À मुझे सभी लोग अच्छे...

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केट सीरियस औि डांस फन है एंटिटेनंग किदाि ही चुनता हूLIVING LEGEND ANUPAM KHER Áउमेश कुमार उपाधा शनिवार À1 अगस, 2015 2 Did you NOW Birthday अगस अगस अगस अगस काजोल ए/61-62, वर, चौथ गुलमोहर स रोड, जेवीपीडी सीम, जुहू, मुंबई- 49 02 04 04 05 नवधु नविोद चोपड़ा वनोद चोपड़ विलस, आर.एच. - 2, ए-ववंग, पलट नं. 16/ सी, दय रोड, (प.) मुंबई- 54 अरबाज़ ख़ाि 3, गैलेकसी अपटमटस, बी.जे. रोड, बड सटड, बं (प.), मुंबई- 50 नवशाल भाराज 13/602, हड पलेकस, ओविवर, अंधेरी (प.), मुंबई- 53 जेिेनलया निसूजा 601, पूर वबललडग, पोचखनवल रोड, वरली, मुंबई- 25 05 अगस शनिवार À1 अगस, 2015 3 CHIT-CHAT PULKIT जब मेरा ामा सकल म सिलेकशन हो गा था। उि िम मां के मंसिर िे 100 पए चुराकर सशमला िे चंडीगढ़ चला गा था। मने 31 व म 491 सिलम की है। अब पलटकर ह आंकड़ा िेखता हं तो ऐिा लगता है सक ‘कुछ भी हो िकता है’। दन काज उर जॉन वॉकर मुंबई म अपने शुआत ददन म यहां के उपनगर मादहम क एक झुगग-झोपड़ इलाके म रहा करते थे। जब इलाके म होने वाले दकस नाटक- नौटंक का पता चलता तो उसम बेसाखतग से दशरकत कर लेते थे। चाहे डांस हो या कोई रन एकट हो, वे कुछ न कुछ अपना टच दलए ऐसा मजेदार सन दएट करते दक सभ उनके कायल हो जाते। वह पर एक जूदनयर आदटसट एस.एम. असगर भ रहा करते थे। दरलम म छोटे-मोटे रोल करने वाले असगर क गुद तक अचछ अोच थ। उनहने जॉन को जब एक शराब क हरकत करते देखा तो उसे यकन मान बैठे, लेदकन जब जॉन यकायक होश-ओ-हवास क बात करने लगे तो असगर भचक रह गए। जॉन को उनक कादबदलयत का अहसास कराते हुए एक रोज असगर ने पलान दकया दक उनह शराब बनाकर गुद के दफतर म दादखल करवा देते ह। योजना के मुतादबक जॉन गुद के ऑदरस म दादखल हुए तो एक शराब को अपने म म घुसा देखकर वे बुर तरह परेशान हो गए। जॉन के उस एकट से भादवत होकर गुद ने सबसे पहले उनह अपने दनदशन क पहल दरलम ‘बाज’ म एक छोटा रोल ददया। वॉक ऑफ जॉनी वाकि {यूनुस ख़ान सर पंचमी ज का जमाना बहुत शोर भरा है। इसम बहुत ह सुकून भर बयार बन जाते ह कुछ गाने। जैसे अचानक इस शोर म सुनाई दे जाता है लता ज का गाया गत- ‘तुमह देखत हूं तो लगता है ऐसे दक जैसे युग से तुमह जानत हूं’ या दरर ‘ये ददल और उनक दनगाह के साए...’