काटस ैट -3 स ैट े लाइट...Environment & Science and Tech (November)...

Post on 21-Feb-2020

2 views 0 download

Transcript of काटस ैट -3 स ैट े लाइट...Environment & Science and Tech (November)...

  • Environment & Science and Tech (November)

    इसरो ने रचा इ�तहास, लॉ�च �कया काट�सटै-3 सटेैलाइट

    भारतीय अतं�र� अनसुंधान संगठन (इसरो) 27 नवंबर 2019 को सबुह 9.28 बजे �म�ल�� सटेैलाइट काट�सटै-3 को लॉ�च �कया. काट�सटै-3 सटेैलाइट को �ीह�रकोटा म� ि�थत सतीश धवन अतं�र� क� � से पीएसएलवी-सी47 के ज�रए लॉ�च �कया गया. इसके साथ 13 अमे�रक� सेटेलाइट भी लॉ�च �कये गये. इसरो ने 27 नवंबर क� सबुह देश क� सरु�ा हेत ुएक नया इ�तहास रचा है.

    यह ��ेपण आ�ं �देश म� �ीह�रकोटा रॉकेट बंदरगाह से 27 नवंबर 2019 को सबुह 9.28 बजे श�ु हुआ. इसे पहले 25 नवंबर 2019 को लॉ�च करने के �लए श�ेयलू �कया गया था.काट�सटै-3 सटेैलाइट सेना के �लए बेहद मददगार सा�बत होने वाला है.

    इसरो के मतुा�बक 13 अमे�रक� ननैो सटेैलाइट लॉ�च करने क� समझौता पर हाल ह� म� बनाई गई �यवसा�यक शाखा �य ू�पेस इं�डया �ल�मटेड ने क� थी. काट�सटै-3 को 509 �कलोमीटर ऑ�ब�ट म� �था�पत �कया जाएगा. छह ��ैपऑ�स के साथ पीएसएलवी क� 21वीं उड़ान थी. जब�क, पीएसएलवी क� 74वीं उड़ान थी.

    र�ा �वशषे�� के अनसुार, अभी तक इतनी सट�कता वाला सटेैलाइट कैमरा �कसी देश ने लॉ�च नह�ं �कया है. अमे�रका क� �नजी �पेस कंपनी �डिजटल �लोब का 'िजयोआई-1' सटेैलाइट 16.14 इंच क� ऊंचाई तक क� त�वीर� ले सकता है.

    काट�सटै-3 सटेैलाइट के बारे म�

    काट�सटै-3 एक तीसर� पीढ़� का फुत�ला, उ�नत उप�ह है. इसम� उ�च-�रजॉ�यशून इमेिजंग �मता है. यह सटेैलाइट अतं�र� से भारत क� सीमाओ ंक� �नगरानी करने म� भी सहायता करेगा. साथ ह� �ाकृ�तक आपदाओ ंम� भी सहायता करेगा. इसे 97.5 �ड�ी के झुकाव पर 509 �कमी क� क�ा म� रखा जाएगा.

    यह सटेैलाइट उ�च गुणव�ा वाले फोटो �दलाएगा. यह उप�ह शहर� �नयोजन, �ामीण संसाधन और ब�ुनयाद� ढांचे के �वकास, तट�य भ�ूम उपयोग और अ�य क� मांग� क� प�ूत � हेत ुत�वीर� ले सकेगा. इस सेटेलाइट का कैमरा इतना मजबतू है �क वे अतं�र� से जमीन पर 0.25 मीटर अथा�त 9.84 इंच क� ऊंचाई तक क� �प�ट त�वीर� ले सकता है.

  • कर�ब एक �मनट बाद 13 अमे�रक� ननैो सटेैलाइट� म� से एक को क�ा म� रखा जाएगा. काट�सटै-3 एक प�ृवी अवलोकन सटेैलाइट है िजसका वजन 1,625 �कलो�ाम है. पीएसएलवी रॉकेट के टेकऑफ करने के 26 �मनट और 50 सेक� ड बाद यह अ�ंतम उप�ह को उसक� क�ा म� �था�पत करेगा.

    प�ृठभ�ूम

    05 मई 2005 को काट�सटै सीर�ज का पहला सटेैलाइट काट�सटै-1 पहल� बार लॉ�च �कया गया था. 10 जनवर� 2007 को काट�सटै-2 को लॉ�च �कया गया था. 07 �सतंबर 2019 को चं�यान-2 के �व�म ल�डर के साथ संपक� खो जाने के बाद यह इसरो का पहला ��ेपण है.

