नऩॊसकता इतमादद अनक परकाय क दोषो को दय कयन भ अतमनत राबकायी ह अथाघत मह कवच ऩौरष को ऩषट कयता ह शरी हनभान कवच वमसकत को सॊकट वाद-वववाद बत-परत दमत ककरमा ववषबम चोय बम याजम बम भायण समभोहन मतॊबन इतमादद स सॊकटो स या कयता ह औय शसवि परदान कयन भ सभ ह

भरव रा कवच Bhairav Raksha Kawach Lakshmi Visha Kawach

बयवया कवच बयव जी को शीघर को परसनन कयन औय उनका आशशवाघद क शरए धायण ककमा जाता ह बयव या कवच धायण कयन स तॊतर-भॊतर बत-परत आदद नकायातभक परबावो स या होती ह बयव या कवच को धायण कयन स मवामम सि भ ववि होकय सकायातभक उजाघ भ ववि होती ह कवच क परबाव स धायण कताघ को ऋण योग औय शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन भ सपरता परातत हो सकती ह सबी परकाय की वमवसाम औय नौकयी स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण कयन भ बी बयव या कवच राबकायी शसि होता ह

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सववजन वशीकरर कवच Sarvjan Vashikaran Kawach

आज क आधननक मग भ अऩन कामघ उददशम की ऩनत घ हत हभ योजभया क जीफन भ जान-अनजान कई रोगो स शभरना ऩडता ह सजसभ सभाजक छोट-फड़ सबी वगघ क मतरी-ऩरष गराहक अधधकायी सहकभी नौकय-चाकय आदद सबी तयह क रोग होत ह उन सफ ऩय अऩना सकायातभक परबाव फनाना हभाय शरए अतमॊत आवशमक ह कोमोकी मदद हभाय वमसकततव भ कोई ववशष परबाव हो अथवा हभायी फातो भ मा चहय ऩय चमफकीम आकघ षण हो सजस सनत मा दित ही साभन वारा परबाववत हो

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जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

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आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

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रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

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फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

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अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

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सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

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एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

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सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

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हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

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भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

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ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

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ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

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सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

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महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

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वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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जाए औय हभायी फातो का उस ऩय ऩणघ रऩ स सकायातभक परबाव हो जाम तो हभाय ककतन ही कामघ सयरता स ऩणघ हो सकत ह मदद आऩकी कोइ फात जो ऩणघरऩ स उधचत ह औय आऩक इषट शभतर ऩरयजन मा वपरमजन कोइ उस भानता नहीॊ ह ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह मदद आऩ ककसी वमाऩाय फीभा मा ककसी भाकदटग इतमादद स सॊफॊधधत कामो स जड़ ह औय गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद चाह वह ककतन बी अचछी गणवतता वार अचछी सवा सवा परदान कयन वार मा राबपरदान कयन वार हो कपय बी गराहक मा उऩबोकता आऩक उतऩाद सवा मा राबपरद सौद को नहीॊ चनकय ककसी कभ गणवतता वार कभ सवा कभ राब वार सौद को चनरता ह मा आऩक परनतमऩधधघ स वह उतऩाद सवा परातत कय रत हो तो ऐसी समथती भ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत राबपरद होता ह कमोकक सवघजन वशीकयण कवच क परबाव स साभन वार ऩय आऩकी फातो का सकायातभक परबाव ऩड़ता ह सजसभ आऩकी फातो का ऩणघ परबाव साभन वार ऩय होता ह सजस कायण आऩको अऩन कामघ भ शीघर सपरता परातत हो सकती ह इसभ जया बी सॊदह नहीॊ सवघजन वशीकयण कवच अतमॊत अनबत एवॊ शीघर परबावी कवच भाना जाता ह सवघजन वशीकयण कवच धायण कयन स धायण कताघ क वमसकततव भ ववशष आकघ षण उतऩान होता ह मा उसभ ननिाय आता ह ववशष नोट सवघजन वशीकयण कवच का परमोग कवर शबकामो हत कयन स ववशष राब परातत होता ह गरत कामघ उददशम क दौयान सवघजन वशीकयण कवच का परबाव दसयो ऩय नहीॊ होता ह सबी कवच कवर सही फात औय उददशम हत कवच कामघ कयत ह गरत कामघ मा उददशम हत नहीॊ

ससदधि दधवनायक कवच शसवि ववनामक कवच को ववशष शामतरोकत ववधध-ववधान स तमाय ककमा जाता ह 1450

Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

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आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

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रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

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फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

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अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

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सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

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एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

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सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

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हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

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भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

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ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

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ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

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सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

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महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

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वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

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जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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Siddhi Vinayak Ganapati Kawach

सजसस धायण कताघ क सबी परकाय क ववघन-फाधाओॊ का नाश हो कय उस अऩन इसचछत कामो भ शीधर सपरता की परासतत हो शरी गणशजी क आशशवाघद स धायण कताघ को सबी शब कामो भ सयरता स शसवि परातत हो सकती ह औय उस सबी परकाय स सि परातत हो जात ह गणशजी की कऩा स धायण कताघ को ववदमा-फवि की परासतत होती ह शामतरो भ बगवान शरी गणश को सभमत शसविमो को दन वारा भाना गमा ह सायी शसविमाॉ गणश भ वास कयती ह बगवान शरी गणश अऩन बकतो क सभमत ववघन फाधाओॊ को दय कयन वार ववनामक ह कवच को शरीगणशजी की कऩा परासतत हत धायण कयना अतमॊत राबपरद भाना गमा ह शसवि ववनामक कवच को बगवान शरी गणश को परसनन कयन क शरए धायण ककमा जाता ह

सकऱ सममान पराकति कवच Sakal Samman Praapti Kawach

सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायणकताघ दवाया ककम गम कामघ भ साभासजक भान-समभान औय ऩद-परनतषठा भ ववि होती ह कछ रोगो को एसा रगता ह की उसक ऩरयजन मा वपरमजन उसका समभान नहीॊ कयत ककतना बी अचछा कामघ कयन ऩय बी उनका भान-समभान नहीॊ कयत मा फाय-फाय उनका भजाक उडात हो उनका अऩभान कयत हो एसी समथती भ सकर समभान परासतत कवच अतमॊत राबदामक शसि होता ह सकर समभान परासतत कवच को धायण कयन स धायण कताघ क सभासजक भान-परनतषठा भ ववि होती ह सजसस धायण कताघ का साभासजक जीवन उचच मतय का हो सकता ह इषट शभतर एवॊ वपरमजनो स बी भान-सभान की परासतत होती ह

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आकषवर वदधि कवच Aakarshan Vruddhi Kawach

आजक बौनतक मग भ हय भनषम चाह वह मतरी हो मा ऩरष पराम सबी क शबतय एक ही सोच यहती ह कक उनकी सॊदयता मौवन औय वमसकततव का आकघ षण सदव फना यह

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रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

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फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

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अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

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सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

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एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

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सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

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हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

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भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

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ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

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ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

910

सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

910

महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

910

वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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रककन आजक बाग-दौड बय मग भ कामघकी वममतता धच ॊता तनाव आदद ववशबनन कायणो स औय उमर क साथ-साथ वमसकत की सॊदयता मौवन औय आकषघण कभ होन रगता ह एसी समथती भ आकषघण कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत की आकषघण शसकत भ ववि होती ह कवच को रार धाग भ धायण कय सजस वमसकत को आकवषघत कयना हो वह कवच क परबाव स आकवषघत हो सकता ह आकषघण कवच दवाया शकर गरह को अनकर ककमा जाता ह कमोकक जमोनतषी गरॊथो भ शकर को ववऩयीत शर ॊग का कायक गरह भाना गमा ह ववऩयीत शर ॊग ववषमो की शबता हत आकषघण कवच भहतवऩणघ बशभका ननबाता सकता ह आकषघण कवच क परबाव स धायण कताघ क वमसकततव भ ववरकषण ननिाय आता ह ववदवानो न आकषघण कवच को दाॊऩतम सि भ ववि क शरए बी ववशष भहतवऩणघ भाना ह मदद गहमथ सि भ ददन-परनतददन नमनता आयही हो ऩनत-ऩतनी का एक दसय क परनत आकषघण कभ हो यहाहो ऐसी समथनत भ इस कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह आकषघण कवच को धायण कयन स वमसकत को वमवसाम नौकयी आदद कामघ तरो भ कामघऩनत घ भ इसचछत सपरता परातत हो सकती ह साभासजक भान-सभान भ ववि होती ह इस कवच को धायण कयन स शायीरयक ही नहीॊ अवऩत आसतभक सॊदयता का बी ववकास होता ह

वशीकरर नाशक कवच Vasikaran Nashak Kawach

कबी-कबी एसा होता ह भनषम अऩनी आवशमकताओॊ की ऩनत घ हत दसयो को अऩन अनकर फनाकय मा उसक उऩय ताॊतरतरक परमोग आदद कयक वशीकयण का दय उऩमोग कयक उनकी धन-समऩसतत हीय-जवाहयात आदद हड़ऩ यह हो मा उस हड़ऩन का परमास कय यह हो मा वमको को ककसी कामघ ववशष हत गरत तयीक स इमतभार कय यह हो उसक परबावो भ पसा वमसकत सही गरत का अॊतय बर कय उसक कह अनशाय कामघ ककम जायहा हो अऩनी फफाघदी की औय अगरमत हो यहा हो उस इस

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फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

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अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

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सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

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एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

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सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

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हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

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भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

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ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

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ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

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सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

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महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

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वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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फात का अनबव हो यहा हो की उसक साथ गरत हो यहा ह कपयबी वह उस ककम जायहाहो ऐसी समथती भ सॊबवत मह वशीकयण का परबाव हो सकता ह सजसक परबाव स वमसकत राि चाहत हव बी उसस दय नहीॊ यह सकता उसक कह अनशाय ही कामघ कताघ यहता हो ऐसी समथती भ वशीकयण नाशक कवच को धायण कयन मा कयवान स दसयो दवाया ककमा गमा वशीकयण आदद का परबाव दय होन रगता ह धायणकताघ वमसकत वशीकयणकताघ क फॊधन स छट जाता ह इस शरए वशीकयण काटन क शरए मह अतमॊत परबावी कवच भाना जाता ह

परीति नाशक कवच Preepi Nashak Kawach

कबी-कबी जीवन भ ऐसा होता ह की वमसकत का ककसी स आवशमकता स अधधक रगाव हो जाता ह चाह वह मतरी हो मा ऩरष ददन-यात ददभाग भ उसकी ही सोच यहती हो उसकी सॊदयता मौवन व उसका वमसकततव दिकय उसक परनत सदव आकघ षण फना यहता हो सजस क कायण अधधक धच ॊता तनाव आदद ववशबनन हो यही हो समथती भ परीनत नाशक कवच अतमॊत राबदामक शसि हो सकता ह जो वमसकत ऩयाई मतरी-ऩरष इतमादद क चककयो भ ऩड़ कय मा उसक परनत अधधक आकवषघत होकय अऩना जीवन नकघ फना यह हो उनक शरए परीनत नाशक कवच को ववधध-ववधान स ऩणघ शरिाऩवघक धायण कयन स शीघर राब होता ह

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अषट ऱकषमी कवच

Asht Lakshmi Kawach

अषट रकषभी कवच को धायण कयन स वमसकत ऩय सदा भाॊ भहा रकषभी की कऩा एवॊ आशीवाघद फना यहता ह सजमस भाॊ रकषभी क अषट रऩ (१)-आदद रकषभी (२)-धानम रकषभी (३)-धयीम रकषभी (४)-गज रकषभी (५)-सॊतान रकषभी (६)-ववजम रकषभी (७)-ववदमा रकषभी औय (८)-धन रकषभी इन सबी रऩो का मवत अशीवाघद परातत होता ह

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सऩवयाऩार वदधि कवच Special Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि

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एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

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सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

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हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

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भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

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ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

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ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

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सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

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महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

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वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह(एक स अधधक वमवसाम हत उततभ)

आककसमक धन पराकति कवच Akashmik Dhan Prapti Kawach

आकसमभक धन परासतत कवच अऩन नाभ क अनशाय ही भनषम को आकसमभक धन परासतत हत परपरद ह इस कवच को धायण कयन स साधक को अपरतमाशशत धन राब परातत होता ह चाह वह धन राब वमवसाम स हो नौकयी स हो धन-सॊऩसतत इतमादद ककसी बी भाधमभ स मह राब परातत हो सकता ह हभाय वषो क अनसॊधान एवॊ अनबवो स हभन आकसमभक धन परासतत कवच को धायण कयन स शमय टरडड ॊग सोन-चाॊदी क वमाऩाय इतमादद सॊफॊधधत तर स जड रोगो को ववशष रऩ स आकसमभक धन राब परातत होत दिा ह आकसमभक धन परासतत कवच स ववशबनन सरोत स धनराब बी शभर सकता ह