। इेराक क बात है दक मने दजन दोन गान का दज दकया है, वे संगताकार जयदेव के ह और मश: ‘तुमहारे दलए’ और ‘ेम पवत’ दरलम के ह। संगतकार जयदेव, दजनके संगत-जगत म साज बहुत दकरायत से बरते गए ह। यहां दसतार, संतूर, बांसुर और डफ़ क गूंज सुनाई पड़त है। उनके संगत के बच लता ज क आवाज भ एकदम अलग ‘साउंड’ करत जान पड़त है। बरस तक सदचन देव बमन के सहायक रहे जयदेव उनसे अलहदा खड़े नजर आते ह। जयदेव दकस जमाने म उसताद अल अकबर खां के दशषय थे। उनह के जररए उनका मुंबई आना हुआ था। आज म जयदेव के कुछ ऐसे गान क बात करगा, जो जयादा सुनाई नह दए। अमोल पालेकर क बतौर दनदशक दूसर ह दरलम थ- ‘अनकह’। संगतकाजयदेव ने इसम दो भजन पंदडत भमसेन जोश से गवाए थे। ‘रघुबर तुमको मेर आस...’ और ‘ठुमक ठुमक पग दुमक दुमक...’। ये ऐसे भजन ह, जो अपने साथ आपको बहा ले जाते ह। जयदेव को इस दरलम के दलए सवेषठ संगतकार का राषय पुरसकार भ हादसल हुआ। और ये जयदेव का अकेला राषय पुरसकार नह। उनक झोल म तन राषय पुरसकार आए। बाक दो पुरसकार ‘गमन’ और ‘रेशमा और शेरा’ के दलए दमले थे। जयदेव का एक अत गत है, ‘दजंदग दसगरेट का धुंआ, ये धुंआ जाता है कहां’। इसे कैर आज़म ने दलखा और भूदपंदर ने गाया, दरलम थ ‘रासला’। भूप तो जयदेव के संगत म ‘घरदा’ म ‘एक अकेला इस शहर म...’ गाते हुए भ सुनाई पड़ते ह। यह भूदपंदर स 1977 म आई दरलम ‘आंदोलन’ के दलए गाते ह- ‘दरो दवार पे हसरत से नज़र करते ह/ खुश रहो अहल-ए-वतन हम तो सफ़र करते ह’। रामसाद दबससमल क यह रचना सुन और रोमांच से भर न जाएं, ऐसा हो नह सकता। स 1973 म जयदेव को एक बड़ दजममेदार द गई थ। डॉ. हररवंश राय बन क ‘मधुशाला’ क कुछ रबाईय को सवरब करने क बड़ दजममेदार। इनह गाया मा डे ने। जयदेव ने दजस मनोयोग और कुशलता से इसक धुन बनाई है, वह सचमुच अनमोल है। वे जयदेव ह थे, दजनके संगत-दनदशन म आशा भोसले ने गाया- ‘कैसे उनको पाऊ आल...’ और ‘तुम गाओ म सो जाऊ...’ और जयशंकर साद क रचना भ आशा ज ने गाय- ‘तुमुल कोलाहल कलह म म दय क बात रे मन...’। ऐसे कोलाहल म जो सुकून दे जाएं, उन जयदेव क जय जय। Ã लेखक सवसवध भारती म कारत ह। ठुमक ठुमक पग दुमक दुमक... मुझे सभी लोग अच ममले... शो ‘द अनुपम खेि शो- कुछ भी हो सकता है’ का दूसिा सीजन आ िहा है। इस सीजन के 13 एपसोड म कुल 16 सेलटी शामल हगे। शो के नमाता औि होसट बने अनुपम खेि से इसी शो के मोशनल इवट म मलना हुआ तो उनहाेंने यह बताया: पिछलेसीजनसेआिपितनेसंतुषथे? Â दशक क बहुत अचछ दतदयाएं दमल थ। लोग को बहुत पसंद आया। उनह ेरणा दमल। उनका मनोरंजन हुआ। जब ऑदडयंस को अचछा लगा, तब म भ संतुषट हूं। आदखर उनक संतुसषट ह हमार संतुसषट है। इससीजनमनयाकयाहोनेवालाहै? Â रॉमट तो वह है, पर कहादनयां नई ह, लोग नए हगे। उनक परेशादनयां, सर और सरलता को अलग तरह से ददखाया जाएगा। इस बार सेट क जगह लाइेर म बैठकर बात क जाएंग। कार अलग और रोचक ददखाने क कोदशश क है, दजससे दशक काे मनोरंजन के साथ ेरणा भ दमलेग। िहलाएपिसोडपयंिाचोिड़ािेसाथहोगा? Â हां। मने दयंका के साथ 10 साल पहले काम दकया था। तब उनह जयादा जानने-समझने का मौका नह दमला। हां, उसके बाद उनके बारे म कार कुछ पढ़ता रहा। उनक दरलम, खासकर ‘मेर कॉम’ मुझे बहुत अचछ लग। वे छोटशहर से आई ह। उनका यहां कोई नह था। यहां तक पहुंचने म उनहने बहुत संघर और मेहनत क है। कयाआिमानतेहपिपजनिेनाते-रिशतेवालेमनोिंजनजगत मनहहोते,उनहजयादासंघरििनािड़ताहै? Â यह साई तो जगजादहर है। म उनक जयादा शंसा करता हूं जो दबना दकस गॉड रादर के अपने जुझार रवैये से यहां तक पहुंचते ह। अपन मेहनत और काम के बलबूते पर इतने शंसक बनाते ह। यह बहुत बड़ बात है। सेपलपीिेजीवनिीछोी-सेछोीबातिोजाननेिेपलए पिसतिहरिसचिितेह? Â चार लोग को टम है, जो दो महने पहले से लोग के बारम सच-ररसच कर रह है। वे लोग उनके बारे म जानकार इकठा करने के दलए उनके दोसत से जाकर दमलते ह। इसकअलावा अखबार, इंटरनेट, सोशल साइट पर जाकर उनकबारे म जानते ह। शो शुर होने से आधा घंटे पहले उनसे वातालाप करते ह। इस बार 13 एदपसोड म 16 लोग आएंगे। जीवनिेपिसमोड़ििलगापि‘िुछभीहोसिताहै’? Â कई ऐसे मोड़ ह, जब मुझे लगा दक अब तो लाइर म कुछ भ हो सकता है। पहला, जब मेरा ामा सकूल म दसलेकशन हो गया था। उस समय मां के मंददर से 100 पए चुराकर दशमला से चंडगढ़ चला गया था। मने 31 वर म 491 दरलम क है। अब पलटकर यह आंकड़ा देखता हूं तो ऐसा लगता है दक ‘कुछ भ हो सकता है’। आििाशो‘सेनसमपथंगुअनुिमअंिल’बमबहुत ििलिथा।उसिानयासीजनकयनहआिहा? Â उसके बाद उस चैनल क तरर से ऑरर ह नह आया। यह बात 15 से 18 साल पहले क है, उस समय ब का बचपना, उनक मासूदमयत अलग होत थ, अब ब म कार दडररस आ गया है। अब के बे कुछ आगे बढ़कर दडसकस करते ह। आजेलीपवजनििरिएपलीशोजिीसंखयाबढ़तीजािहीहै। अाििेपहसाबसेइसिीमुखयवजहकयाह? Â पहले दूरदशन सदहत कुछ दगने-चुने चैनल ह हुआ करते थे। दशक को वैरायट नह दमलत थ। चूंदक अब 500 से जयादा चैनल हो गए ह। तरह-तरह के शोज साररत हो रहे ह। दशक को वैरायट दमल रह है। ऐसे म लोग क उतसुकता और बढ़ रह है। अब दशक का दच-झान अलग तरह के मनोरंजन क तरर बढ़ रहा है। उनह एकशऔर रएदलट देखने का दल करता है। आिनेिुिाने-नएबहुतसे िलािाि िेसाथिामपियाहै। सबसेबेहतिीनिौनलगा?