    �मशन गगनयान: �स म� ��श�ण हेत ु12 संभा�वत या��य� को चनुा गया

    गगनयान भारत का पहला मानव अतं�र� �मशन है. अतं�र� या��य� को प�ृवी क� �नचल� क�ा म� भेजा जाएगा. इस �मशन पर लगभग 10 हजार करोड़ �पये खच� ह�गे.

    गगनयान �मशन: भारत के अतं�र� म� पहले मानव �मशन ‘गगनयान’ हेत ु12 संभा�वत चालक दल के या��य� को चनुा गया है. भारतीय वायसेुना �मखु एयर चीफ माश�ल आरकेएस भदौ�रया ने 14 नवंबर 2019 को कहा �क इसरो के पहले मानव �मशन गगनयान हेत ुअतं�र� या��य� का चनुाव पेशवेर तर�के से �कया जा रहा है.

    �धानमं�ी नर�� मोद� ने गगनयान को अपना �ीम �ोजे�ट बताया है. भारतीय अतं�र� अनसुंधान संगठन (इसरो) भारतीय वायसेुना के साथ �मलकर �धानमं�ी नर�� मोद� के सपने को परूा करने हेत ुकाम कर रहा है.

    भारतीय वायसेुना सेना (IAF) ट�म इसरो के साथ सम�वय कर रह� है तथा अतं�र� यान के �डजाइन के पहलओु ंको देख रह� है जसेै �क जीवन र�क �णाल�, कै�सलू का �डजाइन, साथ ह� �वमानन �च�क�सा �को�ठ यह स�ुनि�चत कर रहा है �क इसरो चनुौती का सफलतापवू�क सामना कर सफलता �ा�त करे.

    �स म� ��श�ण

  • भारतीय वाय ुसेना के बारह लोग� को गगनयान प�रयोजना के �लए संभा�वत या�ी के �प म� चनुा गया है. इनम� से सात ��श�ण हेत ु�स गए ह�. �स गए सात संभा�वत अतं�र� या��य� के वापस आने के बाद चनेु गए शषे संभा�वत या��य� को ��श�ण हेत ुभेजा जाएगा.

    चयन ���या का पहला चरण परूा

    अतं�र� या�ा के �लए वाय ुसेना के क�म�य� के चयन क� ���या का पहला चरण परूा हो चकुा है. चय�नत लोग� को �स म� ��श��त �कया जाएगा. परू� ���या तय काय��म के अनसुार चल रहा है. इसरो ने गगनयान के ��ेपण के �लए �दसंबर 2022 तक क� समयसीमा क� घोषणा क� है. भारत अपने �वदेशी �मशन के मा�यम से पहल� बार अतं�र� या��य� को अतं�र� म� भेजेगा. अतं�र� जाने वाला या�ी का आय ु41 साल तक का हो सकता है.

    गगनयान �या है?

    • गगनयान भारत का पहला मानव अतं�र� �मशन है. इसरो इस �मशन म� पहल� बार तीन भारतीय� को सात �दन� के �लए अतं�र� म� भेजेगा.

    • भारत के अतं�र� �मशन गगनयान हेत ु‘अतं�र� या�ी चयन’ का पहला चरण परूा हो गया है.

    • यह ���या भारतीय वाय ुसेना �वारा एयर�पेस मे�ड�सन सं�थान म� क� जा रह� है.

    • इस �मशन पर लगभग 10 हजार करोड़ �पये खच� ह�गे. �मशन गगनयान के तहत 2022 तक भारत �कसी भारतीय अतं�र� या�ी को अतं�र� म� भेजेगा और �फर सकुशल वापस लाएगा.

    • राकेश शमा� भारत के पहले अतं�र� या�ी थे. उ�ह�ने 02 अ�लै, 1984 को सोयजू ट�-11 (�स) के मा�यम से अतं�र� क� या�ा क�. राकेश शमा� भारतीय वाय ुसेना के पायलट भी थे.

    वॉएजर-2: सयू� क� सीमा के पार पहंुचने वाला दसूरा यान बना

    https://www.jagranjosh.com/current-affairs/%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%9F-%E0%A4%85%E0%A4%AB%E0%A5%87%E0%A4%AF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B8-1448012491-catlistshow-2

  • अमे�रक� अतं�र� एज�सी नासा का वॉएजर-2 (Voyager 2) सयू� क� सीमा के पार पहंुचने वाला इ�तहास का दसूरा

    अ�ंतर� यान बन गया है. नासा के नाम एक और बहुत बड़ी उपलि�ध जड़ु गई है. नासा का वॉएजर-2 यान चार दशक

    से लंबे सफर के बाद सौरमंडल क� प�र�ध के बाहर पहंुचने वाला दसूरा यान बन गया है.