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सवकसिक बीसा कवच Swastik Visha Kawach

मवसमतक फीसा कवच को धायण कयन स इषट कऩा स वमसकत क सभमत भनचाही इचछाओॊ की ऩनत घ होती ह शामतरोकत वणघन ह की इस कवच को ववधध-ववधान स ननभाघण कय धायण कयन स धन-धानम उततभ सॊतान आदद की परासतत होती ह कवच क परबाव स कसा बी आशाहीन असहाम ननयाश वमसकत हो उसकी सबी आशा औय आशमऩणघ हो जात ह धायण कताघ क सबी परकाय क भनोयथ शसि होत ह कवच क परबाव स सि सौबागम भ ववि होती ह औय धायण कताघ का सबी परकाय स कलमाण होता ह

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हस बीसा कवच Hans Visha Kawach

हॊस फीसा कवच को ववदमाधमन भ अतमाधधक राबपरद भाना जाता ह कवच को धायण कयन स धायणकताघ की फवि व मभयण शसकत तीवर होती ह सजसस शीघर मभयण की शसकत को फर शभरता ह फायफाय मभयण ककमा हवा बर जान का बम कभ हो जाता ह धायण कताघ का ऻान एवॊ फवि कशागर हो जाती ह कवच क परबाव स धायण कताघ क अतकयण ऩववतर औय ननभघर हो जात ह उसक ववचायो भ सकायातभक उजाघ का सॊचाय होन रगता ह हॊस फीसा कवच को धायण कयन स भाॉ

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

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भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

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ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

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ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

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सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

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महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

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वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

1250

परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

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सयमवती शीघर परसनन होती ह इसशरए ववदमाधथघमो क शरए मह अतमॊत राबपरस कवच ह

सवतन भय तनवारर कवच Swapn Bhay Nivaran Kawach

सजस वमसकत को फाय-फाय अशब मवतन क कायण अधधक बम मा उसकी अशबता की धचॊता सता यही हो उनक शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना अतमॊत राबदामक होता ह मदद ककसी को डयावन अवपरम अशबता सचक मवतन आत हो सजसस वमसकत ननदरा स उठ जाता ह एस द मवतन को योकन क शरए मवतन बम ननवायण कवच धायण कयना राबपरद होता ह मवतन बम ननवायण कवच क परबाव स द मवतन आन का बम दय होता ह

1050

भसमऱाभ कवच Bhumilabh Kawach

बशभ बवन िती स सॊफॊधधत वमवसाम स जड़ रोगो क शरए बशभराब कवच ववशष राबकायी शसि हता ह बशभराब कवच को धायण कयन स धायण कताघ को बशभ बवन िती स सॊफॊधधत कामो भ अधधक राब होन क मोग फनत ह अथवा जो रोग िती वमवसाम मा ननवास मथान हत उततभ बशभ आदद परातत कयना चाहत ह रककन उस कामघ भ कोई ना कोई अड़चन मा फाधा-ववघन आत यहत हो सजस कायण कामघ ऩणघ नहीॊ हो यहा हो तो उनक शरए बी बशभ कवच उततभ परपरद हो सकता ह

910

ऩदौननति कवच Padounnati Kawach

ऩदौनननत कवच नौकयी ऩसा रोगो क शरए ववशष राबपरद ह सजन रोगो को अतमाधधक ऩरयशरभ एवॊ शरषठ कामघ कयन ऩय बी नौकयी भ उनननत अथाघत परभोशन नहीॊ शभर यहा हो उनक शरए मह ववशष राबपरद हो सकता ह

910

ऋर मयकति कवच Rinmukti Kawach

ऋण भसकत कवच कजघ स सॊफॊधधत सभममाओॊ को हर कयन भ ववशष राब दता ह ऋण भसकत कवच को धायण कयन स वमसकत कजघ भसकत स सॊफॊधधत कामो अनत शीधर राब परातत होता ह सजस वमसकत क राि परमतन कयन ऩय बी उसका कजघ ितभ नहीॊ हो यहा हो कजघ फढता ही जा यहा हो उनक शरए मह ववशष रऩ स राबपरद ह

910

सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

910

महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

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वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

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जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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सयदशवन बीसा कवच Sudarshan Visha Kawach

सदशघन फीसा कवच धायणकताघ को सया परदान कयन वारा ह सदशघन फीसा कवच को बगवान ववषण क सदशघन चकर क साभना सवघ परकाय स याकायी ह सदशघन फीसा कवच शसकतशारी कवच ह इसको धायण कयन स शतरओॊ का दभन होता ह जानकायो का अनबव ह की सदशघन फीसा कवच भ सया परदान कयन वारी आशचमघ शसकतमाॊ ननदहत होती ह कवच क परबाव स बगवान शरी कषण का आशीवाघद सयरता स परातत होता ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स धायणकताघ क सबी परकाय क कषट एवॊ अननषट दय होन रगत ह सदशघन फीसा कवच को धायण कयन स वमसकत की फवि औय फर भ ववि होती ह

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महा सयदशवन कवच Mahasudarshan Kawach

भहा सदशघन कवच सदशघन फीसा कवच क सभान परपरदान कयन वारा ह 910

तरतरशऱ बीसा कवच Trishool Visha Kawach

तरतरशर फीसा कवच भखम रऩ स शतर ऩय ववजम परापर कयन एवॊ वाॊनछत कामो भ सपरता परातत कयन हत धायण कयन स ववशष राब की परासतत होती ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स शतर धायणकताघ क अनकर हो सकता ह तरतरशर फीसा कवच क परबाव स स वमसकत का बमॊकय शतर बी उसस डयत ह औय शतरता छोड दता ह तरतरशर फीसा कवच कोटघ-कचयी क कामो भ सपरता परातत कयन एवॊ शतरओॊ ऩय ववजम परातत कयन ववशष परबावी भाना गमा ह

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वयाऩार वदधि कवच Vyapar Vruddhi Kawach

वमाऩाय ववि कवच वमाऩाय भ शीघर उनननत क शरए उततभ ह चाह कोई बी वमाऩाय हो अगय उसभ राब क मथान ऩय फाय-फाय हानन हो यही ह ककसी परकाय स वमाऩाय भ फाय-फाय फाधाएॊ उतऩनन हो यही हो तो सॊऩणघ पराण परनतसषठत भॊतर शसि ऩणघ चतनम मकत वमाऩाय ववि कवच को धायण कयन स शीघर ही वमाऩाय भ ववि एवॊ ननतनतय राब परातत होता ह