खापसयतबताएंगे? Â दकस एक-दो का नाम लेना बड़ा मुसकल है। खुशदकसमत दक मुझे सभ लोग अचछे दमले। मेरा मानना है दक आप अचछे हगे तो आपको अचछे लोग दमलगे। अभ नए कलाकार म वण धवन, आददतय रॉय कपूर, रणबर कपूर आदद के साथ काम दकया, सभ बड़े अचछे इंसान और उमदा कलाकार ह। अभ सलमान (खान) के साथ ‘ेम रतन धन पायो’ कर रहा हूं। उनके साथ काम करके बड़ा मजा आ रहा है। उतना ह मजा नरज पांडे क दरलम ‘बेब’ म अय कुमार के साथ काम करके आया। आप दजनके साथ काम करते ह, उनसे आपक दमता हो जात है। हां, मेरे खास दम म अदनल कपूर, सतश कौदशक आदद ह। भसवष की ोजना का है? अभ तो यह शो कर रहा हूं। इसके अलावा ‘ेम रतन धन पायो’ इस दपावल पर रलज होग। नरज पांडे क एक दरलम कर रहा हूं। एक नाटक के दसलदसले म 4 अगसत को दो महने के दलए बाहर जा रहा हूं, इसके कुल 25 शोज करने ह। शो म शासमल होने वाले 16 िेसलसटी के नाम दयंका चोपड़ा, अदनल कपूर, वहदा रहमान, माधुर ददत नेने, काजोल, मनोज वाजपेय, इररान खान, गुलजार, ऋदर कपूर, तबबू, आशा पारेख, परेश रावल, बोमन ईरान, सोनू दनगम, सुरेश रैना और सादनया दमजा। मि सवतंता सेनानी गौिहरि दास पि बनी बायोपक ‘गौि हरि दासतां- द ीडम फाइल’ म मुखय भूमकाएं वनय पाठक औि ककणा सेन शमा ने नभाई ह। दोन कलाकाि से उमेश उपाधयाय की बातचीत: सुखयां के लए चाि नही किता गौ िहरिदासतां...म िेपिनमुिोमुखतासेपदखायाजाएगा? } यह आजाद म गुमनाम गौर हरदास क कहान है। दरलम म उनक सादग, संघर और उनके दवचार को मुखता द गई है। उनह अपन पहचान क ामादणकता पाने के दलए 20 वर तक ऑदरस-दर- ऑदरस दौड़ना पड़ा। अंतत: दससटम थक गया और उनक जत हुई। बायोदपक करना दकतना मुसकल होता है, जबदक दकरदार जदवत हो? } कहान एक अचछ लय म दपराेई गई हो, तब कोई मुसकल नह होत। इसक सपट बहुत अचछ दलख गई है, इसदलए इसे दनभाने म कोई असुदवधा नह हुई। मदटंग, शूदटंग के दौरान गौर ज हमारे साथ रहते थे तो कार सहूदलयत दमल। सबसे बड़ बात यह दक दनमाता-दनदशक ारा मुझे इस दकरदार को जवंत बनाने के दलए कार छूट दमल थ, इसदलए भ इसम खुलकर खेल सका हूं। साथीिलािािखासििििणासेनशमािेबािेमकयािहगे? } साथ कलाकार के बारे म दजतना कहूं, उतना कम है। ककणा, रणवर शौर के साथ पहले काम दकया है। सभ मंजे हुए उमदा कलाकार ह। ककणा बड़ सहज और सरल ह। अगर हम इस दरलम म काम न भ करते तो भ हम दमलते रहते ह, कयदक वे हमार पड़ोस ह। आििामतोउमदािितेह,पििचाि-सािसेकयदूििहतेह? } ऐस बात नह है दक दूर रहता हूं, दजतना कर सकते ह, उतना करते रहते ह। हां, सुदखयाें म बने रहने के दलए बेवजह का चार नह करता। आिने पिछली मुलािात म बताया था पि िोई साेिी पलख िहे ह। उसिाकयाहुआ? } म दलखता रहता हूं। अगर संयोग बना तो जलद ह लोग के सामने आएग। आजिेपसनेमािेबािेमकयािायिखतेह? } समय के साथ हर चज म सुधार होता है। इस तरह दसनेमा म भ कार सुधार आया है। आज मलटपलेकस क वजह से हर तरह क कहादनयां दशक को देखने को दमल रह ह और वे उसे पसंद भ कर रहे ह। इससमयिौन-िौनसीपिलमिििहेह? } दरलम ‘दचदड़या’ म बाल का रोल पले कर रहा