    नासा का ह� वॉएजर-1 इससे पहले इस सीमा के पार पहंुचा था. अमे�रका क� य�ूनव�स�ट� ऑफ आयोवा के शोधकता�ओ ं

    के अनसुार, वॉएजर-2 इंटर�टेलर मी�डयम (आइएसएम) म� पहंुच गया है. �व�ान प��का नेचर ए��ोनॉमी म�

    �का�शत अ�ययन के अनसुार, वॉएजर-2 ने 05 नवंबर 2018 को आइएसएम म� �वेश �कया था.

    आइएसएम �या है?

    सयू� से बाहर क� तरफ बहने वाल� हवाओ ंसे सौरमंडल के चार� तरफ एक बलुबलेु जसैा घेरा बना हुआ है. इस घेरे को

    हे�लयो�फेयर तथा इसक� सीमा से बाहर के अतं�र� को इंटर�टेलर मी�डयम (आइएसएम) कहा जाता है.

    आइएसएम म� वॉएजर-2

    यह �न�कष� यान पर लगे �ला�मा वेव उपकरण से �मल� �ला�मा घन�व क� र��डगं के आधार पर �नकाला गया है.

    व�ैा�नक� ने पाया �क �ला�मा क� बढ़� हुई घन�व अतं�र� यान क� ठंडी और उ�च �ला�मा घन�व म� मौजदूगी का

    �प�ट �माण है. इंटर�टेलर �पेस एक ऐसा �थान है जहां सौर हवाओ ंका गम� और कम घन�व वाला �ला�मा हमेशा

    बना रहता है.

    वॉएजर-2 से िजस तरह के �ला�मा घन�व के डाटा �मले ह�, उसी तरह के डाटा वॉएजर-1 से भी �मले थे, जब उसने

    आइएसएम म� �वेश �कया था. वॉएजर-1 ने साल 2012 म� सयू� क� सीमा को पार �कया था.

    वॉएजर-2 के बारे म�

    • वॉएजर-2 एक अमे�रक� मानव र�हत अतंर�ह�य शोध यान है. वॉएजर-2 को 20 अग�त 1977 को नासा �वारा

    ��े�पत �कया गया था.

    • वॉएजर-2 काफ� कुछ अपने पहले वाले सं�करण यान वॉएजर-1 के समान ह� था. वॉएजर-2 क� चाल 57,890

    �कलोमीटर ��तघंटा है.

  • • दोन� यान को उ�दे�य और पथ म� अतंर के साथ धरती से परे �ह� व अतं�र� के अ�ययन के �लए लांच �कया गया

    था. �पछले 42 साल से दोन� यान काम कर रहे ह�.

    हे�लयो�फेयर �या है?

    वॉएजर-2 पर लगे उपकरण� से हे�लयो�फेयर को समझने क� �दशा म� अ�य कई अहम जानका�रयां भी �मल रह� ह�.

    व�ैा�नक� ने अतं�र� यान पर लगे �भ�न-�भ�न उपकरण� से �ा�त डटेा का आकलन कर यह �नधा��रत �कया �क इस

    �मशन ने 5 नवंबर को हे�लयो�फेयर के अ�ंतम छोर को पार �कया है.

    यह है�लयोपाउज़ नामक एक ऐसा �थान है जहाँ कमज़ोर, गम� सौर हवा तार� के बीच के ठंड ेतथा घने मा�यम से

    �मलती है. इसे सौरमंडल का छोर भी कहा जाता है. सयू� से �नकलने वाल� चुंबक�य र�ज एक ऐसे गैसीय वातावरण का

    संरचना करती है जो �ह�

    क� क�ाओ ंसे बहुत दरू तक फैल� हुई हो. यह चुंबक�य �े� ह� हे�लयो�फेयर है. हे�लयो�फेयर एक लंबे वात शंकु के

    आकार का होता है.

    भारतीय वायसेुना ने सतह से सतह पर मार करने वाल� ��मोस �मसाइल का सफल पर��ण �कया

    भारतीय वायसेुना ने हाल ह� म� सतह से सतह पर मार करने वाल� दो ��मोस �मसाइल� का अडंमान �नकोबार �वीप समहू म� सफल पर��ण �कया. भारतीय वायसेुना ने ��मोस �मसाइल का अडंमान �नकोबार �वीप समहू के �ाक �वीप पर एक ग�तशील मंच से सफल पर��ण �कया है.