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ितर रा कवच Tantra Raksha Kawach

आजका आधननक सभम कदभ-कदभ ऩय परनतमऩधाघ औय चनौनतमो स बया ह एस भ वमसकत मवमॊ क दिो स जमादा दसयो क उनननत धन-सॊऩसतत ऐशवमघ औय सि-

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

1250

परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

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साधनो को दिकय दिी होता ह ऐस भ भनषम क जान अनजान कई शतर उतऩनन हो जात ह जो उमस इषाघ औय दवश यित हो कमोकक आजक इस मग भ दसयो स आग ननकरन की अॊधध दौड भ वमसकत एक-दसय का दशभन फन जाता ह काई फाय वमसकत दशभनी औय वय बाव भ इतना अॊधा हो जाता ह उस सही गर का ऻान नहीॊ होता मा होत हव उस अनदिा कय मन-कन परकायो स दसय का अदहत कयन को ततऩय होता ह वमसकत शतरता क शरए सॊफॊधधत वमसकत क साथ-साथ उसक ऩरयजनो को कषट दना उस ऩय झठ आयोऩ रगाना उसकी धन समऩसतत का नकशान कयना उस ऩय मा उसक ऩरयजनो ऩय ताॊतरतरक ककरमा जस ररणत मा ननॊदनीम कामघ कयक उनह कषट दना आदद सबी सीभाओॊ को ऩाय कय जात ह ऐस शतरओॊ को शाॊत कयन एवॊ उसक दवाया ककम मा कयवाम ताॊतरतरक परमोग आदद क परबावो को नषट कयन हत तॊतर या कवच धायण कयना सवघशरषठ साधन हो सकता ह तॊतर या कवच धायण कयन स वमसकत ऩय शतर दवाया ककमा गए सबी ताॊतरतरक परमोग का परबाव सभातत होन रगता ह तॊतर या कवच को धायण कयन स सबी परकाय की तॊतर फाधाओॊ का शभन होता ह

शतरय दधवजय कवच Shatru Vijay Kawach

शतरववजम कवच को धायण कयन स शतरता का नाश होता ह ऻात-अऻात शतर बम दय होत ह कोटघ-कचहयी आदद क भकदभो भ ववजमशरी की होती ह कवच क परबाव स रोय शतरता यिन वार शतर बी ऩयासजत हो जात ह शतर ववजम कवच कवच को धायण कयन स शतर स सॊफॊधधत सभमत ऩयशाननओ स मवत ही छटकाया शभर जाता ह कवच क परबाव स शतर धायण कताघ वमसकत का चाहकय कछ नही तरफगाड़ सकत

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सवव रोग तनवारर कवच Sarv Rog Nivaran Kawach

सवघ योगनाशक कवच भनषम अऩन जीवन क ववशबनन सभम ऩय ककसी ना ककसी साधम मा असाधम योग स गरमत होता ह उधचत उऩचाय स जमादातय साधम योगो स तो भसकत शभर जाती ह रककन कबी-कबी साधम योग होकय बी असाधम होजात ह मा कोइ असाधम योग

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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स गरशसत होजात ह हजायो रािो रऩम िचघ कयन ऩय बी अधधक राब परातत नहीॊ हो ऩाता डॉकटय दवाया ददजान वारी दवाईमा अलऩ सभम क शरम कायगय सातरफत होती ह एसी समथती भ राब परासतत क शरम वमसकत एक डॉकटय स दसय डॉकटय क चककय रगान को फाधम हो जाता ह बायतीम ऋषीमोन अऩन मोग साधना क परताऩ स योग शाॊनत हत ववशबनन आमवय औषधो क अनतरयकत मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर का उलरि अऩन गरॊथो भ कय भानव जीवन को राब परदान कयन का साथघक परमास हजायो वषघ ऩवघ ककमा था फविजीवो क भत स जो वमसकत जीवनबय अऩनी ददनचमाघ ऩय ननमभ सॊमभ यि कय आहाय गरहण कयता ह एस वमसकत को ववशबनन योग स गरशसत होन की सॊबावना कभ होती ह रककन आज क फदरत मग भ एस वमसकत बी बमॊकय योग स गरमत होत ददि जात ह कमोकक सभगर सॊसाय कार क अधीन ह एवॊ भतम ननसशचत ह सजस ववधाता क अरावा औय कोई टार नहीॊ सकता रककन योग होन कक समथती भ वमसकत योग दय कयन का परमास तो अवशम कय सकता ह इस शरम मॊतर भॊतर एवॊ तॊतर क कशर जानकाय स मोगम भागघदशघन रकय वमसकत योगो स भसकत ऩान का मा उसक परबावो को कभ कयन का परमास बी अवशम कय सकता ह जमोनतष ववदमा क कशर जानकय बी कार ऩरषकी गणना कय अनक योगो क अनको यहमम को उजागय कय सकत ह जमोनतष शामतर क भाधमभ स योग क भरको ऩकडन भ सहमोग शभरता ह जहा आधननक धचककतसा शामतर अभ होजाता ह वहा जमोनतष शामतर दवाया योग क भर (जड़) को ऩकड कय उसका ननदान कयना राबदामक एवॊ उऩामोगी शसि होता ह हय वमसकत भ रार यॊगकी कोशशकाए ऩाइ जाती ह सजसका ननमभीत ववकास करभ फि तयीक स होता यहता ह जफ इन कोशशकाओ क करभ भ ऩरयवतघन होता ह मा वविॊडडन होता ह तफ वमसकत क शयीय भ मवामम सॊफॊधी ववकायो उतऩनन होत ह

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

550

शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

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साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

Page 25: Mantra Siddha Kavach - Yolagk.yolasite.com/resources/GURUTVA KARYALAY Mantra Siddha...Mantra Siddha Kavach Our Mantra Siddha Kawach prepared in Auspicious Muhurat (Shubh Mahurat) and