हूं। इसक कहान ब और उनक समसया के इद-दगद घूमत है। दूसर दरलम दचका ओबेरॉय दनदशत ‘आइसलड दसट’ है, जो आधुदनक मुंबई क कहान बयां करेग। इसम आज क समसयाएं ददखाई जाएंग। ‘दटकट टु बॉलवुड’ क शूदटंग अगले महने से शुर होग। सपोटव िोल किने म कोई ििक नह िलमीदासबनीह,उसिेबािेमबताएंगी? } लम दास सवतंता सेनान क प है, लेदकन उनह तो कोई सररयस ले रहा था और न सपोट कर रहा था। उनके बेटे को न तो सकॉलरदशप और न ह नौकर दमल रह थ। लोग उनह ताने मारने लगे थे दक वे तो पागल हो गए ह, ऐसे ह, वैसे ह। यहां तक दक बेटा भ अपने दपता के पररम को ढग समझते हुए साथ छोड़कर चला जाता है। लम अपने पदत, बेटे और लोग के तान के बच दकस तरह दपसत ह, यह हमने इस दरलम म ददखाया है। इसपििदाििोपनभानेमजयादामेहनतििनीिड़ी? } नह, जयादा मेहनत तो नह करन पड़, लेदकन दकरदार दनभाने से पहले उस पर खूब रसच दकया। सबसे बड़ा चैलज लम दास ज क उ को लेकर था। मुझे 60 वरया मदहला जैसे ददखना और चलना-दररना था। म और दवनय (पाठक) कई बार उनसे जाकर दमले और कार चचा क। उनके हाव-भाव, रहन-सहन देखा और समझा तब जाकर म लम बन पाई। ि-सािपवनयिाठििेसाथिामिाअनुभविैसािहा? } उनके साथ मने पहले भ कई बार काम दकया है। वे हमारे बहुत अचछे दोसत ह। इसके जयादातर कलाकार सौरभ शुकला, रणवर शौर, तदनषठा चटज, असरान, दवम गोखले आदद कलाकार हमार सकल के ह ह, इसदलए काम करना और आसान हो गया। कयाअिनीमांअिणासेनिेसाथिोईपिलमिििहीह? } उनके साथ एक 80 दमनट क शॉट दरलम ‘सार रात’ बनाई है। कुछ और करने क योजना है, देदखए कया होता है। आिएिपिलमडायिेकििनेवालीथ।वहपिससेजििहै? } उस पर अभ बात नह कर सकत, कयदक उसका बहुत सदसदटव सबजेकट है। हां, उसके ोडकशन और काससटंग आदद पर काम चल रहा है। जैसे ह कुछ राइनल हाेगा, आपको पता चल जाएगा। औििौन-िौनसीपिलमिििहीह? } दो दहंदरलम कर रह हूं। ‘तलवार’ है, इसम नूपुर तलवार क भूदमका दनभा रह हूं। इसे मेघना गुलजार डायरेकट कर रह ह। दूसर काश झा ोडकशन क ‘दलदपसटक वाले सपने’ है। यह चार मुसलम औरत क कहान है। अभ एक बंगाल दरलम ‘कादंबर’ रलज हुई है। दूसर ‘शेशेर कदवता’ क है, जो रवननाथ टैगोर क लासट कदवता पर आधारत है। यह दुबई दरलम रेससटवल म ददखाई जा चुक है। दरलहाल तो बस इनह सबम वयसत हूं। KONKONA SEN VINAY PATHAK ककणा सेन के साथ ल दास। ज़रर नह दक म दसर मेन कैरेकटर दनभाना चाहत हूं। मुझे सपदटव कैरेकटर दनभाने म कोई दहचक नह है। मुझे सपदटव रोल दनभाना अचछा लगता है, बशत वह दमदार हो। }सिलम म िपोसटव रोल सनभाने पर... यह दरलम आम आदम क कहान है। कोई दकस काम के दलए दफतर म एक-दो बार या तन बार जाता है तो उसका धैय टूट जाता