    �रपोट� के मतुा�बक, 21 अ�टूबर और 22 अ�टूबर 2019 को अडंमान �नकोबार �वीप समहू के �ाक �वीप पर भारतीय वाय ुसेना �वारा दो ��मोस �मसाइल� दागी गई थीं. इन �मसाइल� ने �ट�न ऑपरेशनल �े�नगं हेत ुफायर क� ग� अपने ल�य को एकदम सट�क तौर पर �व�त �कया.

  • ��मोस �मसाइल� ने तीन सौ �कलोमीटर दरू ि�थत ल�य पर एकदम सट�क �नशाना लगाया तथा उसे �व�त कर �दया. इस पर��ण-फाय�रगं का म�ुय ल�य भारतीय वायसेुना (आईएएफ) क� �मता को ल��त करने क� �मता क� जांच करना है.

    आईएएफ �वारा �कया गया �वीट

    आईएएफ ने �वीट कर कहा �क �मसाइल ने 300 �कलोमीटर दरू एक �नधा��रत छ�म ल�य को भेदा. उ�ह�ने कहा क� दोन� ह� मामल� म� ल�य को सीधे भेद �दया गया. �मसाइल क� फाय�रगं से भारतीय वायसेुना क� ग�तशील मंच से �ब�कुल सट�कता से जमीन पर ल�य को भेदने क� �मता म� व�ृ�ध हुई है.

    2.5 टन वजनी इन �मसाइल� का ल�य कर�ब 300 �कलोमीटर दरू था. दोन� ह� �मसाइल� ने अपने ल�य को सीधे-सीधे भेदने म� सफल रहा. �मसाइल क� फाय�रगं से वायसेुना क� ग�तशील मंच से �ब�कुल सट�कता से जमीन पर ल�य को भेदने क� �मता म� व�ृ�ध हुई है.

    ��मोस एक सपुरसो�नक �मसाइल

    ��मोस म�यम दरू� क� एक ऐसी सपुरसो�नक �मसाइल है. इसे �कसी एयर�ा�ट, �शप या छोटे �लेटफॉम� से भी दागा जा सकता है. भारत और �स का संय�ुत उप�म ��मोस एयरो�पेस इस �मसाइल का उ�पादन करता है. ��मोस भारत तथा �स के �वारा �वक�सत क� गई अब तक क� सबसे आध�ुनक ��ेपा�� �णाल� है. इसने भारत को �मसाइल तकनीक म� अ�णी देश बना �दया है.��मोस �मसाइल का नाम भारत क� ��मप�ु और �स क� म�कवा नद� पर रखा गया है. �स इस प�रयोजना म� ��ेपा�� तकनीक उपल�ध करवा रहा है. इस �मसाइल क� मारक �मता 290 �कलोमीटर है. यह �मसाइल 300 �कलो�ाम �व�फोटक साम�ी अपने साथ ले जा सकता है. �मसाइल क� ग�त �व�न क� ग�त से लगभग तीन गुना अ�धक है.

  • सांभर झील म� हजार� �वासी प��य� क� संदेहा�पद मौत सांभर झील पर हर साल कर�ब 50 हजार �ले�मगंो प�ी आत ेह�.

  • ● जांच के बाद पता चलेगा मौत के कारण का ● �ाथ�मक कारण- पानी का खारापन बढ़ना

    राज�थान क� राजधानी जयपरु के पास ि�थत सांभर झील म� हजार� प��य� क� मौत हो गई है. ले�कन

    इनक� मौत का कारण अभी तक पता नह�ं चल पाया है. इन प��य� क� मौत से �थानीय �शासन और लोग

    हैरान ह�. जयपरु से पहंुचे सरकार� अ�धका�रय� क� मान� तो प��य� का �वसेरा जांच के �लए भेज �दया गया

    है. जांच �रपोट� आने के बाद ह� प��य� क� मौत के कारण का खलुासा हो पाएगा.

    साइबे�रया, �हमालय से आत ेह� सांभर झील म� प�ी

  • मरने वाले प��य� म� �हमालय, साइबे�रया, नॉथ� ए�शया समेत कई देश� से आने वाले �वासी प�ी भी

    शा�मल ह�. ऐसा अदंाजा लगाया जा रहा है �क झील म� �कसी तरह कोई जहर�ला के�मकल पहंुचा गया या �फर

    झील म� कोई ऐसी चीज पहंुची है, जो बेजबुान प��य� क� जान ले रह� है.