एवॊ इन कोशशकाओ का सॊफॊध नव गरहो क साथ होता ह सजमस योगो क होन क कायण वमसकत क जनभाॊग स दशा-भहादशा एवॊ गरहो कक गोचय समथती स परातत होता ह सवघ योग ननवायण कवच एवॊ भहाभतमॊजम मॊतर क भाधमभ स वमसकत क जनभाॊग भ समथत कभजोय एवॊ ऩीडडत गरहो क अशब परबाव को कभ कयन का कामघ सयरता ऩवघक ककमा जासकता ह जस हय वमसकत को बरहभाॊड कक उजाघ एवॊ ऩ वी का गरतवाकषघण फर परबावीत कताघ ह दठक उसी परकाय कवच एवॊ मॊतर क भाधमभ स बरहभाॊड कक उजाघ क सकायातभक परबाव स वमसकत को सकायातभक उजाघ परातत होती ह सजमस योग क परबाव को कभ कय योग भकत कयन हत सहामता शभरती ह योग ननवायण हत भहाभतमॊजम भॊतर एवॊ मॊतर का फडा भहतव ह सजमस दहनद सॊमकनत का पराम हय वमसकत भहाभतमॊजम भॊतर स ऩरयधचत ह कवच क राब bull एसा शामतरोकत वचन ह सजस रय भ भहाभतमॊजम मॊतर मथावऩत होता ह वहा ननवास कताघ हो नाना परकाय कक आधध-वमाधध-उऩाधध स या होती ह bull ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच ककसी बी उमर एवॊ जानत धभघ क रोग चाह मतरी हो मा ऩरष धायण कय सकत ह bull जनभाॊगभ अनक परकायक ियाफ मोगो औय ियाफ गरहो कक परनतकरता स योग उतऩनन होत ह bull कछ योग सॊकरभण स होत ह एवॊ कछ योग िान-ऩान कक अननमशभतता औय अशितास उतऩनन होत ह कवच एवॊ मॊतर दवाया एस अनक परकाय क ियाफ मोगो को नषट कय मवामम राब औय शायीरयक यण परातत कयन हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर सवघ उऩमोगी होता ह bull आज क बौनतकता वादी आधननक मगभ अनक एस योग होत ह सजसका उऩचाय

ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

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जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

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गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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ओऩयशन औय दवास बी कदठन हो जाता ह कछ योग एस होत ह सजस फतान भ रोग दहचककचात ह शयभ अनबव कयत ह एस योगो को योकन हत एवॊ उसक उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर राबादानम शसि होता ह bull परतमक वमसकत कक जस-जस आम फढती ह वस-वस उसक शयीय कक ऊजाघ कभ होती जाती ह सजसक साथ अनक परकाय क ववकाय ऩदा होन रगत ह एसी समथती भ उऩचाय हत सवघयोगनाशक कवच एवॊ मॊतर परपरद होता ह bull सजस रय भ वऩता-ऩतर भाता-ऩतर भाता-ऩतरी मा दो बाई एक दह नतरभ जनभ रत ह तफ उसकी भाता क शरम अधधक कषटदामक समथती होती ह उऩचाय हत भहाभतमॊजम मॊतर परपरद होता ह bull सजस वमसकत का जनभ ऩरयधध मोगभ होता ह उनह होन वार भतम तलम कषट एवॊ होन वार योग धच ॊता भ उऩचाय हत सवघ योगनाशक कवच एवॊ मॊतर शब परपरद होता ह नोट- ऩणघ पराण परनतसषठत एवॊ ऩणघ चतनम मकत सवघ योग ननवायण कवच एवॊ मॊतर क फाय भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

रोजगार पराकति कवच Rojagar Prapti Kawach

जो वमसकत फयोजगाय ह वमवसाम औय नौकयी परासतत क शरए उसक दवाया ककम गम सबी परमास ववपर हो यह हो वह जहाॉ जाता ह वहाॉ स उस असपरता एवॊ ननयाशा ही परातत हो यही हो तो उसक शरए योजगाय परासतत कवच ववशष रऩ स राबपरद हो सकता ह योजगाय परासतत को धायण कयन स वमसकत को अऩन परमासो क आधाय ऩय कहीॊ नाहीॊ ककसी ना ककसी रऩ स योजगाय की परासतत क अवसय परातत होन की परफर सॊबावनाएॊ फनन रगती ह

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सरसविी कवच Saraswati Kawach

ववदमा परासतत हत सयमवती कवच आज क आधननक मग भ शशा परासतत जीवन की भहतवऩणघ आवशमकताओॊ भ स एक ह दहनद धभघ भ ववदमा की अधधषठातरी दवी सयमवती को भाना जाता ह इस

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

1900

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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शरए दवी सयमवती की ऩजा-अचघना स कऩा परातत कयन स फवि कशागर एवॊ तीवर होती ह आज क सववकशसत सभाज भ चायो ओय फदरत ऩरयवश एवॊ आधननकता की दौड भ नम-नम िोज एवॊ सॊशोधन क आधायो ऩय फचचो क फौधधक मतय ऩय अचछ ववकास हत ववशबनन ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघएॊ होती यहती ह सजस भ फचच का फविभान होना अनत आवशमक हो जाता ह अनमथा फचचा ऩयीा परनतमोधगता एवॊ परनतमऩधाघ भ ऩीछड जाता ह सजसस आजक ऩढशरि आधननक फवि स ससॊऩनन रोग फचच को भिघ अथवा फविहीन मा अलऩफवि सभझत ह एस फचचो को हीन बावना स दिन रोगो को हभन दिा ह आऩन बी कई सकडो फाय अवशम दिा होगा ऐस फचचो की फवि को कशागर एवॊ तीवर हो फचचो की फौविक भता औय मभयण शसकत का ववकास हो इस शरए सयमवती कवच अतमॊत राबदामक हो सकता ह सयमवती कवच को दवी सयमवती क ऩयॊभ दरघब तजमवी भॊतरो दवाया ऩणघ भॊतरशसि औय ऩणघ चतनममकत ककमा जाता ह सजमस जो फचच भॊतर जऩ अथवा ऩजा-अचघना नहीॊ कय सकत वह ववशष राब परातत कय सक औय जो फचच ऩजा-अचघना कयत ह उनह दवी सयमवती की कऩा शीघर परातत हो इस शरम सयमवती कवच अतमॊत राबदामक होता ह सयमवती कवच औय मॊतर क ववषम भ अधधक जानकायी हत सॊऩकघ कय

काऱसऩव शाति कवच Kaalsarp Shanti Kawach

कारसऩघ मोग कमा ह कार का भतरफ ह भतम जानकायो क भतानशाय सजस वमसकत का जनभ कारसऩघ मोग भ हवा हो वह वमसकत जीवन बय भतम क सभान कषट बोगन वारा होता ह वमसकत जीवन बय कोइ ना कोइ सभममा स गरमत होकय अशाॊत धचत होता ह कारसऩघ मोग भतरफ कमा