है, लेदकन गौर हर एक ह काम के दलए इतन बार दफतर-दफतर चककर लगाते रहे। वे यहां तक बताते ह दक दकस दफतर म दकतन सदढ़यां चढ़न होत ह। इसके बावजूद उनम कटुता नह आई और बड़े धैय से काम दलया। }सिलम की खासित बताते हुए... विनय पाठक के साथ सितंता सेनानी गौरहर दास। पाकसतान म बैन लगने के बाद "बगसतान' चचा म आ गई है। पुलकत को इससे काफी उममीद ह। उनसे हुई मुलाकात : ब तक जदतर कॉमेडी रोल ही मकए ह! े इेफक ह मफर कॉमेडी म जद इंस ह? } जो कैरेकटर एंटरटेदनंग होता है, उसे ह चुनता हूं। भले वो कॉदमक हो या दरर कोई और! `डॉल क डोल' म मेरा रोल अलग था, लेदकन हालात हंस भरे थे। `रुकरे' को भ ेदडशनल कॉमेड नह कहा जा सकता। रितेशदेशमुखिेसाथिैसाअनुभविहा? } उनके साथ बदढ़या वकत बता। ररतेश सेट पर धड़लले से मराठ म बात करते थे। म मुंबई का नह हूं, इसदलए मेर समझ म कई शबद नह आते थे। मने उनह ूटर बना दलया और उनसे मराठ सखने क भरपूर कोदशश भ क। बच म एक ददन हम दोन मुंबई क मोहमद अल रोड तक गए थे, तादक जायकेदार खाना खा सक। दरलम क शूदटंग म बाक बात के साथ एक अचछ चज ये भ होत है दक कई लोग बेहतरन दोसत बन जाते ह। पिसीिैिेकििीतैयािीिैसेिितेह? } असल दज़ंदग से ह इसनसपरेशन लेता हूं। जहां शूदटंग होत है, उन जगह पर लोग के मैनरजम को देखता, पढ़ता और समझता रहा हूं। अब कोई जरर नह है दक सखा हुआ तुरंत कह अपलाई कर ददया जाए, लेदकन कई बार बाम ऑबजवशन कार काम आता है। बदगसतान म जो कैरेकटर पले दकया है, उसक समाइल दरलम के राइटर पुनत कृषणन से कॉप क है। वे बएचयू के ह पढ़े ह तो उनसे लगवेज के इनपुट दलए। पुनत क ये खादसयत है दक वे जब गुसे म होते ह, तब भ मुसकान उनका साथ नह छोड़त। बनारस जैस चाय और चाट और कह नह दमलत... तो ये सारे अनुभव भ कैरेकटर तैयार के काम आते ह। बीतेिुछवरसेऑिबीपिलम िािीचल िही ह।िंिोजयादातवोदीजानेलगीहै! } मुझे ऐसा नह लगता। अचछ सटोरज़ को हमेशा इंपवाटस दमल है। `ददल चाहता है' म ेशनेस थ तो वह खूब चल। ऐसा सलम- जावेद के ज़माने से हो रहा है। सध स बात है दक दजस दरलम क सटोर इंेसटंग नह होत, वह फलॉप हो जात है और दजसम दम होता है, उसे दशक हाथ-ओ-हाथ लेते ह। दपकचर म नयापन होना चादहए... ऑरबट या ऑनबट जैसा कोई कलादसदरकेशन नह होता। कोई भ ान लेने के दलए दरलम देखने नह आता। दशा हादसल करने के दलए लोग सकूल जाते ह, इसदलए जो कटट लोग को एंटरटेन करता है, वह उनह पसंद आता है, दसंपल! आनेवालीपिलमिौन-सीह? } 12 ररवर को `सनम रे' आएग। ये लव सटोर है। पहल बार म पयार क कहान सुन और सुना रहा हूं। इसके बाद `जुनूदनयत' ररलज होग। यह भ ेमकथा है। Áचणदशुक हेलन को थोड़ी खुशी थोड़ ग़म... टी.