    इन �जा�तय� के प��य� क� गई जान

    नॉदन� शावलर, �पनटेल, कॉनम ट�ल, �डी शले डक, कॉमन कूट गेडवाल, रफ, �लकै हेडड गल, �ीन बी ईटर,

    �लकै श�ेडर काइट कैस�पयन गल, �लकै �व�ंड �ट��ट, स�ड पाइपर, माश� स�ड पाइपर, कॉमस स�ड पाइपर,

    वडु स�ड पाइपर पाइड ऐबो�सट, क� �टस �लोवर, �ल�टल �र�ंस �लोवर, लेसर स�ड �लोवर.

    �या कहती है मौत क� जांच करने वाल� ट�म?

    प��य� क� मौत क� जांच करने गई ट�म के सद�य ने कहा �क मामला बड� �लू का नह�ं लग रहा है. हम�

    हमार� �ाथ�मक जांच म� ऐसा लग रहा है �क पानी म� कोई जहर�ल� चीज �मल गई है िजसक� वजह से

    प��य� क� मौत हुई है. पानी का खारापन बढ़ा हुआ है. ऐसा लगता है �क पानी म� नमक क� मा�ा बढ़ गई है.

    इसक� वजह से प��य� के खनू का बहाव कम हुआ होगा और �दमाग ने काम करना बदं कर �दया होगा.

    इस�लए प��य� क� मौत हुई है.

    �व�व �व�यात रामसर साइट है सांभर लेक

    सांभर झील एक �व�व �व�यात रामसर साइट है. यहां देशी-�वदेशी कई तरह के प�ी रहते ह� और �वास पर

    भी आते ह�. इस बार अ�छ� बरसात के बाद सांभर झील म� पानी क� अ�छ� आवक हुई थी, िजससे यहां आने

    वाले �वासी प��य� क� सं�या म� इजाफा होने क� उ�मीद जताई जा रह� थी. यहां हर साल 2 से 3 लाख प�ी

    �व�भ�न मौसम म� आत ेह�. िजनम� कर�ब 50 हजार �ले�मगंो और 1 लाख वेडस� शा�मल होत ेह�.

  • माइ�ोसॉ�ट ने लांच �कया ‘K-12 एजकेुशन �ांसफॉम�शन �ेमवक� ’

    Share Share Tweet Email

    अमे�रक� सॉ�टवेर कंपनी माइ�ोसॉ�ट ने हाल ह� म� ‘K-12 एजकेुशन �ांसफॉम�शन �ेमवक� ’ लांच �कया है, इसका उ�दे�य भारत के �कूल� के �डिजटल �पांतरण म� सहायता करना है। अब तक इस मॉडल को 50 से अ�धक देश� �वारा अपनाया जा चकुा है। K-12 एजकेुशन �ांसफॉम�शन �ेमवक�

    इसका उ�दे�य �व�भन टू�स उपल�ध करवा कर �कूल� म� मह�वाकां�ी प�रवत�न लाना है तथा �श�ा म� टे�नोलॉजी का समावेश करना है। इस �ेमवक� के चार �त�भ ह� नेत�ृव व नी�त, आध�ुनक �श�ा, ब�ु�धमान प�रवेश तथा टे�नोलॉजी �ल�ू�टं।

    माइ�ोसॉ�ट

    माइ�ोसॉ�ट एक अमे�रक� बहुरा���य कंपनी है। इसका म�ुयालय वा�शगंटन के रेडम�ड म� ि�थत है। माइ�ोसॉ�ट कं�यटूर सॉ�टवेयर तथा इले��ॉ�नक उ�पाद� का �नमा�ण करती है। माइ�ोसॉ�ट क� �थापना �बल गे�स और पॉल एलन ने 4 अ�लै, 1975 को क� थी। वत�मान म� माइ�ोसॉ�ट के सीईओ भारतीय मलू के स�य नडलेा ह�। माइ�ोसॉ�ट के उ�पाद ह� : माइ�ोसॉ�ट �वडंोज ऑपरे�टगं �स�टम, �बगं (सच� इंजन), ऑ�फस 365, आउटलकु, अ�योर, �ल�ंडइन (�ोफेशनल सोशल नेटवक� ), ए�स-बॉ�स (गे�मगं कंसोल) इ�या�द।

  • �पेस ए�स का �टार �लकं �ोजे�ट �या है?