2800

जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

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गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

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साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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जफ जनभ कॊ डरी भ साय गरह याह औय कत क फीच समथत यहत ह तो उसस जमोनतष ववदमा क जानकाय उस कारसऩघ मोग कहत ह मदद याह औय कत क फीच स एक गरह फाहय ननकर जाम तो उस आॊशशक कारसऩघ मोग कहत ह कारसऩघ मोग ककस परकाय फनता ह औय कमो फनता ह जफ 7 गरह याह औय कत क भधम भ समथत हो मह असचछ समथनत नदह ह याह औय कत क भधम भ फाकी सफ गरह आजान स याह कत उनक परबावो को ऩकडक यित ह तो कारसऩघ मोग फनता ह कमोकक जमोनतष भ याह को सऩघ(साऩ) का भह(भि) एवॊ कत को ऩॊछ कहा जाता ह कारसऩघ मोग कमा होता ह जस ककसी वमसकत को साऩ काट र तो वह वमसकत शाॊनत स नही फठ सकता वस ही कारसऩघ मोग स ऩीडड़त वमसकत जीवन ऩमघनत शायीरयक भानशसक आधथघक ऩयशानी का साभना कयना ऩडता ह वववाह ववरमफ स होता ह एवॊ वववाह क ऩशचमात सॊतान स सॊफॊधी कषट जस उस सॊतान होती ही नहीॊ मा होती ह तो योग गरमत होती ह उसकी योजी-योटी का जगाड़ बी फड़ी भसशकर स हो ऩाता ह अगय जगाड़ होजाम तो रमफ सभम तक दटकती नही ह फाय-फाय वमवसाम मा नौकयी भ फदराव आत यहत ह धनाढम रय भ ऩदा होन क फावजद ककसी न ककसी वजह स उस अपरतमाशशत रऩ स आधथघक नत होती यहती ह तयह तयह की ऩयशानी स नरय यहत ह एक सभममा ितभ होत ही दसयी ऩाव ऩसाय िडी होजाती ह मोग स वमसकत को चन नही शभरता उसक कामघ फनत ही नही औय फन जाम बी तो आध भ रक जात ह 99 हो चका कमघ बी आियी ऩरो भ अकमभात ही रक जात ह सजन रोगो को उकत मोग क कायण ऩयशानी हो यही हो ववशबनन ऩजा-ऩाठ इतमादद कयवान क उऩयाॊत बी ववशष राब की परासतत नहीॊ हो यही हो ऐसी समथती भ कारसऩघ शाॊनत कवच अतमॊत राबपरद शसि होता ह कारसऩघ शाॊनत कवच को धायण

कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

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गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

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साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

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कय क कारसऩघ मोग क कपरबावो को कभ ककमा जा सकता ह सजन रोगो को रगता हो की उनक कामघ ववशष भ कारसऩघ मोग क कायण ववघन फाधाम एवॊ ववरॊफ हो यहा ह तो वह कारसऩघ मोग शाॊनत कवच को धायण कय सकत ह कारसऩघ शाॊनत कवच का ननभाघण ववशष रऩ स ववधध-ववधान स गरहो क कपरबावो को शाॊत कयन क शरए ककमा जाता ह सजसस गरहो दवाया परातत होन वार अशब परबाव कभ हो सक औय धायण कताघ क जीवन स ववशबनन द ि सॊकट एवॊ ऩयशाननमाॊ कभ हो कय उस जीवन भ सि-सभवि की परासतत हो उसका जीवन सिभम वमतीत हो सकता ह काऱसऩव योग सबचधि दधवशष मि आधननक जमोनतषीम सॊशोधन क आधाय ऩय कछ जमोनतष क जानकायो न कारसऩघ मोग क परबाव को मवीकाय ककमा ह सजस भ कछ जमोनतषी ऩणघ कारसऩघ को ही भानत ह वह रोग अधघ कारसऩघ मोग को नहीॊ भानत रककन कछ जमोनतषीमो न अऩन अनबव एवॊ अनशॊधान स अधघ कारसऩघ मोग क परबावो को भाना ह रककन कछ जमोनतषी आजतक कारसऩघ मोग क परबावो को नहीॊ भानत ह कछ अऻानन रोग कारसऩघ मोग को कारसऩघ दोष कहत ह रककन मह कोइ दोष नहीॊ एक जमोनतषी मोग ह इस शरए मदद कारसऩघ मोग कॊ डरी भ हो तो इसस रफयाम मा ड़य फीना उसका उऩाम कयना फवि भता ह

शतन साड़सािी और ढ़या कषट तनवारर कवच Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach

शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को शीघर परबावशारी फनान हत शननदव क ववशशषट भॊतरो दवाया भॊतर शसि ककमा जाता ह सजसस परबाव स धायण कताघ को ततकार राब परातत होता ह मदद जमोनतषीम गणनाओॊ क अनशाय शनन की ढ

ामा मा साढसाती का चर यही हो ऐसी समथती भ वमसकत को अनक कामो भ

असपरता परातत होती ह कबी वमवसाम भ रटा नौकयी भ ऩयशानी वाहन दरघटना

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गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

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साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

1250

परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

550

ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

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Heart Shap Kawach in Gold Heart Shap Kawach in Silver Capsule Shape Kawach in Silver

Page 30: Mantra Siddha Kavach - Yolagk.yolasite.com/resources/GURUTVA KARYALAY Mantra Siddha...Mantra Siddha Kavach Our Mantra Siddha Kawach prepared in Auspicious Muhurat (Shubh Mahurat) and

गह करश आदद ऩयशानीमाॊ फढती जाती ह ऐसी अवमथा भ शनन को शाॊत कयन औय उसकी कऩा परातत कयन क शरए शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अतमॊत राबपरद होता ह शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच को धायण कयन स साड़साती औय ढमा क दौयान वमसकत को परातत होन वारा भतम बम कजघ कोटघकश जोडो का ददघ फात योग तथा रमफ सभम क सबी परकाय क योग स ऩयशान वमसकत क शरम शनन साड़साती औय ढमा कषट ननवायण कवच अधधक राबकायी हो सकता ह