ी. की पशप िई बलाल ारा हेलन रसेका का सेकसुअल हैरेसमट करने और उसके बाद हेलन ारा साई बलाल पर केस दज कराकर उनह दो दन क पुदलस कसटड म दभजवाने क बात जगजादहर है। लेदकन इस पूरे वाकये से हेलन को थोड़ खुश तो थोड़ा गम भ है। खुश इस बात क दक उनह इंसार दमला और बलाल सलाख के पछे गए, लेदकन गम यह है दक कोट जाते ह उनह जमानत दमल गई। उनका दूसरा गम यह भ है दक ऐसे लोग के पररवार पर कया बतत होग, जो बेगुनाह होते ह। हेलन कहत ह-‘ऐसे लोग सबक दमलने के बावजदू नह सखते। युिा का चैनल कहे जाने िाले ‘विंदास चैनल’ पर 16 अगसत से नए शो ‘विंदास नाच’ का सारण शु होगा। यह तीन डांसर दोसत के सपन की कहानी होगी। ये तीन देश भर से 5 ऐसे लड़के- लड़वकय को ढूंढ़गे, जो इनके साथ लॉस एंवजलस म होने िाले ‘िलड ऑफ डांस’ कंपटीशन म वहससा लेग। इनकी इस पूरी जन को 10 एवपसोड म वदखाया जाएगा। यह िीक एंड शो होगा। मबंदस िर ‘मबंदस नच’ िऔिडांस!नाचने िाशौििबऔि िैसेहुआ? Â मुझे डांस का शौक नह है। मने तो इसे चुनौत क तरह सवकार दकया है तादक डांस सख जाऊ। इसका एक और रायदा है दक म इस मंच से अपन राउंडेशन ‘कैप’ (दकेट अकेडम ऑर पठान) का चार कर पाऊगा। जो धन यहां से दमलेगा, कैप म लगाऊगा। डांससीखतेवक़तकयािपठनाईिेशआिहीहै? Â सबसे बड़ ददककत सटेप याद रखने क है। म सटेप ह भूल जाता हूं ( हंसने लगते ह)। पिेऔिडांसिेसेजमकयाअंतिमहसूसपिया? Â दोन अपोदजट ह। दकेट मेरा पैशन है, उसम म सररयस हो जाता हूं। कैसे बॉल डालना है... उसके दलए कैसे हाथ घुमाना है... कैसे खेलना है... दौड़ना है... छोट- से-छोट बात काे धयान म रखना पड़ता है। डांस तो रन है, बड़े मजे लेकर कर रहा हूं। सबसेअचछापिसिाडांसलगताहै? Â (तपाक से...) रैसल खान का। रैसल ख़ान इज वेगुड डांसर। उनक खादसयत यह है दक वे डांस करते समय कैरेकटर म घुस जाते ह। इसके अलावा शदमता शेट, रफतार, सोम आदद बहुत अचछे ह। जजेसिेबािेमकयािायहै? Â मेरा एं पर दजस तरह से जजेस ने वेलकम दकया, बहुत अचछा लगा। शादहद कपूर बड़े अचछे डांसर और कलाकार ह। करण जौहर क कमटर बड़ दनराल है। लॉरेन का तो कहना कया... सभ के सभ बहुत अचछे ह। औिपिनेमजानेिीपजासाहै? Â वापस दकेट म जाकर अपने पैशन को जार रखूंगा। कयािाजनीपतमभीहाथआजमाएंगे? Â अभ वह बड़ दूर क बात है। दसर दकेट पधयान दूंगा। जैसापिपिेिेबािेमलोगसोचते-िहतेहपियहतो पिकसहोताहै।