    हाल ह� म� अमे�रका क� �नजी अ�त�र� एज�सी �पेस ए�स ने राकेट के �वारा 60 उप�ह� को अ�त�र� म� �था�पत �कया गया, यह उप�ह �पेस ए�स क� “�टार �लकं” प�रयोजना का �ह�सा ह�। इन उप�ह� को अमे�रका के �लो�रडा के केप कैनवेरल से फा�कन राकेट क� सहायता से लांच �कया गया। इस राकेट ने उप�ह� को 550 �कलोमीटर क� ऊंचाई पर �था�पत �कया। इन संचार उप�ह� क� सहायता से अ�त�र� से इ�टरनेट क� स�ुवधा �दान क� जायेगी। ��येक उप�ह का भार लगभग 575 प�ड (260 �कलो�ाम) है। इनका �नमा�ण अमे�रका के सीएटल के रेडम�ड म� �कया गया था। जब �टार �लकं समहू म� 800 से अ�धक उप�ह एि�टवेट हो जायेगा, तब यह ऑपरेशनल हो जायेगा। �टार �लकं �ोजे�ट के अतंग�त �पेस-ए�स ने अ�त�र� म� 12,000 संचार उप�ह �था�पत करने क� योजना बनाई है। इसके �वारा �व�व भर म� हाई-�पीड इ�टरनेट क� स�ुवधा �दान क� जायेगी।

    �पेस ए�स

    �पेस ए�स एक �नजी अमे�रक� अ�त�र� एज�सी है। इसक� �थापना एलोन म�क �वारा 6 मई, 2002 को क� गयी थी। एलोन म�क �पेस ए�स के वत�मान सीईओ ह�। इस अ�त�र� एज�सी क� �थापना का �मखु उ�दे�य अ�त�र� प�रवहन क� लागत कम करना तथा मंगल गहृ पर मानव ब�ती क� �थापना करना है। �पेस ए�स ने फा�कन रॉके�स क� �ृंखला तयैार क� है। अ�ंतर� प�रवहन क� लागत को कम करने के �लए �पेस ए�स ने र�-यजेूबल रॉके�स (पनुः इ�तमेाल �कये जा सकने वाले राकेट) �न�म�त �कये ह�। इन रॉके�स के अ�धक�र �ह�स� को अ�य लांच म� भी इ�तमेाल �कया जाता है।

  • चं�यान- 3 : भारत नव�बर 2020 तक च��मा पर दसूर� बार ल��डगं का �यास करेगा

    भारतीय अ�त�र� अनसु�धान संगठन ने नव�बर 2020 तक च��मा क� सतह पर सॉ�ट ल��डगं के �यास क� घोषणा क� है। हाल ह� म� इसरो का चं�यान-2 �मशन चं�मा क� सतह पर सॉ�ट ल��डगं करने म� नाकाम रहा था। सॉ�ट ल��डगं के समय इसरो का ल�डर �व�म से स�पक� टूट गया था। हालां�क चं�यान-2 का ऑ�ब�टर अभी भी अपना काय� पणू� कुशलता के साथ कर रहा है और यह लगातार च��मा क� हाई रेजो�यशून त�वीर� इसरो को भेज रहा है।

    �मशन च�ंयान-2

    चं�यान-2 भारत का चं�मा पर दसूरा �मशन है, यह भारत का अब तक का सबसे मिु�कल �मशन है। यह 2008 म� लांच �कये गए �मशन चं�यान का उ�नत सं�करण है। चं�यान �मशन ने केवल च��मा क� प�र�मा क� थी, पर�तु चं�यान-2 �मशन म� चं�मा क� सतह पर एक रोवर भी उतारा जाना था। इस �मशन के सभी �ह�से इसरो ने �वदेश �प से भारत म� ह� बनाये ह�, इसम� ऑ�ब�टर, ल�डर व रोवर शा�मल है। इस �मशन म� इसरो पहल� बार चं�मा के द��णी �वु पर ल�ड रोवर को उतारने क� को�शश क�। यह रोवर चं�मा क� सतह पर �मण करके च��मा क� सतह के घटक� का �व�लेषण करने के �लए �न�म�त �कया गया था। चं�यान-2 को GSLV Mk III से लांच �कया गया। यह इसरो का ऐसा पहला अतं��ह�य �मशन है, िजसमे इसरो ने �कसी अ�य खगोल�य �पडं पर रोवर उतारने का �यास �कया। इसरो के �पेस�ा�ट (ऑ�ब�टर) का वज़न 3,290 �कलो�ाम है, यह �पेस�ा�ट च��मा क� प�र�मा करके डाटा एक��त करेगा, इसका उपयोग म�ुय �प से �रमोट स��सगं के �लए �कया जा रहा है। 6 प�हये वाला रोवर चं�मा क� सतह पर �मण करके �म�ट� व च�टान के नमनेू इक�ठा करने के �लए बनाया गया था, इससे च��मा क� भ-ूपप�ट�, ख�नज पदाथ� तथा हाइ�ॉि�सल और जल-बफ� के �च�ह के बारे म� जानकार� �मलने क� स�भावना थी।