शरादधऩि योग तनवारर कवच Sharapit Yog Nivaran Kawach

बायतीम जमोनतष शामतर भ शब औय अशब दोनो परकाय क मोगो का वणघन शभरता ह इन मोगो भ एक मोग शरावऩत मोग ह इस शावऩत दोष बी कहा जाता ह इस मोग क सॊफॊध भ कहाॊ जाता ह की सजस वमसकत की कणडरी भ शरावऩत मोग होता ह उनकी कणडरी भ भौजद अनम शब मोगो का परबाव कभ हो जाता ह सजसस वमसकत को जीवन भ ववशबनन कदठनाईमो एवॊ चनौनतमो का साभना कयना ऩड़ता ह कछ जानकाय कणडरी भ भौजद शरावऩत मोग का कायण बी ऩवघ जनभ क कभो का पर भानत ह कछ जमोनतषी का भानना ह की शरावऩत मोग अतमॊत अशब परदामी ह शरावऩत मोग का पर वमसकत को अऩन कभो क अनसाय बोगना ऩड़ता ह कस जान जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग ह मा नहीॊ बायतीम जमोनतषशामतर भ समघ भॊगर शनन याह औय कत को अशब गरहो भाना गमा ह इन अशब गरहो भ जफ शानन औय याह की एक याशश भ भौजद हो तो शरावऩत मोग का ननभाघण होता ह शनन औय याह दोनो ही गरह अशब पर दत ह इसशरए इन दोनो गरहो क सॊमोग स फनन वार मोग को शावऩत मोग मा शरावऩत मोग कहा जाता ह कछ जमोनतष क जानकाय मह भानत ह कक शनन की याह ऩय दसषट होन स बी इस मोग का ननभाघण होता ह

1900

साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

1450

फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

1450

गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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साधायण बाषा भ सभझ तो शाऩ का अथघ शब परो नाश होना भाना जाता ह उसी परकाय शावऩत मोग का अथघ ह शब मोगो को नाश कयन वारा मोग सजस ककसी की कणडरी भ मह मोग का ननभाघण होता ह उस इसी परकाय का पर शभरता ह अथाघत उनकी कणडरी भ सजतन बी शब मोग होत ह व इस मोग क कायण परबावहीन हो जात ह आभतौय ऩय ऐसा भाना जाता ह की शावऩत मोग स ऩीडड़त वमसकत को अऩन कामो भ ववशबनन परकाय की कदठन चनौनतमो एवॊ भसशकरो का साभना कयना होता ह रककन कछ जमोनतषी इसस सहभत नहीॊ ह उनका भानना ह की शावऩत मोग स सॊफॊधधत मह धायण ऩयी तयह गरत ह सजस वमसकत की कणडरी भ शावऩत मोग फनता ह उन वमसकत की कणडरी भ अनम मोगो की अऩा शावऩत मोग अधधक परबावशारी होकय वमसकत को शब पर दता ह सजस परकाय जमोनतषशामतर क अनशाय जफ दो शभतर गरहो की मनत ककसी याशश भ फनती ह तो उनका अशब परबाव सभातत हो जाता ह औय दोनो शभतरगरह शभरकय वमसकत को शब पर दत ह उसी परकाय स वह शनन एवॊ याह क मोग स ननशभघत होन वार शावऩत मोग को अशब नहीॊ भानत ह रककन मह एक वचारयक भतबद का भददा ह मदद आऩकी जनभ कॊ डरी भ शरावऩत मोग का ननभाघण हो यहा हो औय आऩको इसस सॊफॊधधत कषट परातत हो यह हो तो आऩ शरावऩत मोग ननवायण कवच को धायण कयक धायण कताघ को ववशष राब परातत कय अऩनी ऩयशाननमो को दय कय सकत ह इस कवच क परबाव स शरावऩत मोग क परबावो भ नमनता आती ह

चडाऱ योग तनवारर कवच Chandal Yog Kawach

चॊडार मोग अथाघत चाणडार का ननभाघण गर औय याह की मनत स फनता ह जमोनतषी गरॊथो भ चाॊडार मोग को अशब गरह मोग क रऩ भ भाना जाता ह जमोनतषी गरॊथो भ एवॊ ववदवानो न अऩन अनबवो स चॊडार मोग क पर इस परकाय

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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फताएॊ ह इस मोग भ उतऩनन जातक बागमहीनता भॊदफविता असॊतोष एवॊ उसक कषटो भ ववि होती ह इस मोग क कायण जातक जफ बी ककसी भहतवऩणघ कामघ को सॊऩनन कयन की कोशशश कयता ह तो अचानक उसक कामो भ ववघन आन रगत ह सजस कायण वमसकत उस कामघ को सही तयीक स सॊऩनन कय नहीॊ ऩाता ह ककसी ववशष ऩरयसमथनतमो भ मह मोग वमसकत की फवि को फय कभघ एवॊ अऩयाध की औय र जाता ह सजस कायण वमसकत की सभाज भ फदनाभी होती ह औय उस अऩभान स समभरिन होना ऩड़ता ह इस मोग भ उतऩनन जातक को कई फाय एस कामघ कयन ऩड़त ह जो वह कयना नहीॊ चाहता ह इस कायण उसकी सजॊदगी भ बी कई फाय वह गरत पसर रता ह सजसका उस नकसान बी झरना ऩड़ सकता ह चॊडार मोग क परबाव स वमसकत को जीवन भ परातत होन वार परगनत क ववशबनन अवसय नषट हो जात ह औय वमसकत का बागम अधधक उजजवर नहीॊ हो ऩाता ह वमसकत की सॊगती अचछी नहीॊ होती वह मदद फय रोगो की सॊगत भ अधधक सभम तक यहता ह तो उस ववशबनन परकाय की फयी आदत मा रत रग सकती ह इस शरए मदद कॊ डरी भ चॊडार मोग फन यहा ह तो वमसकत को फय रोगो की सॊगत स दय यहना चादहए मदद फयी सॊगत ह तो उस अऩनी सॊगत सधाय रनी चादहए कछ ववदवानो न चॊडार मोग का परबाव कारसऩघ मोग की तरना भ जमादा अधधक हाननकायक फतामा ह चणडारमोग क कायण वमसकत क जीवन भ उताय-चढाव का फया दौय आता-जाता यहता ह वमसकत को ककसी कायण स जर की मातरा बी फाय-फाय कयनी ऩड़ सकती ह इस मोग स वमसकत का दामऩतम जीवन बी अतमाधधक परबाववत होता ह वमसकत क एकाधधक परभ परसॊग मा तराक क मोग बी चणडार मोग क कायण फनत ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय उसस सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको अधधक ऩयशान कय यही हो चॊडार मोग ननवायण क उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो

मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

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जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

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शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ चॊडार मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी चॊडार मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

गरहर योग तनवारर कवच Grahan Yog Nivaran Kawach

जमोनतषी गरॊथो भ गरहण मोग को अशब मोग की शरणी भ धगना जाता ह गरहण मोग को अशब मोगो भ अतमाधधक कषटदामक औय हाननकायक भाना गमा ह कछ जमोनतष ववदवानो क भतानशाय गरहण मोग कारसऩघ मोग स बी अधधक कषटपरद औय अशब परदामी ह कमोकक कारसऩघ मोग स वमसकत क जीवन भ उताय चढाव दोनो आत ह ऩयॊत गरहण मोग एक ऐसा मोग ह सजसभ सफ कछ फया ही होता ह इस मोग स परबाववत वमसकत जीवन भ हभशा ननयाश औय हताश यहता ह गरहर योग का परभाव सजस परकाय समघ को गरहण रगन ऩय अॊधकाय पर जाता ह औय चनदरभा को गरहण रगन ऩय उसकी चाॊदनी िो जाती ह ठीक उसी परकाय वमसकत क जीवन भ फनत हए कामघ अचानक रक जाता हो तो आऩ इस गरहण मोग का परबाव सभझ सकत ह गरहण मोग स ऩीडड़त वमसकत न अऩनी जीवन भ अनको फाय अनबव ककमा होगा कक उनका कोई भहतवऩणघ कामघ जो सबी दरसषट स ऩणघ हो चका ह मा सॊऩनन होन ही वारा ह रककन वह कामघ क ऩणघ होन स ऩहर फीच भ कोई ना कोई ववघन-फाधा आत यहत ह सजस कायण उस वमसकत का फनन वारा कामघ फनत-फनत आध भ ही रक जात ह इसशरए इस मोग को जमोनतष शामतर भ एक अशब मोग भाना जाता ह गरहर योग तनमावर

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

Magalik Yog Nivaran Kawach Kuja Yoga Nivaran Kawach

जनभ रगन स परथभ दववतीम चतथघ सततभ अषटभ मा दवादश मथान भ भॊगर समथत होन ऩय भॊगर दोष मा कज दोष अथाघत भाॊगशरक मोग का ननभाघण होता ह कछ आचामो क अनसाय रगन क अनतरयकत भॊगरी दोष चनदर रगन शकर मा सततभश स इनहीॊ मथानो भ भॊगर समथत होन ऩय बी होता हशामतरोकत भानमता क अनशाय भॊगरी मोग ववादहक जीवन को ववशबनन परकाय स परबाववत कयता ह वववाह भ ववघन ववरमफ वमवधान मा धोिा वववाहोऩयानत दमऩनत भ स ककसी एक अथवा दोनाको शायीरयक भानशसक अथवा आधथघक कषट ऩायमऩरयक भन-भटाव वाद-वववाद तथा वववाह-

ववचछद अगय दोष अतमधधक परफर हआ तो दोना अथवा ककसी एक की भतम का बम यहता ह कॊ डरी भ मदद भॊगरी मोग हो तो उमस बमबीत मा आतॊककत नहीॊ होना चादहम

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परमास मह कयना चादहम कक भॊगरी जातक का वववाह भॊगरी जातक स ही हो मदद भाॊगशरक मोग क कायण वववाह भ ववरॊफ हो यहा हो तो भाॊगशरक मोग ननवायण कवच को धायण कयन स वववाह सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण होता ह

ससि सयव कवच Siddha Surya Kawach

शसि समघ कवच को धायण कयन स समघ गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह समघ क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

ससि चदर कवच Siddha Chandra Kawach

शसि चॊदर कवच को धायण कयन स चॊदर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह चॊदर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि मगऱ कवच Siddha Mangal Kawach

शसि भॊगर कवच को धायण कयन स भॊगर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह भॊगर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह (शसि भॊगर कवच औय भाॊगशरक मोग ननवायण कवच दोनो क कामघ अरग-अरग ह)

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ससि बयध कवच Siddha Bhudha Kawach

शसि फध कवच को धायण कयन स फध गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह फध क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि गयर कवच Siddha Guru Kawach

शसि गर कवच (फहमऩनत) को धायण कयन स गर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह गर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शयकर कवच Siddha Shukra Kawach

शसि शकर कवच को धायण कयन स शकर गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शकर क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि शतन कवच Siddha Shani Kawach

शसि शनन कवच को धायण कयन स शनन गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह शनन क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि राहय कवच Siddha Rashu Kawach

शसि याह कवच को धायण कयन स याह गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह याह क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

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ससि किय कवच Siddha Ketu Kawach

शसि कत कवच को धायण कयन स कत गरह स सॊफॊधधत फाधाएॊ शाॊत होती ह कत क अशब परबाव दय हो कय शब परबावो भ ववि होती ह

550

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गरहण मोग तफ फनता ह जफकक कणडरी क फायह याशशमो भ स ककसी बी याशश भ समघ अथवा चनदरभा क साथ याह मा कत की मनत हो तो गरहण मोग फनता ह अथवा मा कपय समघ मा चनदरभा क रय भ याह-कत भ स कोई एक गरह समथत हो तो बी गरहण मोग का ननभाघण होता ह जमोनतष क जानकायो का कथन ह की गरहण मोग सजस बाव भ रगता ह उस बाव स समफसनधत ववषम भ मह अशब परबाव डारता ह मदद आऩ इस मोग स गरशसत हो औय गरहणमोग स सॊफॊधधत सभममाएॊ आऩको ऩयशान कय यही हो गरहण मोग ननवायण हत अनम उऩामो को कयन भ आऩ असभथघ हो मा आऩक ऩास ववधध-ववधान स ऩजा-ऩाठ इतमादद कयन का सभम नहीॊ हो तो आऩक शरऐ गरहण मोग ननवायण कवच राबकायी हो सकता ह इस कवच को धायण कयन स गरहो का कपरबाव शाॊत होन रगता ह औय आऩकी गरहण मोग स सॊफॊधधत सभममाओॊ का ननवायण हो जाता ह कमोकक इस कवच का ननभाघण भखम रऩ स गरहो क अशब परबावो को कभ कयन औय शब परबावो भ ववि क उददशम स ककमा जाता ह इसशरए आऩ इसस ववशष राब की परासतत कय सकत ह

मागसऱक योग तनवारर कवच कय जा योग तनवारर कवच

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