इसतिहआिेलीपवजनमकयादेखतेह? नो... नो कमट। इस बारे म कोई कमट नह करना चाहूंगा। Áउमेशउपाधा जॉनी वॉकि को जब इलाके म होनवाले कसी नाटक-नौटंकी का पता चलता तो उसम बेसाखतगी से शिकत कि लेते थे। शाहद कपूि के साथ िलक िीलोडेड नाम से शु हुए 'िलक दखला जा-8' म नई एंी हुई है केटि इिफान पठान की। उनसे इस शो को लेकि हुई संपत बातचीत। साथ ही 'िलक' के अनय तभागय ने भी इस डांस शो म अाने का मकसद, तैयािी के बािे म बताया: TALK WITH IRFAN कवता कौशक चार साल से अाॅफर आ रहे थे, लेवकन विजी थी तो इसे कर नह सकी। अि मौका वमला है तो दशक को पुवलसिाली का अलग अंदाज वदखा रही हूं। म मानती हूं वक नृतय एक दायरे म रहकर करना चावहए। उसम चंचलता और मसती होना अची िात है, अशलीलता नह। मुझे सनाया ईरानी की परफॉमस काफी अचा लगती है। िे डांस करते िकत गुवड़या जैसी लगती ह। सुभरीत से ेरणा वमलती है। शमता शेटी मेरे िारे म लोग समझने लगे थे वक मने एककटंग ोड़ दी। म दूसरा ऑपशन ढंढ़ रही थी। मने लंदन से इंटीरयर डेकोरेशन की पढ़ाई और इंटनवशप की और अपनी कंपनी खोल ली। मुझे डांवसंग पसंद है, इसवलए अपना टैलट वदखाने यहां चली आई। जि नाचती हूं तो सारी वचंताएं दूर हो जाती ह। सटेज पर निस भी होती हूं। िहन (वशलपा शेटी) एक वदन सेट पर आ और कहा, डांस करो तो वदल से करो। फैजल ख़ान यही उममीद लेकर आया हूं वक जैसे ‘डीआईडी-2’ जीता था, िैसे ‘झलक वदखला जा’ भी जीत सकूं। डांस मेरे शरीर, मेरी आतमा, मेरे खून म रचा-िसा है। इस शो का अलग फन है। पहले सोचता था वक ऑवडयंस को कैसे फेस कंगा? ति मेरे गु ीकांत जी ने िताया वक पहले सटेज पर चढ़ो, भले ही सटेप भूल जाओ। उनहने मेरे एक परवचत लड़के के सामनमुझे नचाया तो मेरा डर वनकल गया। सुभिीत कौि डांस ही मेरी लाइफ है। मने जि से होश संभाला, ति से डांस करती आई हूं। एकसीडट के िाद डांस से ही िीकनेस को सांग िनाना सीखा है।मुझे ‘इंवडयाज गॉट टैलट’ से पहचान वमली। उससे पहले मने कभी सोचा नह था वक डांस को एज ोफेशन कररयर िनाऊंगी। मने कभी पाटनर के साथ डांस नह वकया। इसम मेरी कोरयोाफर मेरी िीकनेस को नजर म रखते हुए डांस वसखाती ह। आशीष चौधिी मुझे हारने का डर नह है। म तो अपने िटे की आंख म जीत चुका हूं। जि एककटंग की शूवटंग होती तो म खुशी-खुशी जाता, लेवकन वजस वदन डांस शेूल म होता, उस वदन मन भारी हो जाता था। म पावटय म भी नह नाचता। इसम अपने अंदर वपे डांस के डर को दूर करने आया हूं। इस समय म जी-जान लगाकर डांस सीख रहा हूं। हालत ये है वक तीन वदन म वसफ 3 घंटे ही सो पा रहा हूं। जब मुंबई म आया था, तब न दकस को जानता था, न ह कोई मुझे पहचानता था। इस दलहाज से, अपने सकसेस रेट से कार संतुषट हूं। आज मेर एक पहचान है। लोग मेर पररॉमस को पसंद करते ह और म अपने इंेसट क दरलम चुन पा रहा हूं, ये कार है। }कररअर की रफतार के बारे म पछे गए िवाल पर...

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