  • जापानी �पेस�ा�ट हायाबसुा 2 ने रयगु ु�ु��ह से घर वापसी क� या�ा श�ु क�

    जापान के हायाबसुा 2 �पेस�ा�ट ने रयगुु �ु��ह अपना शोधकाय� परूा कर �लया है। यह �ु��ह प�ृवी से लगभग 300 �म�लयन �कलोमीटर दरू ि�थत है। इस �पेस�ा�ट ने रयगुु क� सतह से नमनेू एक��त �कये है। एक वष� तक रयगुु �ु��ह पर शोधकाय� करने के बाद अब यह �पेस�ा�ट प�ृवी पर लौटने क� तयैार� कर रहा है।

    हायाबसुा 2

    हायाबसुा 2 जापानी अ�त�र� एज�सी �वारा भेजा गया �मशन है। इससे पहले हायाबसुा नाम से एक अ�य �मशन भेजा गया था जो 2010 म� �ु��ह के नमनेू लेकर वापस आया था। हायाबसुा 27 जनू, 2018 को रयगुु �ु��ह पर पहंुचा था। यह डढ़े वष� तक रयगुु �ु��ह का अ�ययन करेगा तथा बाद म� नमनेू वापस लेकर प�ृवी पर लौटेगा। यह �मशन संभवतः �दस�बर, 2020 तक प�ृवी पर स�पल लेकर वापस लौटेगा। रयगुु �ु��ह

    रयगुु �ु��ह प�ृवी के �नकट मौजदू है, यह अपोलो समहू का �ु��ह है। इससे सौर �णाल� से स�बं�धत काफ� मह�वपणू� जानकार� �मल सकती है। इससे ��मा�ड क� उ�प�� तथा �वकास के बारे म� जानकार� �मल सकती है।

  • Indigen Genome �ोजे�ट �या है?

    व�ैा�नक और औ�यो�गक अनसुधंान प�रषद (CSIR) ने आनवुां�शक बीमा�रय� पर डटेा तयैार करने और आने वाल� पी�ढ़य� म� आनवुां�शक बीमा�रय� के जो�खम को जानने के �लए देशभर क� �व�भ�न आबाद� से लगभग 1,008 भारतीय� क� परू� जीनोम सी�व��सगं कराई है। �ोजे�ट को IndiGen Genome �ोजे�ट कहा जाता है। IndiGen Genome प�रयोजना क� म�ुय �वशषेताएं

    अ�लै 2019 म�, CSIR �वारा IndiGen पहल क� गई थी। इसे CSIR-Genomics and Integrative Biology (IGIB), नई �द�ल� और CSIR-Centre for Cellular and Molecular Biology (CCMB), हैदराबाद �वारा लाग ू�कया गया था। प�रयोजना के प�रणाम म� कई �े�� म� काय� ह�गे। सपंणू�-जीनोम डटेा, सट�क �च�क�सा के उभरते �े� म� पता, आधारभतू डटेा और �वदेशी �मता के �नमा�ण के �लए मह�वपणू� होगा।

    पहल के लाभ

    परेू जीनोम अन�ुमण के मा�यम से मन�ुय� के आनवुां�शक �ल�ू�टं को �डकोड करने क� �मता आनवुां�शक बीमा�रय� क� जवै �च�क�सा �व�ान, महामार� सबंधंी क� सर के कुशल �नदान को स�म करने, अपे��त जोड़� और फामा�कोजेने�टक के �लए वाहक अन�ुयोग� को स�म करने म� सहायक होगी। इसके अलावा, IndiGen प�रयोजना के प�रणाम� का उपयोग जनस�ंया के पमैाने पर आनवु�ंशक �व�वधता को समझने के �लए �कया जाएगा और इस �कार नदैा�नक अन�ुयोग� के �लए आनवुां�शक �पांतर� को उपल�ध कराया जाएगा और रोग� क� आनवंु�शक महामार� �व�ान को स�म �कया जाएगा।

  • परेू जीनोम डटेा और बड़े पमैाने पर जीनो�मक डटेा के �व�लेषण से भारत म� नदैा�नक और बायोमे�डकल अन�ुयोग� के �लए �ौ�यो�ग�कय� के �वकास म� सबतू और सहायता को स�म करने क� उ�मीद है। यह स�ुनि�चत करेगा �क भारत अपनी अ��वतीय मानव �व�वधता के साथ जीनो�मक डटेा के मामले म� पया��त �प से ��त�न�ध�व करेगा और बड़े पमैाने पर जीनोम डटेा को एक �केलेबल तर�के से उ�प�न, �व�लेषण, रखरखाव, उपयोग और संचार करने के �लए �वदेशी �मता �वक�सत करेगा।

    Ecology

    जल �ौ�यो�गक� व पया�वरण �नयं�ण स�मेलन

  • के���य जल शि�त मं�ी गजे�� �सहं ने इजराइल म� जल �ौ�यो�गक� व पया�वरण �नयं�ण स�मेलन (WATEC) म� �ह�सा �लया। इस स�मेलन म� जल तथा पया�वरण �बंधन से स�बं�धत �ौ�यो�गक� पर चचा� क� गयी। इस स�मेलन म� �व�भ�न देश� ने जल से स�बं�धत �ौ�यो�गक� को ��ततु �कया। मह�व

    जल �बंधन के मामले म� इजराइल को आदश� देश माना जाता है। इजराइल 80% जल का उपचार करके इसका पनुः उपयोग कृ�ष के �लए �कया जाता है। इजराइल ��प इर�गेशन तथा सम�ु� जल को डीसेलाइन करने म� महारत रखता है। “Dynamic Ground Water Resources” �रपोट� के मतुा�बक कृ�ष से�टर म� 89% जल का उपयोग �कया जाता है। �रपोट� के मतुा�बक 10% जल क� बचत करने से जल क� उपल�धता अगले 50 वष� के �लए बढ़ जायेगी। भारत म� त�मलनाडु, राज�थान, उ�र �देश, तलेंगाना, पंजाब और ह�रयाणा म� जल क� सम�या काफ� �वकट है।

    रा���य जवै इंधन नी�त क� ��या�वयन अपड�ेस

  • के���य पे�ो�लयम तथा �ाकृ�तक गैस म�ंालय ने जनू, 2018 म� रा���य जवै इंधन नी�त के स�दभ� म� अ�धसचूना जार� क� थी। 18 नव�बर, 2018 को के���य पे�ो�लयम व �ाकृ�तक गसै म�ंालय ने इस नी�त के ��या�वयन के स�दभ� म� लोकसभा म� �ल�खत जवाब �दया है।

    सरकार �वारा उठाये गये कदम तथा उपलि�धयां

    ● 2013-14 म� पे�ोल म� 1.53% एथेनॉल �मलाया जाता था, 2017-18 म� पे�ोल म� एथेनॉल �म�ण क� दर

    4.22% कर द� गयी है।

    ● 2018-19 के �लए भारत सरकार ने �नधा��रत 225 करोड़ �पये ल�टर के मकुाबले अभी तक 180 करोड़ ल�टर

    एथेनॉल क� खर�द क� है।

    ● देश क� वा�ष�क एथेनॉल उ�पादन �मता 335 करोड़ ल�टर है।

    जवै इंधन पर मौजदूा सरकार� योजनाय�

    ● Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation �क�म के तहत देश भर म� 2023 तक

    5000 संपी�डत बायो गसै �लां�स क� �थापना क� जाएगी।

    ● एथेनॉल �ल�डडे पे�ोल �ो�ाम म� शा�मल तले माक� �टगं कंप�नयां अ�धकतम 10% �म��त एथेनॉल के साथ

    पे�ोल बेच सकती ह�।

    रा���य जवै इंधन नी�त, 2018

    इस नी�त म� जवै इंधन को �थम पीढ़� (1G), ��वतीय पीढ़� (2G) और ततृीय पीढ़� (3G) म� �वभािजत �कया गया है। इसम� ��येक �ेणी को उ�चत �व�ीय सहायता �दान क� जाती है। इसका उ�दे�य �कसान� को अ�त�र�त �टॉक से लाभदायक तर�के से �नजात �दलाना और देश के तले के आयात को कम करना है। इसके �लए सरकार ने एथेनॉल उ�पादन के �लए क�चे माल क� नयी �ेणी को अनमु�त द�, इसम� �मखु फसल� ह� : ग�ना रस, म�क�, कसावा तथा अ�य �टाच� य�ुत अ�न िजसका उपयोग मानव उपभोग के �लए नह�ं �कया जा सकता।